जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार बीएफए के निलंबित सीईओ सुरेन्द्र सिंह राठौड़ और दलाल संविदाकर्मी देवेश शर्मा को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों आरोपियों की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया (Bail of bribe accused denied by Special ACB Court) है.
अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों पर रिश्वत का गंभीर आरोप है और फिलहाल जांच लंबित चल रही है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती. जमानत अर्जी में राठौड़ की ओर से कहा गया कि लाइसेंस रिन्यू करने का अधिकार प्रमुख सचिव को है. इसके अलावा एसीबी ने जो 3.62 करोड़ रुपए जब्त किए हैं वे उसके बेटे की माइनिंग फर्म के थे. इसके जवाब में एसीबी ने कहा कि आरोपी ने रिश्वत की राशि को अपने बेटे के व्यवसाय में लगाया है और उसके खिलाफ अवैध तरीके से शराब रखने के मामले में दर्ज किए गए हैं.
पढ़ें: Jaipur ACB team action: एसीबी ने कनिष्ठ अभियंता को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
एसीबी ने कहा कि यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वह अनुसंधान को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उनकी जमानत अर्जियों को खारिज किया जाए. गौरतलब है कि एसीबी की टीम ने गत 7 अप्रैल को परिवादी का लाइसेंस रिन्यू करने की एवज में दलाल के जरिए पांच लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में राठौड़ को गिरफ्तार किया था. राठौड़ ने परिवादी से लाइसेंस रिन्यू करने व बिना रुकावट व्यापार करने की एवज में बीस लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी.