ETV Bharat / city

सोनिया गांधी ने की कांग्रेस शासित राज्यों के साथ वर्चूअल बैठक, COVID-19 से लड़ने के प्रयासों की समीक्षा

author img

By

Published : Apr 10, 2021, 2:13 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 2:28 PM IST

कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शनिवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. बैठक में टीके की उपलब्धता, दवाओं और वेंटिलेटर की उपलब्धता सहित COVID-19 से लड़ने के प्रयासों की समीक्षा की गई.

सोनिया गांधी ने की कांग्रेस शासित राज्यों से बैठक,  Sonia Gandhi held meeting with Congress ruled states
सोनिया गांधी ने की कांग्रेस शासित राज्यों से बैठक

जयपुर. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के वर्तमान हालातों को लेकर शनिवार को कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्चूअल बैठक की. बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरींदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महामंत्री के सी वेणूगोपाल, अम्बिका सोनी मौजूद रहे.

इस दौरान सोनिया गांधी ने गठबंधन राज्यों से कांग्रेस शासित राज्यों और कांग्रेस मंत्रियों की बैठक में टीके की उपलब्धता, दवाओं और वेंटिलेटर की उपलब्धता सहित COVID-19 से लड़ने के प्रयासों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोविड बढ़ रहा हैं और प्रमुख विपक्षी दल के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस मुददे को उठाएं और केन्द्र सरकार को मजबूर करे कि वो पीआर रणनीति छोड़कर असल काम में जुट जाएं.

पढ़ें- CM अशोक गहलोत से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संवाद, VC के जरिए राहुल गांधी भी जुड़े

उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए. ऐसे में चाहे राज्य सरकार हो या केन्द्र सरकार संक्रमणों और मौतों की वास्तविक संख्या का पता लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमे भारत के टीकाकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उसके बाद ही अन्य देशों में टीकों का निर्यात और उपहार में देना चाहिए. उन्होंने कहा हमें जिम्मेदारी से बिना किसी अपवाद के सभी कानूनों और कोविद नियमों का पालने चाहिए.

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है, चाहे वो भारत में कमी के बावजूद टीके का निर्यात करने का निर्णय क्यों न हो. उन्होंने कहा कि चुनावों और धार्मिक आयोजनों सामूहिक समारोहों ने कोविड को गति दी है. जिसके लिए हम सभी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं, ऐसे में हमें इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने और राष्ट्र के हित को अपने ऊपर रखने की आवश्यकता है.

उन्होंने कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से कहा कि हमारे राज्यों में, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है कि महामारी नियंत्रण से बाहर न हो और बड़े पैमाने पर जांच हो. सभी स्वास्थ्य सुविधाए बेहतर हो. इसके साथ ही हमे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता करनी चाहिए. उन्होंने कांग्रेस राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पूछा कि क्या पर्याप्त टीके उपलब्ध है, क्या केंद्र सरकार सहयोगी रही है.

महामारी बढ़ने पर हमारे राज्यों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रहे हैं, लॉकडाउन के बारे में आपका क्या विचार है, आर्थिक स्थितियों के बारे में क्या, आपके राज्य में स्थिति कितनी खराब है, क्या चुनावी रैलियों सहित सार्वजनिक समारोहों को रद्द नहीं किया जाना चाहिए, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न पैकेजों की घोषणा की गई थी.

पढ़ें- Video: RTU प्रोफेसर का मार्कर से कोरोना भगाने का नुस्खा हुआ वायरल, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा?

इन पैकेजों का क्या प्रभाव पड़ा है और निरंतर संकट से निपटने के लिए सरकार को और क्या करना चाहिए, क्या आप आर्थिक सुधार को उस तरीके से देख रहे हैं, जो आधिकारिक तौर पर दावा किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर भी कांग्रेस शासित राज्यों से सुझााव मांगते हुए कहा कि किसान आंदोलन पांच महीनों से चल रहा है. कांग्रेस शासित राज्यों ने अपने स्वयं के कानून पारित किए हैं, लेकिन इन्हें राष्ट्रपति की अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में हमें और क्या करना चाहिए. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान केंद्र के पास है, लेकिन पहली बार देखने को मिल रहा है कि केन्द्र खुद ही समस्या पैदा कर रहा है.

जयपुर. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के वर्तमान हालातों को लेकर शनिवार को कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्चूअल बैठक की. बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरींदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महामंत्री के सी वेणूगोपाल, अम्बिका सोनी मौजूद रहे.

इस दौरान सोनिया गांधी ने गठबंधन राज्यों से कांग्रेस शासित राज्यों और कांग्रेस मंत्रियों की बैठक में टीके की उपलब्धता, दवाओं और वेंटिलेटर की उपलब्धता सहित COVID-19 से लड़ने के प्रयासों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोविड बढ़ रहा हैं और प्रमुख विपक्षी दल के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस मुददे को उठाएं और केन्द्र सरकार को मजबूर करे कि वो पीआर रणनीति छोड़कर असल काम में जुट जाएं.

पढ़ें- CM अशोक गहलोत से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संवाद, VC के जरिए राहुल गांधी भी जुड़े

उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए. ऐसे में चाहे राज्य सरकार हो या केन्द्र सरकार संक्रमणों और मौतों की वास्तविक संख्या का पता लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमे भारत के टीकाकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उसके बाद ही अन्य देशों में टीकों का निर्यात और उपहार में देना चाहिए. उन्होंने कहा हमें जिम्मेदारी से बिना किसी अपवाद के सभी कानूनों और कोविद नियमों का पालने चाहिए.

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है, चाहे वो भारत में कमी के बावजूद टीके का निर्यात करने का निर्णय क्यों न हो. उन्होंने कहा कि चुनावों और धार्मिक आयोजनों सामूहिक समारोहों ने कोविड को गति दी है. जिसके लिए हम सभी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं, ऐसे में हमें इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने और राष्ट्र के हित को अपने ऊपर रखने की आवश्यकता है.

उन्होंने कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से कहा कि हमारे राज्यों में, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है कि महामारी नियंत्रण से बाहर न हो और बड़े पैमाने पर जांच हो. सभी स्वास्थ्य सुविधाए बेहतर हो. इसके साथ ही हमे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता करनी चाहिए. उन्होंने कांग्रेस राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पूछा कि क्या पर्याप्त टीके उपलब्ध है, क्या केंद्र सरकार सहयोगी रही है.

महामारी बढ़ने पर हमारे राज्यों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रहे हैं, लॉकडाउन के बारे में आपका क्या विचार है, आर्थिक स्थितियों के बारे में क्या, आपके राज्य में स्थिति कितनी खराब है, क्या चुनावी रैलियों सहित सार्वजनिक समारोहों को रद्द नहीं किया जाना चाहिए, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न पैकेजों की घोषणा की गई थी.

पढ़ें- Video: RTU प्रोफेसर का मार्कर से कोरोना भगाने का नुस्खा हुआ वायरल, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा?

इन पैकेजों का क्या प्रभाव पड़ा है और निरंतर संकट से निपटने के लिए सरकार को और क्या करना चाहिए, क्या आप आर्थिक सुधार को उस तरीके से देख रहे हैं, जो आधिकारिक तौर पर दावा किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर भी कांग्रेस शासित राज्यों से सुझााव मांगते हुए कहा कि किसान आंदोलन पांच महीनों से चल रहा है. कांग्रेस शासित राज्यों ने अपने स्वयं के कानून पारित किए हैं, लेकिन इन्हें राष्ट्रपति की अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में हमें और क्या करना चाहिए. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान केंद्र के पास है, लेकिन पहली बार देखने को मिल रहा है कि केन्द्र खुद ही समस्या पैदा कर रहा है.

Last Updated : Apr 10, 2021, 2:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.