जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान जिले में जनजाति क्षेत्रों में संचालित योजनाओं के लाभार्थियों को लेकर विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने सवाल लगाया. जब सिंघवी इस सवाल को लंबा पढ़ने लगे, तो स्पीकर ने उन्हें टोका और कहा कि आप सीधा सवाल पूछें. सिंघवी ने सवाल तो पूछ लिया, लेकिन बैठते हुए कहा कि 'हुकुम बेरहम हैं. स्पीकर ने कहा हुकुम बेरहम नहीं रहमदिल हैं. इसके बाद भी सिंघवी ने कुछ कहा तो स्पीकर ने कहा कि फिर अगर बेरहम हैं, तो पूरी तरह ही हो जाते हैं. यह कहते हुए उन्होंने दूसरे सवाल के लिए विधायक को बुला लिया.
स्पीकर ने कहा कि आपने मुझे बेरहम कह दिया, तो फिर बाकी बचा क्या. इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore praise CP Joshi in Assembly) ने कहा कि आप तो रहमदिल हैं और आप जितना रहमदिल तो कोई है ही नहीं. इस पर स्पीकर ने राठौड़ को कहा कि आप बैठ जाइए. मुझे किसी वकील की आवश्यकता नहीं है. वकालत जहां करनी है, वहां तो करते नहीं हो और मेरे सामने वकालत कर रहे हो. वहीं जब विधायक के सवाल के जवाब में ना लिखा उत्तर दे दिया गया, तो स्पीकर ने अशोक लाहोटी को सप्लीमेंट्री सवाल पूछने से यह कहते हुए रोक दिया कि जब जवाब ही ना है, तो फिर आगे सप्लीमेंट्री सवाल का मतलब ही क्या. मंत्री उदयलाल आंजना के जवाब से असंतुष्ट विधायक गोपाल लाल शर्मा ने जब स्पीकर से जवाब दिलवाने की बात कही तो स्पीकर ने कहा कि जवाब है ही नहीं, तो क्या देंगे.
जल जीवन योजना कैसे सफल होगी: आज विधानसभा में स्पीकर सीपी जोशी पूरे एक्शन में नजर आए. उन्होंने जल जीवन मिशन योजना को लेकर मंत्री महेश जोशी को कहा कि राजस्थान में एक प्रतिशत पानी है. जब तक जल जीवन को इरीगेशन के साथ जोड़कर सतही जल रोकने का प्रयास नहीं करेंगे, तब तक घर-घर पानी नहीं पहुंच पाएगा. पहले विभाग यह सुनिश्चित करें कि हमारे पास जितना पानी उपलब्ध है, उतने कनेक्शन दें. इरीगेशन और पीएचइडी दोनों विभाग बैठकर भारत सरकार से पीएचइडी का पैसा इरीगेशन के सही बांध बनाने का काम करवाएं. नहीं तो यह योजना लागू नहीं हो पाएगी.
नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि क्या कारण रहा कि जल जीवन मिशन योजना के 13000 करोड़ में से केवल 4000 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाए. इस पर महेश जोशी ने कहा कि स्पीकर का सुझाव व्यवहारिक है. अब तक 5081 करोड़ खर्च कर चुके हैं. महेश जोशी ने स्वीकार किया कि शुरुआत में यह काम राजस्थान में कुछ धीमे तरीके से चला, लेकिन अब उस गति को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. जो पैसा कम खर्च कर पाए हैं, उसको हम तेज गति बढ़ाकर करेंगे. स्पीकर सीपी जोशी ने एक बार फिर कहा कि जब तक इरीगेशन डिपार्टमेंट, वाटर शेड डिपार्टमेंट, पीएचडी डिपार्टमेंट तीनों मिशन मोड में अगर काम नहीं करेंगे तो यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकेगी. इस पर महेश जोशी ने स्पीकर के सुझाव पर अमल करने की बात विधानसभा में कहीं.