जयपुर. शहर की बिगड़ी हुई व्यवस्था के साथ-साथ सीवर मेनहोल भी वाहन चालकों के लिए बड़ी समस्या बन चुके हैं. अमूमन सफाई कर्मचारियों द्वारा सीवर चैंबर को साफ करने के बाद इन्हें खुला छोड़ दिया जाता है. वहीं, कुछ के ढक्कन तो परमानेंट गायब हो चुके हैं. इतना ही नहीं ये असमतल मेनहोल कहीं स्पीड ब्रेकर का काम कर रहे हैं, तो कहीं दुर्घटना का सबब बन रहे हैं.
चौपहिया वाहन चालकों के लिए तो नहीं, लेकिन दोपहिया वाहन चालक तो अब इनसे तौबा-तौबा करने लगे हैं. सीवर मेनहोल का काम देखने वाले निगम प्रशासन का तर्क है कि यदि मेनहोल का मुंह रोड के नीचे दब जाएगा, तो सीवरेज ठीक करते समय काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. हालांकि इसे इतना ही ऊंचा रखा जाता है कि आवागमन में किसी तरह की बाधा न हो और रोड रीकारपेंटिंग करनी पड़े तो मेनहोल का मुंह ढूंढने में कोई दिक्कत न हो.
यह भी पढ़ें: स्पेशल: आमजन की जेब पर भारी पड़ते पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, सुनिए उपभोक्ताओं ने क्या कहा...
उधर, जयपुर ट्रैफिक पुलिस के पास फिलहाल सीवर मेनहोल की वजह से हुए एक्सीडेंट के कोई मामले संज्ञान में नहीं आए हैं. हालांकि, एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक सतवीर सिंह ने कहा है कि यदि असमतल मेनहोल की वजह से दुर्घटना की कोई संभावना बनती है, तो स्टडी कराने के बाद निगम के अधिकारियों से वार्ता कर समाधान निकालने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ऊंचे मेनहोल पर स्लोप दिया हुआ होता है, जिससे वाहन उस पर से आसानी से निकल जाए, लेकिन कहीं ऐसी व्यवस्था नहीं है तो उसमें सुधार कराया जाएगा.
यह भी पढ़ें: स्पेशल: लहसुन के अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में हाड़ौती के किसान, दोगुने रकबे में की थी बुवाई
कई बार सड़कों पर जलजमाव होने से सीवरेज मेनहोल भी पानी से पूरी तरह भर जाते हैं, जिसकी राहगीरों को सड़क पर चलते हुए जानकारी नहीं होती. इस कारण उन्हें चोट भी लगती है. हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में तो ये आम समस्या है. लेकिन कई बार ये छोटी दुर्घटना भी कुछ परिवारों के लिए बड़ी परेशानी बन जाती है. ऐसे में जरूरत है कि प्रशासन इन छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करने की कोताही न बरतें.