अजमेर. जिले में विगत 15 दिनों से 98 कौवें अलग-अलग जगह काल का ग्रास बन चुके हैं. मृत कौवों का पोस्टमार्टम भी करवा कर उनकी तीन जगहों पर जांच भी भेजी जा चुकी है. बावजूद इसके कौवों की मौत की असल वजह नहीं पता चल पाई है.
वहीं बरेली से आई अंतिम रिपोर्ट में बताया गया है कि कौवों की आंत में कीटनाशक पाया गया है. रिपोर्ट में कौओं की मौत रानीखेत वायरल डिजीज से होने से भी इनकार नहीं किया गया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कौवे विषाक्त पदार्थ कहां से खा रहे हैं और यदि उन्हें रानीखेत वायरल डिजीज है, तो उन्हें वह कहां से फैली है.
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दरअसल कौवों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने से आनासागर झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों को लेकर भी चिंता होने लगी है. अजमेर वन संरक्षक सुजीत कौर ने बताया कि शुरुआत से ही कौवों की मौत की वजह विषाक्त ही मानी जा रही थी. लेकिन, यह विषाक्त कौवे कहां से खा रहे हैं, इस पर अभी जांच जारी है.
रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम को आनासागर बारादरी के आसपास कचरा साफ करने के लिए कहा गया है , वहीं दो टीमें वन विभाग की निगरानी के लिए लगाई गई हैं. बता दें कि अजमेर में आनासागर झील के निकट बारादरी, लव-कुश गार्डन, पट्टी कटला, नसीराबाद रोड स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड एवं ब्यावर में वन विभाग को अभी तक 98 कौवें मृत मिल चुके हैं.