जयपुर. मोदी सरकार-2.0 की पहली वर्षगांठ के मौके पर भाजपा की ओर से चल रहे अभियान के तहत रविवार को प्रदेश की पहली वर्चुअल रैली की गई. केंद्रीय कपड़ा और महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे संबोधित किया. हालांकि भाजपा की इस जनसंवाद रैली को लाखों लोगों के देखे जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि तकनीक खामी के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसका प्रसारण बाधित रहा या अटक-अटक कर चला.
वर्चुअल रैली में स्मृति ईरानी दिल्ली से जुड़ी. वहीं प्रदेश भाजपा मुख्यालय से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया सहित पार्टी के प्रमुख नेता जुड़े. रैली के जरिए जयपुर और भरतपुर संभाग के कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित किया गया. पार्टी मुख्यालय में इसके लिए बकायदा मंच भी बनाया गया और प्रमुख कार्यकर्ता और नेताओं को बुलाया भी गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया.
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रैली वर्चुअल है और इसके प्रसारण का पूरा दारोमदार तकनीक और इंटरनेट पर निर्भर है. लिहाजा कई जगह इसके प्रसारण में भी समस्या आई. हालांकि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस आयोजन को सफल करार देते हुए कहा कि लगभग 10 लाख लोगों ने इस संबोधन को सुना है.
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वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की 1 साल की उपलब्धियां गिनाई. साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी अंदरूनी लड़ाई में भाजपा के कंधे का इस्तेमाल कर रही है. शेखावत के अनुसार कांग्रेस की आपसी लड़ाई में जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
स्मृति ईरानी ने राहुल और कांग्रेस पर साधा निशाना
वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं पर जमकर निशाना साधा. वहीं, मोदी सरकार के बीते 1 साल की उपलब्धियों का भी गुणगान किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संकट के समय में देश की जनता पीएम मोदी के प्रति आश्वस्त थी, इसलिए लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री की हर अपील का देश की जनता ने समर्थन किया. ईरानी ने कहा कि यदि महामारी यूपीए सरकार के समय होती तो देश का क्या हाल होता? स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि महामारी के इस लॉकडाउन में देश की जनता ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व को स्वीकारा, क्योंकि उन्हें पता था कि देश सक्षम हाथों में है.