जयपुर. प्रदेश में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने अवैध व नकली बायोडीजल की रोकथाम के लिए एसओपी (मानक प्रक्रिया संहिता) जारी की है. एसओपी के अनुसार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर गठित राज्य स्तरीय समिति ने एक एसओपी (मानक प्रक्रिया संहिता) तैयार की है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं अन्य विभागों के समन्वय से इसे प्रभावी बनाया जाएगा. प्रदेश में अनाधिकृत रूप से बायोडीजल के नाम पर बिक्री किए जा रहे फ्यूल और पड़ोसी राज्यों से तस्करी कर अवैध और नकली डीजल लाकर बेचा जा रहा है. इससे राज्य को राजकोष की हानि हो रही है.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ये गाइडलाइन्स अवैध व नकली बायोडीजल पर नियंत्रण करने में प्रभावी सिद्ध होंगी. साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी होगी. विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि एसओपी के तहत बायोफ्यूल प्राधिकरण, खाद्य विभाग, पुलिस एवं वाणिज्यिक कर विभाग अनाधिकृत रूप से बायोडीजल की बिक्री करने वालों के खिलाफ पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाकर सख्त कार्रवाई कर सकेंगे.
इस तरह होगी कार्रवाईः विधिक प्रावधानों के तहत पंजीकृत बायोडीजल मोबाइल रिटेल आउटलेट संबंधित जिले में ही स्वयं के चिह्नित स्थान पर ही बायोडीजल की बिक्री कर सकते हैं. वे रोड साइड या सार्वजनिक स्थानों पर रिटेल बिक्री नहीं कर सकते. बायोफ्यूल प्राधिकरण की ओर से पंजीकृत बाउजर व वाहन पर वितरण के अधिकारिता क्षेत्र एवं अनुज्ञा पत्र का प्रदर्शन आवश्यक है.
किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित रिटेल आउटलेट के पंजीकरण प्रमाण पत्र, अधिकृत बायोडीजल विनिर्माता से बायोडीजल क्रय करने के बिल, माप-तौल का प्रमाणित 5 लीटर जार सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की जाएगी. बायोडीजल की गुणवत्ता में संदेह होने पर मौका रिपोर्ट तैयार कर जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. किसी भी पंजीकृत बायोडीजल मोबाइल व स्थायी रिटेल आउटलेट की पंजीकरण अवधि समाप्त होने पर यदि वह बिक्री करता हुआ पाया जाता है तो संबंधित विक्रेता के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई की जाएगी.
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ये अधिकारी करेंगे जांचः एसओपी के अनुसार, खाद्य विभाग के जिला रसद अधिकारी, राजस्व विभाग के तहसीलदार या उससे ऊपर समस्त कार्यकारी मजिस्ट्रेट अवैध व नकली बायोडीजल पर कार्रवाई, तलाशी के लिए सक्षम हैं. इसी प्रकार गृह विभाग के पुलिस उप अधीक्षक एवं उनसे ऊपर के सभी पुलिस अधिकारी, ऑयल कम्पनी के विक्रय अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (जिला परिषद - बायोफ्यूल के संबंध में) अवैध व नकली बायोडीजल पर कार्रवाई, तलाशी के लिए सक्षम अधिकारी हैं.
प्रदेश में यह है स्थितिः वर्तमान में प्रदेश में बायोडीजल का उत्पादन करने वाली 11 कम्पनियां जयपुर, सीकर, भीलवाड़ा, सिरोही, पाली एवं अन्य जिलों में स्थित हैं. इनकी प्रतिदिन बायोडीजल उत्पादन क्षमता 4.20 लाख लीटर है. बायोडीजल के उत्पादन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित बायोफ्यूल प्राधिकरण ने 11 बायोडीजल विनिर्माताओं, 9 थोक उपभोक्ताओं व 88 खुदरा विक्रेताओं को पंजीकृत किया गया है.