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Shekhawat on ERCP Project : राजनीति छोड़ समाधान की दिशा में जाए गहलोत सरकार, मीडिया में बोलने के बजाए दिल्ली आकर चर्चा करें

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर चल रही सियासत के बीच (Political War on ERCP) सीएम अशोक गहलोत के बयान पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति छोड़कर समाधान की राह पर जाना चाहिए. दिल्ली आकर प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलूओं पर चर्चा करनी चाहिए.

Union Minister Gajendra Singh Shekhawat
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
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Published : Apr 28, 2022, 6:46 PM IST

जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर चल रही सियासत के बीच सीएम अशोक गहलोत के बयान पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पर राजनीति छोड़ (Shekhawat on ERCP Project) समाधान की दिशा में आगे बढ़ने से ही इस योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है. शेखावत ने कांग्रेस नेताओं को इस मामले में मीडिया में बयान देने के बजाए दिल्ली आकर प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कर समाधान की दिशा में आगे बढ़ने की नसीहत दी है. गुरुवार को जयपुर में एक निजी होटल में हुई जल जीवन मिशन की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह बात कही.

दरअसल, जल जीवन मिशन की इस बैठक में राजस्थान के सभी 25 सांसदों को आमंत्रित किया गया था. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात ट्वीट करके लिखा था कि सभी सांसद बैठक में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने के संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेजें. सीएम के इसी बयान पर मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की संकल्पना भी भाजपा की ही सरकार के कार्यकाल में हुई थी. जिसमें पार्वती चंबल और कालीसिंध की नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव भी था. शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसकी डीपीआर तक पास नहीं हो पाई है और प्रोजेक्ट भी नियमों के तहत नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे?.

ERCP पर किसने क्या कहा, सुनिए....

शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 50 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर ही यह प्रोजेक्ट बना डाला, जबकि नियमों के तहत 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट बनना था. शेखावत ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह 2,00000 हेक्टेयर सिंचाई के आधार पर (Eastern Rajasthan Canal Project Condition in Rajasthan) इस प्रोजेक्ट का जो प्रपोजल दिया है, उसे वापस लेकर 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट दें. हम विश्वास दिलाते हैं कि केंद्र सरकार अति शीघ्र पूरी सकारात्मकता से उस पर निर्णय करेगी. लेकिन इसके पहले प्रदेश सरकार को करना चाहिए.

राजस्थान का कोई मंत्री मेरे कार्यालय नहीं आयाः मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश में सियासत तो खूब चल रही है, लेकिन आज तक राजस्थान का कोई मंत्री या अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर मेरे कार्यालय या विभाग भी नहीं आया. शेखावत ने कहा मैंने प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी से भी कहा है कि हम इस मामले में राजनीति न करें और बार-बार मीडिया में स्टेटमेंट देने से भी बचें. बल्कि इस प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ दिल्ली आएं और बैठकर वार्ता करें, ताकि उसके आधार पर इसका समाधान हो सके. शेखावत ने कहा जिस प्रकार का प्रोजेक्ट अभी राजस्थान सरकार ने बनाया है, उसमें संशोधन होना जरूरी है. क्योंकि हम उस प्रस्ताव के आधार पर राज्यो में व्यापक जल संबंधों की चुनौतियां खड़ी नहीं कर सकते. शेखावत ने बताया कि महेश जोशी ने जल्द ही इस मामले में दिल्ली आकर संयुक्त चर्चा करने का आश्वासन दिया है.

पढ़ें : गहलोत सरकार सहमत जो जाए तो केन-बेतवा लिंक परियोजना की तरह ERCP शुरू करेंगे: शेखावत

बेनीवाल ने कहा- ईआरसीपी प्रोजेक्ट अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों दोषीः वहीं, आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी इस बैठक में शामिल हुए. उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट से जुड़ा मामला भी उठाया. बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि (Hanuman Beniwal Alleged State And Central Government) राजस्थान में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों ही दोषी हैं.

बैठक में नहीं शामिल हुए सभी सांसदः बैठक में राजस्थान के सभी 25 लोकसभा सांसदों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन कई सांसद बैठक में शामिल नहीं हुए. करीब 8 सांसदों की बैठक में अनुपस्थिति रही. वहीं, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल बैठक में शामिल तो हुए लेकिन काफी लेट से. बैठक में प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी विभाग के अधिकारियों के साथ शामिल हुए, लेकिन जोशी अपने संबोधन के बाद बैठक से निकल गए.

शेखावत ने जेजेएम की धीमी गति पर चिंता जताईः केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सांसदों की एक समीक्षा बैठक ली. बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जेजेएम की धीमी गति को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राजस्थान आज देश में औसत से पिछड़ चुका है. पूरे देश में वह 29 पर नंबर पर है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन राजस्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां लोग दूर से पानी ढोकर लाते हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. उस समय देश में 16 फीसदी घरों तक ही नल से जल पहुंच पाता था, बाकी 84 फ़ीसदी घरों के लोग दूर से घड़ा ढोकर पानी लाने को मजबूर थे. आज देश में 6 करोड़ 20 लाख कनेक्शन अब तक दिए जा चुके हैं, नल से घर तक पानी पहुंचाने का जो आंकड़ा पहले 16 फीसदी था वह 49 फीसदी तक पहुंच गया है.

पढ़ें : कांग्रेस ERCP से पूर्वी तो चिंतन शिविर से दक्षिणी राजस्थान पर साध रही दोहरा निशाना...54 सीटों के लिए बिठा रही जमीनी गणित

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की बात की जाए तो जैसी प्रगति प्रदेश मे होनी चाहिए थी, वैसी प्रगति नहीं हुई. प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा नल से जल कनेक्शन देने हैं जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तो प्रदेश देश के औसत से 4 प्रतिशत पिछड़ा हुआ था और वह स्थिति आज 25 फीसदी पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी मान चुके है कि जल जीवन मिशन में काम को लेकर हम पिछड़े हुए हैं.

ईआरसीपी पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने क्या कहा...

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले ढाई साल में जेजेएम के काम को देखा जाए तो राजस्थान इस मामले में 32 वें स्थान पर है जो गंभीर बात है. बचे हुए समय में राजस्थान में जल जीवन मिशन को लेकर बहुत तेज कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि 2019 से लेकर 2022 तक जल जीवन मिशन को लेकर प्रदेश को 27 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया जा चुका है, लेकिन प्रदेश में धीमी गति के कारण केवल 4 हजार करोड़ रुपए ही उसमें से निकाल पाए हैं बाकी पैसे लैप्स हो गए.

पढ़ें : Politics Over ERCP Project: कांग्रेस को जनता का ख्याल या पुराने हिसाब को चुकाने का है सवाल!

यह कहा जलदाय मंत्री महेश जोशी नेः जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बैठक में जल जीवन मिशन योजना में केंद्र से राजस्थान के पक्ष में 90:10 के अनुपात में अनुदान की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में नल से जल पहुंचाने की मुहिम बेहतर तरीके से पूरी हो पाएगी. जोशी ने राज्य की विशेष परिस्थितियों का हवाला भी दिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हर घर नल कनेक्शन की लागत 72,000 रुपए आ रही है. जैसलमेर बाड़मेर में तो कुछ स्थानों पर दो लाख से अधिक की लागत जल कनेक्शन में आ रही है. उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले जिलों में सतही जल स्त्रोतों से पेयजल पहुंचाना काफी कठिन कार्य है. वर्षा जल के पुनर्भरण के संबंध में 247 गांव में 1497 कार्यों के प्रस्ताव एसएलएसएससी के पास भेजे गए हैं, उनकी जल्द स्वीकृति जल जीवन मिशन में जारी हो.

सांसदों ने इस बात पर जताई नाराजगीः बैठक में सांसदों ने पेयजल से जुड़ी समस्या उठाने पर कम और जल जीवन मिशन योजना के तहत नवीन कार्यों के शिलान्यास या लोकार्पण पर खुद को आमंत्रित नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई. कुछ सांसदों ने इस बारे में राज्य सरकार और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए. वहीं, बैठक में आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने जल जीवन मिशन का गुजरात मॉडल लागू करने की बात कही. बेनीवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन का आर्थिक भार केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाए जनता पर इसका भार नहीं डाला जाए.

जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर चल रही सियासत के बीच सीएम अशोक गहलोत के बयान पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पर राजनीति छोड़ (Shekhawat on ERCP Project) समाधान की दिशा में आगे बढ़ने से ही इस योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है. शेखावत ने कांग्रेस नेताओं को इस मामले में मीडिया में बयान देने के बजाए दिल्ली आकर प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कर समाधान की दिशा में आगे बढ़ने की नसीहत दी है. गुरुवार को जयपुर में एक निजी होटल में हुई जल जीवन मिशन की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह बात कही.

दरअसल, जल जीवन मिशन की इस बैठक में राजस्थान के सभी 25 सांसदों को आमंत्रित किया गया था. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात ट्वीट करके लिखा था कि सभी सांसद बैठक में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने के संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेजें. सीएम के इसी बयान पर मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की संकल्पना भी भाजपा की ही सरकार के कार्यकाल में हुई थी. जिसमें पार्वती चंबल और कालीसिंध की नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव भी था. शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसकी डीपीआर तक पास नहीं हो पाई है और प्रोजेक्ट भी नियमों के तहत नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे?.

ERCP पर किसने क्या कहा, सुनिए....

शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 50 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर ही यह प्रोजेक्ट बना डाला, जबकि नियमों के तहत 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट बनना था. शेखावत ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह 2,00000 हेक्टेयर सिंचाई के आधार पर (Eastern Rajasthan Canal Project Condition in Rajasthan) इस प्रोजेक्ट का जो प्रपोजल दिया है, उसे वापस लेकर 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट दें. हम विश्वास दिलाते हैं कि केंद्र सरकार अति शीघ्र पूरी सकारात्मकता से उस पर निर्णय करेगी. लेकिन इसके पहले प्रदेश सरकार को करना चाहिए.

राजस्थान का कोई मंत्री मेरे कार्यालय नहीं आयाः मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश में सियासत तो खूब चल रही है, लेकिन आज तक राजस्थान का कोई मंत्री या अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर मेरे कार्यालय या विभाग भी नहीं आया. शेखावत ने कहा मैंने प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी से भी कहा है कि हम इस मामले में राजनीति न करें और बार-बार मीडिया में स्टेटमेंट देने से भी बचें. बल्कि इस प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ दिल्ली आएं और बैठकर वार्ता करें, ताकि उसके आधार पर इसका समाधान हो सके. शेखावत ने कहा जिस प्रकार का प्रोजेक्ट अभी राजस्थान सरकार ने बनाया है, उसमें संशोधन होना जरूरी है. क्योंकि हम उस प्रस्ताव के आधार पर राज्यो में व्यापक जल संबंधों की चुनौतियां खड़ी नहीं कर सकते. शेखावत ने बताया कि महेश जोशी ने जल्द ही इस मामले में दिल्ली आकर संयुक्त चर्चा करने का आश्वासन दिया है.

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बेनीवाल ने कहा- ईआरसीपी प्रोजेक्ट अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों दोषीः वहीं, आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी इस बैठक में शामिल हुए. उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट से जुड़ा मामला भी उठाया. बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि (Hanuman Beniwal Alleged State And Central Government) राजस्थान में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों ही दोषी हैं.

बैठक में नहीं शामिल हुए सभी सांसदः बैठक में राजस्थान के सभी 25 लोकसभा सांसदों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन कई सांसद बैठक में शामिल नहीं हुए. करीब 8 सांसदों की बैठक में अनुपस्थिति रही. वहीं, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल बैठक में शामिल तो हुए लेकिन काफी लेट से. बैठक में प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी विभाग के अधिकारियों के साथ शामिल हुए, लेकिन जोशी अपने संबोधन के बाद बैठक से निकल गए.

शेखावत ने जेजेएम की धीमी गति पर चिंता जताईः केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सांसदों की एक समीक्षा बैठक ली. बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जेजेएम की धीमी गति को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राजस्थान आज देश में औसत से पिछड़ चुका है. पूरे देश में वह 29 पर नंबर पर है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन राजस्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां लोग दूर से पानी ढोकर लाते हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. उस समय देश में 16 फीसदी घरों तक ही नल से जल पहुंच पाता था, बाकी 84 फ़ीसदी घरों के लोग दूर से घड़ा ढोकर पानी लाने को मजबूर थे. आज देश में 6 करोड़ 20 लाख कनेक्शन अब तक दिए जा चुके हैं, नल से घर तक पानी पहुंचाने का जो आंकड़ा पहले 16 फीसदी था वह 49 फीसदी तक पहुंच गया है.

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उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की बात की जाए तो जैसी प्रगति प्रदेश मे होनी चाहिए थी, वैसी प्रगति नहीं हुई. प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा नल से जल कनेक्शन देने हैं जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तो प्रदेश देश के औसत से 4 प्रतिशत पिछड़ा हुआ था और वह स्थिति आज 25 फीसदी पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी मान चुके है कि जल जीवन मिशन में काम को लेकर हम पिछड़े हुए हैं.

ईआरसीपी पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने क्या कहा...

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले ढाई साल में जेजेएम के काम को देखा जाए तो राजस्थान इस मामले में 32 वें स्थान पर है जो गंभीर बात है. बचे हुए समय में राजस्थान में जल जीवन मिशन को लेकर बहुत तेज कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि 2019 से लेकर 2022 तक जल जीवन मिशन को लेकर प्रदेश को 27 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया जा चुका है, लेकिन प्रदेश में धीमी गति के कारण केवल 4 हजार करोड़ रुपए ही उसमें से निकाल पाए हैं बाकी पैसे लैप्स हो गए.

पढ़ें : Politics Over ERCP Project: कांग्रेस को जनता का ख्याल या पुराने हिसाब को चुकाने का है सवाल!

यह कहा जलदाय मंत्री महेश जोशी नेः जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बैठक में जल जीवन मिशन योजना में केंद्र से राजस्थान के पक्ष में 90:10 के अनुपात में अनुदान की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में नल से जल पहुंचाने की मुहिम बेहतर तरीके से पूरी हो पाएगी. जोशी ने राज्य की विशेष परिस्थितियों का हवाला भी दिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हर घर नल कनेक्शन की लागत 72,000 रुपए आ रही है. जैसलमेर बाड़मेर में तो कुछ स्थानों पर दो लाख से अधिक की लागत जल कनेक्शन में आ रही है. उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले जिलों में सतही जल स्त्रोतों से पेयजल पहुंचाना काफी कठिन कार्य है. वर्षा जल के पुनर्भरण के संबंध में 247 गांव में 1497 कार्यों के प्रस्ताव एसएलएसएससी के पास भेजे गए हैं, उनकी जल्द स्वीकृति जल जीवन मिशन में जारी हो.

सांसदों ने इस बात पर जताई नाराजगीः बैठक में सांसदों ने पेयजल से जुड़ी समस्या उठाने पर कम और जल जीवन मिशन योजना के तहत नवीन कार्यों के शिलान्यास या लोकार्पण पर खुद को आमंत्रित नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई. कुछ सांसदों ने इस बारे में राज्य सरकार और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए. वहीं, बैठक में आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने जल जीवन मिशन का गुजरात मॉडल लागू करने की बात कही. बेनीवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन का आर्थिक भार केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाए जनता पर इसका भार नहीं डाला जाए.

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