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कैबिनेट के अहम फैसले: किसानों की पेयजल समस्या का हुआ समाधान, दो से अधिक संतान वाले कार्मिकों को बड़ी राहत - Rajasthan latest Hindi news

राज्य कैबिनेट की बैठक में आमजन को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. बैठक में किसानों के हित में डार्क जोन में ट्यूबवेल और कुआं खोदने की अनुमति नहीं लेने का फैसला लिया गया.

cabinet meeting in Rajasthan, important decisions were taken in cabinet meeting
कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले
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Published : Dec 8, 2020, 6:49 AM IST

Updated : Dec 8, 2020, 7:20 AM IST

जयपुर. आमजन को राहत देने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. बैठक में किसानों के हित में डार्क जोन में ट्यूबवेल और कुआं खोदने की अनुमति नहीं लेने का फैसला लिया गया. पांच श्रेणियों में भूजल दोहन के लिए एनओसी में छूट देने, जनसुनवाई की त्रिस्तरीय व्यवस्था, आमजन को खनिज बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड उपलब्ध कराने के लिए नीति के अनुमोदन, दो से अधिक संतान वाले कार्मिकों को राहत देने जैसे कई अहम फैसले लिए गए. कैबिनेट बैठक में 9 कॉलेजों को राज्य सरकार के अधीन करने की कार्योत्तर स्वीकृति भी प्रदान की गई.

कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले

पांच श्रेणियों में भूजल निकासी के लिए एनओसी का प्रावधान विलोपित

मंत्रिमंडल ने भूजल दोहन के लिए जारी दिशा निर्देशों के क्रम में एक बड़ा निर्णय करते हुए, 5 श्रेणियों में भूजल निकासी के लिए एनओसी के प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के बाद पेयजल और घरेलू उपयोग के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वैयक्तिक घरेलू उपभोक्ता, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं, सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठानों, कृषि कार्यकलापों और 10 घन मीटर प्रतिदिन से कम भू जल निकासी करने वाले सूक्ष्म और लघु उद्योगों के उपयोग के लिए भूजल निकासी के लिए एनओसी नहीं लेनी होगी. इससे प्रदेश के किसानों, आमजन और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं प्रदेश के 17 जिलों में 38 ब्लॉक जहां भूजल की स्थिति अधिक चिंताजनक है, वहां सुधार के सार्थक प्रयास किए जाएंगे.

जन सुनवाई के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था

मंत्रिमंडल ने जनसुनवाई की व्यवस्था को अधिक संवेदनशील और निचले स्तर तक प्रभावी बनाने के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली लागू करने का फैसला लिया. इसके तहत क्लस्टर, उपखंड और जिला स्तर पर आमजन की शिकायतों का प्रभावी निराकरण किया जाएगा. इस संबंध में विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया जाएगा.

पढ़ें- गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं...साल के आखिर तक गठित हो जाएगी नई राज्य इकाई : माकन

जानकारी के अनुसार महीने के पहले और तीसरे बुधवार को क्लस्टर स्तरीय जनसुनवाई, जिसमें 10-10 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर बनाए जाएंगे और हर 2 महीने में कम से कम एक बार इन क्लस्टर पर जनसुनवाई सुनिश्चित की जाएगी. वहीं महीने के चौथे गुरुवार को उपखंड स्तर पर, जबकि महीने के दूसरे गुरुवार को जिला स्तर पर जन सुनवाई और समाधान की व्यवस्था की जाएगी. इसमें संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क जैसी समस्याओं को प्राथमिकता से सुनवाई का समाधान करेंगे. कैबिनेट ने मनरेगा श्रमिकों को टास्क पूरा होने पर राज्य सरकार द्वारा घोषित 220 रुपये प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी मिलने की मंशा भी जाहिर की है.

एम-सैंड इकाई को मिलेगा उद्योग का दर्जा

आमजन को खनिज बजरी का सस्ता और शुद्ध विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मैन्युफैक्चर्ड सेंड नीति का अनुमोदन किया गया. इस नीति के तहत प्रदेश के खनन क्षेत्रों में उपलब्ध ओवरबर्डन डम्प्स की प्रचुर मात्रा का दक्षता पूर्वक उपयोग करते हुए, खनन क्षेत्रों में पर्यावरण को संरक्षित करना, नदियों की बजरी की आपूर्ति में कमी और पारिस्थितिक तंत्र में सुधार के साथ ही स्थानीय स्तर पर खनिज आधारित उद्योग में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. अनुमोदित नीति के तहत एम सैंड इकाई को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा और उसे रिप्स 2019 के तहत परिलाभ देय होंगे.

दो से अधिक संतान वाले कार्मिकों को राहत

बैठक में राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 में संशोधन कर राज्य सरकार के कार्मिकों की 1 जून 2002 के बाद संतानों की संख्या 2 से अधिक होने पर 3 वर्ष के लिए एसीपी रोकी जाकर, आगामी एसीपी में उसके परिणामिक प्रभाव को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया. साथ ही नियमों में संशोधन कर वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल, संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्य को शिक्षा विभाग के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य के समकक्ष वेतनमान देने को मंजूरी दी गई है.

राजकीय सेवाओं में नियोजन के लिए भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण प्रावधानों में संशोधन

मंत्रिमंडल ने भूतपूर्व सैनिकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए राजकीय सेवाओं में नियोजन के लिए आरक्षण के प्रावधानों में कई संशोधन को मंजूरी दी है. इसके तहत भूतपूर्व सैनिकों के राज्य सेवाओं में नियोजन के लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट को बढ़ाकर 10 वर्ष करने को मंजूरी दी गई है. राजकीय सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों के लिए न्यूनतम अर्हता अंकों में 5% की छूट को अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता की स्थिति में 5% और बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है. साथ ही आवेदन के समय कंप्यूटर प्रयोग की योग्यता प्रमाण पत्र से संबंधित शिथिलता देने का भी निर्णय लिया गया है.

पढ़ें- केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में बेनीवाल 12 दिसंबर को करेंगे दिल्ली कूच

इसके अलावा पूर्व में भूतपूर्व सैनिक के रूप में देय आरक्षण का लाभ लेकर लोक सेवा के किसी पद पर नियोजित व्यक्ति को दोबारा किसी अन्य सेवा में नियोजन के लिए आरक्षण का दोहरा लाभ उसी स्थिति में ही देय होगा. जब सीधी भर्ती के ऐसे उच्च पदों पर जहां निचले पद का अनुभव निर्धारित है. बैठक में राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा अधिनियम 1969 के अंतर्गत राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा (संशोधन) नियम 2020 का अनुमोदन भी किया गया.

240 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांटों के लिए भूमि आवंटन

जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ तहसील के गांव देवीकोट और केहर फकीर की ढाणी में 90 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 180 हेक्टेयर भूमि और गांव देवीकोट में 150 मेगावाट की क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना के लिए 1184–06 बीघा भूमि का आवंटन करने का निर्णय लिया गया. इन सौर ऊर्जा इकाइयों की स्थापना से प्रदेश में स्थानीय स्तर पर रोजगार और राजस्व प्राप्ति के अवसर बढ़ेंगे. राज्य मंत्रिमंडल ने बाड़मेर के ग्राम आंटा में भारतीय वायु सेना का एयरवेज स्थापित करने के लिए रक्षा मंत्रालय को भूमि आवंटन करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है.

इसके अलावा मंत्रिपरिषद की बैठक में 9 कॉलेजों को राज्य सरकार के अधीन करने की कार्योत्तर स्वीकृति भी प्रदान की गई. इस दौरान प्रदेश में कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिए टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर भी चर्चा की गई. मंत्रिमंडल ने वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन, कोल्डचेन स्टोरेज व्यवस्था, प्राथमिकता के निर्धारण और मानव संसाधन की उपलब्धता आदि विषयों पर भी गहन विचार विमर्श किया.

जयपुर. आमजन को राहत देने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. बैठक में किसानों के हित में डार्क जोन में ट्यूबवेल और कुआं खोदने की अनुमति नहीं लेने का फैसला लिया गया. पांच श्रेणियों में भूजल दोहन के लिए एनओसी में छूट देने, जनसुनवाई की त्रिस्तरीय व्यवस्था, आमजन को खनिज बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड उपलब्ध कराने के लिए नीति के अनुमोदन, दो से अधिक संतान वाले कार्मिकों को राहत देने जैसे कई अहम फैसले लिए गए. कैबिनेट बैठक में 9 कॉलेजों को राज्य सरकार के अधीन करने की कार्योत्तर स्वीकृति भी प्रदान की गई.

कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले

पांच श्रेणियों में भूजल निकासी के लिए एनओसी का प्रावधान विलोपित

मंत्रिमंडल ने भूजल दोहन के लिए जारी दिशा निर्देशों के क्रम में एक बड़ा निर्णय करते हुए, 5 श्रेणियों में भूजल निकासी के लिए एनओसी के प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के बाद पेयजल और घरेलू उपयोग के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वैयक्तिक घरेलू उपभोक्ता, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं, सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठानों, कृषि कार्यकलापों और 10 घन मीटर प्रतिदिन से कम भू जल निकासी करने वाले सूक्ष्म और लघु उद्योगों के उपयोग के लिए भूजल निकासी के लिए एनओसी नहीं लेनी होगी. इससे प्रदेश के किसानों, आमजन और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं प्रदेश के 17 जिलों में 38 ब्लॉक जहां भूजल की स्थिति अधिक चिंताजनक है, वहां सुधार के सार्थक प्रयास किए जाएंगे.

जन सुनवाई के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था

मंत्रिमंडल ने जनसुनवाई की व्यवस्था को अधिक संवेदनशील और निचले स्तर तक प्रभावी बनाने के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली लागू करने का फैसला लिया. इसके तहत क्लस्टर, उपखंड और जिला स्तर पर आमजन की शिकायतों का प्रभावी निराकरण किया जाएगा. इस संबंध में विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया जाएगा.

पढ़ें- गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं...साल के आखिर तक गठित हो जाएगी नई राज्य इकाई : माकन

जानकारी के अनुसार महीने के पहले और तीसरे बुधवार को क्लस्टर स्तरीय जनसुनवाई, जिसमें 10-10 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर बनाए जाएंगे और हर 2 महीने में कम से कम एक बार इन क्लस्टर पर जनसुनवाई सुनिश्चित की जाएगी. वहीं महीने के चौथे गुरुवार को उपखंड स्तर पर, जबकि महीने के दूसरे गुरुवार को जिला स्तर पर जन सुनवाई और समाधान की व्यवस्था की जाएगी. इसमें संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क जैसी समस्याओं को प्राथमिकता से सुनवाई का समाधान करेंगे. कैबिनेट ने मनरेगा श्रमिकों को टास्क पूरा होने पर राज्य सरकार द्वारा घोषित 220 रुपये प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी मिलने की मंशा भी जाहिर की है.

एम-सैंड इकाई को मिलेगा उद्योग का दर्जा

आमजन को खनिज बजरी का सस्ता और शुद्ध विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मैन्युफैक्चर्ड सेंड नीति का अनुमोदन किया गया. इस नीति के तहत प्रदेश के खनन क्षेत्रों में उपलब्ध ओवरबर्डन डम्प्स की प्रचुर मात्रा का दक्षता पूर्वक उपयोग करते हुए, खनन क्षेत्रों में पर्यावरण को संरक्षित करना, नदियों की बजरी की आपूर्ति में कमी और पारिस्थितिक तंत्र में सुधार के साथ ही स्थानीय स्तर पर खनिज आधारित उद्योग में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. अनुमोदित नीति के तहत एम सैंड इकाई को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा और उसे रिप्स 2019 के तहत परिलाभ देय होंगे.

दो से अधिक संतान वाले कार्मिकों को राहत

बैठक में राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 में संशोधन कर राज्य सरकार के कार्मिकों की 1 जून 2002 के बाद संतानों की संख्या 2 से अधिक होने पर 3 वर्ष के लिए एसीपी रोकी जाकर, आगामी एसीपी में उसके परिणामिक प्रभाव को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया. साथ ही नियमों में संशोधन कर वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल, संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्य को शिक्षा विभाग के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य के समकक्ष वेतनमान देने को मंजूरी दी गई है.

राजकीय सेवाओं में नियोजन के लिए भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण प्रावधानों में संशोधन

मंत्रिमंडल ने भूतपूर्व सैनिकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए राजकीय सेवाओं में नियोजन के लिए आरक्षण के प्रावधानों में कई संशोधन को मंजूरी दी है. इसके तहत भूतपूर्व सैनिकों के राज्य सेवाओं में नियोजन के लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट को बढ़ाकर 10 वर्ष करने को मंजूरी दी गई है. राजकीय सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों के लिए न्यूनतम अर्हता अंकों में 5% की छूट को अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता की स्थिति में 5% और बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है. साथ ही आवेदन के समय कंप्यूटर प्रयोग की योग्यता प्रमाण पत्र से संबंधित शिथिलता देने का भी निर्णय लिया गया है.

पढ़ें- केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में बेनीवाल 12 दिसंबर को करेंगे दिल्ली कूच

इसके अलावा पूर्व में भूतपूर्व सैनिक के रूप में देय आरक्षण का लाभ लेकर लोक सेवा के किसी पद पर नियोजित व्यक्ति को दोबारा किसी अन्य सेवा में नियोजन के लिए आरक्षण का दोहरा लाभ उसी स्थिति में ही देय होगा. जब सीधी भर्ती के ऐसे उच्च पदों पर जहां निचले पद का अनुभव निर्धारित है. बैठक में राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा अधिनियम 1969 के अंतर्गत राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा (संशोधन) नियम 2020 का अनुमोदन भी किया गया.

240 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांटों के लिए भूमि आवंटन

जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ तहसील के गांव देवीकोट और केहर फकीर की ढाणी में 90 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 180 हेक्टेयर भूमि और गांव देवीकोट में 150 मेगावाट की क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना के लिए 1184–06 बीघा भूमि का आवंटन करने का निर्णय लिया गया. इन सौर ऊर्जा इकाइयों की स्थापना से प्रदेश में स्थानीय स्तर पर रोजगार और राजस्व प्राप्ति के अवसर बढ़ेंगे. राज्य मंत्रिमंडल ने बाड़मेर के ग्राम आंटा में भारतीय वायु सेना का एयरवेज स्थापित करने के लिए रक्षा मंत्रालय को भूमि आवंटन करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है.

इसके अलावा मंत्रिपरिषद की बैठक में 9 कॉलेजों को राज्य सरकार के अधीन करने की कार्योत्तर स्वीकृति भी प्रदान की गई. इस दौरान प्रदेश में कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिए टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर भी चर्चा की गई. मंत्रिमंडल ने वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन, कोल्डचेन स्टोरेज व्यवस्था, प्राथमिकता के निर्धारण और मानव संसाधन की उपलब्धता आदि विषयों पर भी गहन विचार विमर्श किया.

Last Updated : Dec 8, 2020, 7:20 AM IST
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