जयपुर. शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि में आज सोमवार को छठवां दिन है. आज देवी के छठवें स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से शादी में आ रहीं सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. यह भी माना जाता है कि माता कात्यायनी की कृपा से भगवान वृहस्पति प्रसन्न होकर विवाह का योग बना देते हैं.
सच्चे मन से मां की पूजा की जाए तो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति भी बनी रहती है. साधकों के लिए भी देवी कात्यायनी की पूजा विशेष फल देने वाली मानी गई है और इनकी आराधना से रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं.
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ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि जिन जातकों की शादी होने में दिक्कत आ रही है या फिर वे जातक जिनका वैवाहिक जीवन उथल-पुथल भरा है या फिर जो जातक मांगलिक दोष से पीड़ित हैं, उन्हें खास तौर पर देवी कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही जो जातक शत्रुओं से परेशान हैं और शत्रुओं के कारण वे भयभीत रहते हैं, उन्हें भी देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करनी चाहिए.
वे बताते हैं कि देवी कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है. इसलिए शहद और अनार का भोग लगाकर उन्हें सहज ही प्रसन्न किया जा सकता है. लाल कुमकुम या चंदन का टीका करने से भी देवी कात्यायनी प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही उनके बीज मंत्रों और स्तुति का पाठ कर भी देवी कात्यायनी को प्रसन्न किया जा सकता है.
देवी मंदिर में ध्वजा चढ़ाने से पूरी होती है मनोकामना
कुंडली में किसी प्रकार का दोष हो या किसी भी प्रकार की परिस्थिति से जूझ रहे हैं तो आपको अपने आसपास स्थित देवी के मंदिर में जाकर वहां झंडा चढ़ाएं या फिर लाल ध्वजा मंदिर में रख आएं. इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी और जिन परेशानियों से जूझ रहे हैं देवी उन्हें जल्द समाप्त कर देंगी.