जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital) के चिकित्सकों ने एक जटिल ऑपरेशन किया है और एक 65 वर्षीय मरीज के पेट से 10 किलो की गांठ निकाली है. खास बात यह है कि पेट के जिस हिस्से में मरीज को गांठ थी वह किडनी को प्रभावित कर रही थी लेकिन चिकित्सकों ने बिना किडनी निकाले इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया है.
सीनियर प्रोफेसर डॉ. आरके जैनव ने बताया कि पेट में गांठ होने के कारण लिवर, आंत और आइवीसी यानी धमनियां सहित कई अंग इस गांठ से दबने लगे थे. जिस कारण बुजुर्ग को काफी परेशानी हो रही थी. इस तरह की सर्जरी करना डॉक्टर्स के लिए चैलेंज था क्योकि गांठ का आकार इतना बड़ा था कि इसको निकालते समय किडनी और आईवीसी मतलब पेट के अंदर की नसें डैमेज हो सकती थी. लेकिन सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की टीम ने करीब दो घंटे तक सावधानी रखते हुए इस सर्जरी को अंजाम दिया और बिना किडनी निकाले और सभी नसों को बचाते हुए इस जटिल सर्जरी को कर दिखाया.
लिपोमैटस ट्यूमर था पेट में- चिकित्सकों का कहना है कि मरीज के पेट से निकली गांठ को मेडिकल टर्म में लिपोसारकोमा को लिपोमैटस ट्यूमर भी कहा जाता है. यह आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और मरीज के शरीर में परेशानी का कारण बनता है. कुछ मामलों में यह गांठ बहुत तेजी से बढ़ जाती है और शरीर के जिस हिस्से में होती है उसके आस-पास के ऊतकों या अंगों पर दबाव डाल सकती है. जिससे वह अंग भी इस ट्यूमर से प्रभावित होते हैं. हालांकि, इतनी बड़ी गांठ आमतौर पर बनती नहीं है लेकिन जिस बुजुर्ग की सर्जरी की गई उसके पेट में यह तेजी से फैल गई. इसलिए समय पर सर्जरी कर इसे बचाना जरूरी था. सर्जरी में डॉ. लक्ष्मी नारायण, डॉ. योगेन्द्र, डॉ. पंकज पोरवाल, डॉ. रंजन लांबा सहित रेजिडेंट्स डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने सहयोग किया.