जयपुर. राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 18 हजार से अधिक हो गई है. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि आगामी 2 महीने में कोरोना के आंकड़ों में और वृद्धि हो सकती है. ऐसे में यदि मामले बढ़े तो चिकित्सा विभाग किस तरह मरीजों का उपचार करेगा, इसे लेकर सवाल खड़ा हो गया है.
बता दें कि प्रदेश में लंबे समय से चिकित्सकों के साथ-साथ अन्य मेडिकल स्टाफ की कमी बनी हुई है, जिसमें नर्सिंगकर्मी, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन आदि शामिल है. वर्तमान समय में प्रदेश में करीब 4000 चिकित्सकों की कमी बनी हुई हैं. हालांकि, चिकित्सा विभाग 2000 नए चिकित्सकों की भर्ती करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इसके अलावा अन्य ऐसे मेडिकल फील्ड से जुड़े पद हैं जो लंबे समय से खाली चल रहे हैं. इन्हें पूरा करना चिकित्सा विभाग के लिए एक चुनौती बन गया है.
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प्रदेश में चिकित्सकों के खाली पदः
- सीनियर स्पेशलिस्ट -105
- जूनियर स्पेशलिस्ट-1284
- सीनियर मेडिकल ऑफिसर- 367
- चिकित्सा अधिकारी-1933
- दंत चिकित्सा अधिकारी -105
- ईएसआई के अधीन- 96
मामले को लेकर प्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर केके शर्मा ने बताया, कि चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने की तैयारी चल रही है. इसके तहत आगामी एक महीने में प्रदेश में 2000 नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा 600 पीजी कर चुके चिकित्सकों को भी जल्द ही पोस्टिंग दी जाएगी.
चिकित्सकों के अलावा इन पदों में भी है कमीः
- नर्सिंग अधीक्षक- 332
- नर्स श्रेणी प्रथम- 1302
- नर्स श्रेणी द्वितीय- 4347
- ब्लॉक हेल्थ सुपरवाइजर- 181
- महिला स्वास्थ्य दर्शिका- 1112
- फार्मासिस्ट- 2070
- पब्लिक हेल्थ नर्स- 93
हालांकि, चिकित्सा विभाग ने नर्सिंग कर्मी, लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट के कुछ पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को शुरू किया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें 1 से 2 महीने का समय लग जाएगा.
सरकारी हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर
हाल ही में प्रदेश के 30 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर राज्य सरकार को हरी झंडी मिल गई है. इन मेडिकल कॉलेजों के अलावा प्रदेश में अभी ये हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं.
- जिला अस्पताल- 34
- सेटेलाइट अस्पताल- 5
- उपविभागीय अस्पताल-19
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 571
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- 2080
- उपकेंद्र- 14408
- शहरी डिस्पेंसरी- 195
- खंड- 249
- हाई फोकस ब्लॉक- 50
- सरकारी ब्लड बैंक- 44
- डिलीवरी प्वाइंट- 1665
- ट्रॉमा सेंटर- 58
बता दें कि प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं कोरोना संकट से जंग लड़ रहे राजस्थान में धरती के देवता कहे जाने वाले चिकित्सकों की कमी है. ऐसे में विभाग नए चिकित्सकों की भर्ती की तैयारी में जुटा हुआ है, लेकिन इसके अलावा कई अन्य ऐसे मेडिकल फील्ड से जुड़े पद और हैं जो लंबे समय से खाली चल रहे हैं. इन्हें पूरा करना चिकित्सा विभाग के लिए एक चुनौती है.