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Single Use Plastic Ban : राजस्थान में आज से सिंगलयूज प्लास्टिक पूरी तरीके से बैन, शुरू होगी 'मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना'

राजस्थान में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से (Single Use Plastic Ban in Rajasthan) बैन हो जाएगा. साथ ही 1 जुलाई से ही राजस्थान में 'मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना' शुरू हो रही है. इसमें बच्चों को मीड डे मील के साथ सप्ताह में दो बार दूध मिलेगा.

Single Use Plastic Ban in Rajasthan
राजस्थान में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन
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Published : Jul 1, 2022, 6:00 AM IST

Updated : Jul 1, 2022, 7:57 AM IST

जयपुर. राजस्थान में शुक्रवार से पाॅलीथिन के बाद अब सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन (Single Use Plastic Ban in Rajasthan) हो जाएगा. आदेश नहीं मानने और पॉलीथिन का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर 500 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है. साथ ही आदेश में 5 साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है. राजस्थान के सरकारी और निजी कार्यालयों में प्लास्टिक बैन के आदेश जारी हो गए हैं, जिसे 1 जुलाई से लागू किया जाएगा.

इन पर रहेगी रोक: राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार पॉलीस्टाइरिन सहित विभिन्न सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक रहेगी. इसमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक लपेटने या पैकिंग फिल्म, सिगरेट पैकेट, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्माकॉल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी और प्लास्टिक के बैनर आदि शामिल हैं.

पढ़ें. Jaipur On Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर जयपुर तैयार, निगमों ने बताया क्या है प्लान!

क्या होती है सिंगल यूज प्लास्टिक: सिंगल यूज प्लास्टिक ऐसा प्लास्टिक है जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जाता है. इससे प्रदूषण बढ़ता है क्योंकि इसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता और न ही इन्हें जलाया जा सकता है. इससे पर्यावरण में जहरीले रसायन शामिल होते हैं, जो इंसान और पशु दोनों के लिए हानिकारक हैं.

चलेगा सघन अभियान: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़ाई से पालन के लिए सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. कोई भी सरकारी या निजी कार्यालय इन सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इनका इस्तेमाल करने वाले आम लोगों पर 500 से 2 हजार रुपये और औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद और स्टोरेज करने वालों पर 20 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना और सख्त सजा का प्रावधान किया गया है.

30 जून तक थी मोहलत : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पंजीकृत विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आपूर्तिकर्ताओें और स्टॉकिस्ट को सिंगल यूज प्लास्टिक के स्टॉक को डिस्मेंटल करने के निर्देश दिए गए थे. आदेश में कहा गया था कि सरकार पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह माने जाने वाले एसयूपी से बने उत्पादों पर पाबंदी को सख्ती से लागू करेगी. इसके साथ मेन्युफेक्चरिंग कंपनियों को पुराने स्टॉक को नष्ट करने, सरकारी और निजी ऑफिस में रखे सिंगल प्लास्टिक के सामानों को 30 जून तक हटाने को कहा था. ऐसा न करने वालों पर अब सीधी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें. मिलिए राजस्थान के इन युवाओं से जिन्होंने प्लास्टिक का ढूंढा विकल्प!

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की शुरुआत: राजस्थान में 1 जुलाई से मिड डे मील (Mid Day meal Scheme in Rajasthan) योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार दूध मिलेगा. इस पहल से बच्चों के पोषण स्तर में इजाफा होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बजट के दौरान इस योजना बारे में ऐलान किया था. बच्चों को दूध देने की योजना को ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ का नाम दिया गया है. मिड-डे मील स्कीम से जुड़े सरकारी स्कूलों, मदरसों और स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर्स में इस योजना को लागू किया जाएगा. योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 69.21 लाख बच्चों को मंगलवार और शुक्रवार को मिल्क पाउडर से तैयार दूध उपलब्ध कराया जाएगा. 5वीं क्लास तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा. छठी से लेकर आठवीं क्लास तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा.

जयपुर. राजस्थान में शुक्रवार से पाॅलीथिन के बाद अब सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन (Single Use Plastic Ban in Rajasthan) हो जाएगा. आदेश नहीं मानने और पॉलीथिन का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर 500 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है. साथ ही आदेश में 5 साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है. राजस्थान के सरकारी और निजी कार्यालयों में प्लास्टिक बैन के आदेश जारी हो गए हैं, जिसे 1 जुलाई से लागू किया जाएगा.

इन पर रहेगी रोक: राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार पॉलीस्टाइरिन सहित विभिन्न सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक रहेगी. इसमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक लपेटने या पैकिंग फिल्म, सिगरेट पैकेट, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्माकॉल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी और प्लास्टिक के बैनर आदि शामिल हैं.

पढ़ें. Jaipur On Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर जयपुर तैयार, निगमों ने बताया क्या है प्लान!

क्या होती है सिंगल यूज प्लास्टिक: सिंगल यूज प्लास्टिक ऐसा प्लास्टिक है जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जाता है. इससे प्रदूषण बढ़ता है क्योंकि इसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता और न ही इन्हें जलाया जा सकता है. इससे पर्यावरण में जहरीले रसायन शामिल होते हैं, जो इंसान और पशु दोनों के लिए हानिकारक हैं.

चलेगा सघन अभियान: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़ाई से पालन के लिए सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. कोई भी सरकारी या निजी कार्यालय इन सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इनका इस्तेमाल करने वाले आम लोगों पर 500 से 2 हजार रुपये और औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद और स्टोरेज करने वालों पर 20 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना और सख्त सजा का प्रावधान किया गया है.

30 जून तक थी मोहलत : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पंजीकृत विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आपूर्तिकर्ताओें और स्टॉकिस्ट को सिंगल यूज प्लास्टिक के स्टॉक को डिस्मेंटल करने के निर्देश दिए गए थे. आदेश में कहा गया था कि सरकार पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह माने जाने वाले एसयूपी से बने उत्पादों पर पाबंदी को सख्ती से लागू करेगी. इसके साथ मेन्युफेक्चरिंग कंपनियों को पुराने स्टॉक को नष्ट करने, सरकारी और निजी ऑफिस में रखे सिंगल प्लास्टिक के सामानों को 30 जून तक हटाने को कहा था. ऐसा न करने वालों पर अब सीधी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें. मिलिए राजस्थान के इन युवाओं से जिन्होंने प्लास्टिक का ढूंढा विकल्प!

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की शुरुआत: राजस्थान में 1 जुलाई से मिड डे मील (Mid Day meal Scheme in Rajasthan) योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार दूध मिलेगा. इस पहल से बच्चों के पोषण स्तर में इजाफा होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बजट के दौरान इस योजना बारे में ऐलान किया था. बच्चों को दूध देने की योजना को ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ का नाम दिया गया है. मिड-डे मील स्कीम से जुड़े सरकारी स्कूलों, मदरसों और स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर्स में इस योजना को लागू किया जाएगा. योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 69.21 लाख बच्चों को मंगलवार और शुक्रवार को मिल्क पाउडर से तैयार दूध उपलब्ध कराया जाएगा. 5वीं क्लास तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा. छठी से लेकर आठवीं क्लास तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा.

Last Updated : Jul 1, 2022, 7:57 AM IST
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