जयपुर. प्रदेश में सोमवार को माता का विशेष पर्व शीतलाष्टमी यानि बास्योड़ा पारंपरिक रीति रिवाज से मनाया जा रहा है. जिले के विभिन्न माताजी के मंदिरों में शीतलाष्टमी की पूजा-अर्चना की जा रही है. इस अवसर पर सभी भक्तों ने माता से अच्छे स्वास्थ्य की कामना की.
राजधानी के आमेर स्थित नई माता मंदिर में शीतलाष्टमी के अवसर पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. सुबह से ही माता के भक्तों के आने का सिलसिला जारी है. भक्त माता के दरबार में पकवानों का भोग लगा रहे हैं, तो वहीं सोमवार को नई माता मंदिर में मेले का आयोजन भी किया जाएगा. जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु शीतला माता के दरबार में पहुंचकर मनोकामनाएं करेंगे. शीतलाष्टमी के एक दिन पहले घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं. जिसके बाद शीतलाष्टमी के दिन सभी ठंडे पकवानों का माताजी के दरबार में भोग लगाया जा रहा है.
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महिलाएं माता जी के जयकारे लगाती हुई दरबार में पहुंची. भक्तों ने माताजी को पुरी, राबड़ी, दूध, दही, पापड़ी, पेठा, हलवा, मुगथाल, नमकीन, सहित अनेक पकवानों का भोग लगाया. श्रद्धालुओं का मानना है कि जो भी बच्चा जन्म लेता है, उसको माता रानी के दरबार में लाने से चेचक का रोग नहीं होता है. अगर किसी के चेचक हो जाता है, तो माता रानी की शरण में यह रोग हमेशा के लिए मिट जाता है.
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सभी भक्त अपने परिवार की खुशहाली की दुआ मांगने के लिए माता के दरबार पहुंचे. माता के दरबार में भक्तों ने ठंडे पकवानों का भोग लगाकर पूजा अर्चना की, तो वहीं महिलाओं ने माता के गीत गाते हुए परिवार की खुशहाली की कामना की. साथ ही माता मंदिर में एक दिन पहले रात्रि जागरण भी किया गया.
इस मौके पर माता की झांकी निकाली गई. शीतलाष्टमी के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाएगा. जिसमें हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन लाभ लेने पहुंचेगे.