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दोहरी मार: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मौसमी बीमारियां भी डराने लगी

कोरोना के इस दौर के बीच धीरे-धीरे मौसमी बीमारियां भी अपने पैर पसारने लगी है और खासकर चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं प्रदेश में कोरोना के चलते कंटेनमेंट जोन में चिकित्सा विभाग की ओर से मोबाइल ओपीडी भी तैनात की गई है. जहां मौसमी बीमारियों से जुड़ा इलाज भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

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Published : Aug 21, 2020, 8:33 PM IST

jaipur news, etv bharat hindi news
मौसमी बीमारियां भी पसार रही पैर...

जयपुर. प्रदेश में 60 हजार से अधिक कोरोना के मामले फिलहाल सामने आ चुके हैं. कोरोना के इस दौर के बीच धीरे-धीरे मौसमी बीमारियां भी अपने पैर पसारने लगी है और खासकर चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू, और स्वाइन फ्लू के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हालांकि पिछले 2 सालों के मुकाबले फिलहाल इन मौसमी बीमारियों के आंकड़ों में फिलहाल वृद्धि देखने को नहीं मिली है.

मौसमी बीमारियां भी पसार रही पैर...

साल 2018 और 19 में मौसमी बीमारियों के काफी मामले देखने को मिले थे. अगर साल 2020 की बात करें तो धीरे-धीरे मौसमी बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है. खासकर चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. राजधानी जयपुर में फिलहाल सबसे अधिक मौसमी बीमारियों के पॉजिटिव मामले देखने को मिले हैं. जयपुर में अब तक 71 स्वाइन फ्लू, 27 स्क्रब टाइफस, 125 डेंगू और 68 मामले चिकनगुनिया के सामने आए हैं.

आंकड़ों के जरिए जानते हैं हालात

साल 2018

  • चिकनगुनिया के 254 मामले आए सामने
  • मलेरिया के 5728 मामले आए सामने
  • डेंगू के 9911 मामले आए सामने, 14 मरीजों की मौत
  • स्क्रब टाइफस के 1906 मामले आए सामने, 30 मरीजों की मौत
  • स्वाइन फ्लू के 2375 मामले आए सामने, 221 मरीजों की मौत

    साल 2019
  • चिकनगुनिया के 365 मामले हुए दर्ज
  • मलेरिया के 3421 मामले आए सामने
  • डेंगू के 13686 मामले आए सामने, 18 मरीजों की मौत
  • स्क्रब टाइफस के 3001 मामले आए सामने, 12 मरीजों की मौत
  • स्वाइन फ्लू के 5092 मामले आए सामने, 208 मरीजों की मौत

    साल 2020 (जुलाई तक)
  • चिकनगुनिया के 169 मामले अभी तक आए सामने
  • मलेरिया के 176 मामले आए सामने
  • डेंगू के 353 मामले अभी तक आए सामने
  • स्क्रब टाइफस के 198 मामले अभी तक आए सामने
  • स्वाइन फ्लू के 116 मामले अभी तक आए सामने, 1 मरीज की मौत

बीते 2 साल से जुड़े आंकड़ों को देखें तो फिलहाल यह देखने को मिल रहा है कि मौसमी बीमारियों का कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. आधा साल बीतने के बावजूद भी वर्ष 2020 में बीते 2 साल के मुकाबले फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.

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लैब में टेस्टिंग करता लैबकर्मी

कर रहे स्क्रीनिंग...

मामले को लेकर प्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में फिलहाल कोरोना के मामलों में बीते कुछ समय से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लेकिन इसके अलावा जो मौसमी बीमारियां हैं. खासकर चिकनगुनिया, डेंगू, स्क्रब टाइफस और मलेरिया आदि को लेकर भी विभाग लगातार स्क्रीनिंग कर रहा है. प्रदेश के सभी चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं कि यदि मौसमी बीमारियों के मामले सामने आए तो तुरंत इलाज की व्यवस्था की जाए.

मोबाइल ओपीडी वैन से मिल रहा है इलाज

वहीं कोरोना के चलते कंटेनमेंट जोन में चिकित्सा विभाग की ओर से मोबाइल ओपीडी भी तैनात की गई है. जहां मौसमी बीमारियों से जुड़ा इलाज भी उपलब्ध कराया जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना की शुरुआत भी इस मोबाइल ओपीडी वैन में शुरू की गई है.

जयपुर. प्रदेश में 60 हजार से अधिक कोरोना के मामले फिलहाल सामने आ चुके हैं. कोरोना के इस दौर के बीच धीरे-धीरे मौसमी बीमारियां भी अपने पैर पसारने लगी है और खासकर चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू, और स्वाइन फ्लू के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हालांकि पिछले 2 सालों के मुकाबले फिलहाल इन मौसमी बीमारियों के आंकड़ों में फिलहाल वृद्धि देखने को नहीं मिली है.

मौसमी बीमारियां भी पसार रही पैर...

साल 2018 और 19 में मौसमी बीमारियों के काफी मामले देखने को मिले थे. अगर साल 2020 की बात करें तो धीरे-धीरे मौसमी बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है. खासकर चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. राजधानी जयपुर में फिलहाल सबसे अधिक मौसमी बीमारियों के पॉजिटिव मामले देखने को मिले हैं. जयपुर में अब तक 71 स्वाइन फ्लू, 27 स्क्रब टाइफस, 125 डेंगू और 68 मामले चिकनगुनिया के सामने आए हैं.

आंकड़ों के जरिए जानते हैं हालात

साल 2018

  • चिकनगुनिया के 254 मामले आए सामने
  • मलेरिया के 5728 मामले आए सामने
  • डेंगू के 9911 मामले आए सामने, 14 मरीजों की मौत
  • स्क्रब टाइफस के 1906 मामले आए सामने, 30 मरीजों की मौत
  • स्वाइन फ्लू के 2375 मामले आए सामने, 221 मरीजों की मौत

    साल 2019
  • चिकनगुनिया के 365 मामले हुए दर्ज
  • मलेरिया के 3421 मामले आए सामने
  • डेंगू के 13686 मामले आए सामने, 18 मरीजों की मौत
  • स्क्रब टाइफस के 3001 मामले आए सामने, 12 मरीजों की मौत
  • स्वाइन फ्लू के 5092 मामले आए सामने, 208 मरीजों की मौत

    साल 2020 (जुलाई तक)
  • चिकनगुनिया के 169 मामले अभी तक आए सामने
  • मलेरिया के 176 मामले आए सामने
  • डेंगू के 353 मामले अभी तक आए सामने
  • स्क्रब टाइफस के 198 मामले अभी तक आए सामने
  • स्वाइन फ्लू के 116 मामले अभी तक आए सामने, 1 मरीज की मौत

बीते 2 साल से जुड़े आंकड़ों को देखें तो फिलहाल यह देखने को मिल रहा है कि मौसमी बीमारियों का कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. आधा साल बीतने के बावजूद भी वर्ष 2020 में बीते 2 साल के मुकाबले फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.

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लैब में टेस्टिंग करता लैबकर्मी

कर रहे स्क्रीनिंग...

मामले को लेकर प्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में फिलहाल कोरोना के मामलों में बीते कुछ समय से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लेकिन इसके अलावा जो मौसमी बीमारियां हैं. खासकर चिकनगुनिया, डेंगू, स्क्रब टाइफस और मलेरिया आदि को लेकर भी विभाग लगातार स्क्रीनिंग कर रहा है. प्रदेश के सभी चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं कि यदि मौसमी बीमारियों के मामले सामने आए तो तुरंत इलाज की व्यवस्था की जाए.

मोबाइल ओपीडी वैन से मिल रहा है इलाज

वहीं कोरोना के चलते कंटेनमेंट जोन में चिकित्सा विभाग की ओर से मोबाइल ओपीडी भी तैनात की गई है. जहां मौसमी बीमारियों से जुड़ा इलाज भी उपलब्ध कराया जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना की शुरुआत भी इस मोबाइल ओपीडी वैन में शुरू की गई है.

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