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अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर सोटो व रोटो की सेमिनार में हुई चर्चा

अंगदान को लेकर सोटो और रोटो की ओर से जयपुर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेशभर के अंगदान को-ऑर्डिनेटर और सर्जन शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अंगदान को लेकर आमजन में जागरूकता बढ़ाने सहित इसमें आ रही दिक्कतों को लेकर भी चर्चा हुई.

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अंगदान को लेकर सोटो व रोटो की जयपुर में हुई सेमिनार
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Published : Jan 16, 2020, 5:49 PM IST

जयपुर. अंगदान महादान. अंगदान के जरिए व्यक्ति किसी को भी नई जिंदगी दे सकता है. इसी सोच को लेकर प्रदेश में सोटो और रोटो की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को अंगदान को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेशभर के अंगदान को-ऑर्डिनेटर और सर्जन शामिल हुए. सेमिनार में चंडीगढ़ से आई रोटो की टीम ने भी हिस्सा लिया.

अंगदान को लेकर सोटो व रोटो की जयपुर में हुई सेमिनार

सेमिनार में उपस्थित डॉक्टर्स ने बताया कि आज प्रदेश में अंगदान के लिए लोग आगे आने लगे हैं. एक व्यक्ति के अंगदान से 5 लोगों को नया जीवनदान मिल सकता है. सेमिनार में प्रदेशभर के अंगदान को-ऑर्डिनेटर और सर्जन ने भी अंगदान के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में अवगत करवाया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी चिकित्सा विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें : एसएमएस अस्पताल में हुआ पहला हार्ट ट्रांसप्लांट, चिकित्सा मंत्री ने जताई खुशी

सोटो के कंसल्टेंट डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि कई बार मरीज के ब्रेन डेड होने के बाद भी परिवार वाले अंधविश्वास के चलते अंगदान के लिए मना कर देते हैं. लेकिन व्यक्ति के ब्रेन डेड होने के बाद वो कई लोगों को नया जीवन दे सकता है और दुनिया में अंगदान से बड़ा कोई दान नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत देश सबसे बड़ा दानवीर देश के रूप में जाना जाता है. इसी तरह समय के साथ-साथ लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी.

जयपुर. अंगदान महादान. अंगदान के जरिए व्यक्ति किसी को भी नई जिंदगी दे सकता है. इसी सोच को लेकर प्रदेश में सोटो और रोटो की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को अंगदान को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेशभर के अंगदान को-ऑर्डिनेटर और सर्जन शामिल हुए. सेमिनार में चंडीगढ़ से आई रोटो की टीम ने भी हिस्सा लिया.

अंगदान को लेकर सोटो व रोटो की जयपुर में हुई सेमिनार

सेमिनार में उपस्थित डॉक्टर्स ने बताया कि आज प्रदेश में अंगदान के लिए लोग आगे आने लगे हैं. एक व्यक्ति के अंगदान से 5 लोगों को नया जीवनदान मिल सकता है. सेमिनार में प्रदेशभर के अंगदान को-ऑर्डिनेटर और सर्जन ने भी अंगदान के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में अवगत करवाया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी चिकित्सा विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.

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सोटो के कंसल्टेंट डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि कई बार मरीज के ब्रेन डेड होने के बाद भी परिवार वाले अंधविश्वास के चलते अंगदान के लिए मना कर देते हैं. लेकिन व्यक्ति के ब्रेन डेड होने के बाद वो कई लोगों को नया जीवन दे सकता है और दुनिया में अंगदान से बड़ा कोई दान नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत देश सबसे बड़ा दानवीर देश के रूप में जाना जाता है. इसी तरह समय के साथ-साथ लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी.

Intro:जयपुर- अंगदान महादान, अंगदान के जरिए व्यक्ति किसी को नई जिंदगी दे सकता है। इसी सोच को लेकर प्रदेश में सोटो और रोटो की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गुरुवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज में अंगदान को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेशभर के अंगदान कोऑर्डिनेटर और सर्जन शामिल हुए। सेमिनार में चंडीगढ़ से आई रोटो की टीम ने भी हिस्सा लिया। सेमिनार में उपस्थित डॉक्टर ने बताया की आज प्रदेश में अंगदान के लिए लोग आगे आने लगे है। एक व्यक्ति के अंग दान से 5 लोगों को नया जीवनदान मिल सकता है। सेमिनार में प्रदेशभर के अंग दान कोऑर्डिनेटर और सर्जन ने भी अंगदान के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में अवगत करवाया साथ ही उन्होंने कहा कि अभी भी चिकित्सा विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा की अगर घर में कोई व्यक्ति मरता है तो मातम मनाया जाता है लेकिन वही मरा हुआ व्यक्ति पांच लोगों को नई जिंदगी दे सकता है। सोटो के कॉउंसल्टेंट डॉ मनीष शर्मा ने बताया कि कई बार मरीज के ब्रेन डेड होने के बाद भी परिवार वाले अंधविश्वास के चलते अंगदान के लिए मना कर देते है लेकिन व्यक्ति के ब्रेन डेड होने के बाद वो कई लोगों नया जीवन दे सकता है और दुनिया मे अंगदान से बड़ा कोई दान नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत देश सबसे बड़ा दानवीर देश के रूप में माना जाता है। इसी तरह समय के साथ साथ लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।


Body:
बाईट- डॉ मनीष शर्मा, कॉउंसल्टेंट, सोटो


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