जयपुर. पूरे विश्व में महामारी बने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया. जिसके बाद राजस्थान में भी सरकार ने लॉक डाउन के आदेश जारी कर दिए. रविवार को हुए जनता कर्फ्यू का आमजन ने भी समर्थन किया है.
जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन के समर्थन में लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले. हालांकि कुछ लोग किसी जरूरी सेवाओं के लिए बाहर जरूर निकले थे, जिनसे भी पुलिस प्रशासन की ओर से घरों में रहने की अपील की गई. जनता कर्फ्यू के समर्थन में प्रदेश भर के सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट, रोडवेज सहित बाजार और दुकानें बंद रही. वहीं जनता कर्फ्यू का असर पुलिस थानों पर भी देखने को मिला.
राजधानी जयपुर के पुलिस थानों में रोजाना सैकड़ों परिवादी अपनी फरियाद लेकर पहुंचते थे. वहां आज कोई भी फरियादी नहीं पहुंचा. थानों में पूरी तरह से सन्नाटा देखने को मिला. हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से थानों के बाहर नोटिस बोर्ड लगाकर लोगों से अपील की गई कि किसी भी शिकायत के लिए अगर थाने में आएं तो केवल एक व्यक्ति ही अंदर प्रवेश करे. अनावश्यक भीड़ एकत्रित ना करें, हाथ धोकर थाने में प्रवेश करें और अति आवश्यक कार्य होने पर ही पुलिस थाने में आएं.
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माणक चौक थाने के हेड कांस्टेबल सुमेर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के डर और जनता कर्फ्यू की वजह से कोई भी परिवादी थाने पर फरियाद लेकर नहीं आए. प्रधानमंत्री की ओर से जनता कर्फ्यू के ऐलान के बाद ही पुलिस थाने भी सूने पड़े हैं, हालांकि पुलिसकर्मी सावधानी से मास्क लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि थाने के बाहर नोटिस लगाकर लोगों से अपील की गई है कि कोई भी परिवादी आए तो केवल अति आवश्यक होने पर एक व्यक्ति ही थाने में प्रवेश करें और हाथ धोकर थाने के अंदर आए, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण से बचा जा सके.