जयपुर. सरकार के निर्देशानुसार सोमवार से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल खुलेंगे. इससे पहले रविवार को ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में स्कूलों को फायर ब्रिगेड से सैनिटाइज कराया गया है. वहीं कोविड-19 महामारी के कुप्रभाव को देखते हुए अभिभावकों को राहत देने के लिए ग्रेटर निगम के डिप्टी मेयर ने राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियम) अधिनियम 2016 को लागू करवाने के लिए सीएम को पत्र लिखा है. बीते 10 महीने से कोविड-19 महामारी के विश्वव्यापी प्रभावों से राजस्थान भी अछूता नहीं रहा. समाज के सभी क्षेत्र और वर्गों पर इसका को प्रभाव पड़ा. इस दौरान स्कूल बंद रहे.
वहीं आर्थिक कुप्रभाव के चलते अभिभावकों ने स्कूलों की पूरी फीस जमा करवाने में असमर्थता जाहिर की, जबकि निजी स्कूलों का प्रयास रहा कि अभिभावक फीस जमा करवाएं. इस मुद्दे को लेकर अभिभावक और स्कूल प्रशासन में काफी विवाद हुआ. धरने, अनशन, रैली के रूप में जनता सड़कों पर उतरी, और न्यायालय की शरण में गई. ऐसे में उच्च न्यायालय ने अभिभावकों को स्कूल फीस में राहत प्रदान करने के आदेश भी दिए. साथ ही निजी विद्यालयों द्वारा राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियम) अधिनियम 2016 की पालना को सुनिश्चित करते हुए फीस लेने के निर्देश भी दिए.
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इस आदेश में स्पष्ट किया गया कि कई स्कूलों द्वारा मनमानी करते हुए सम्पूर्ण फीस को ट्यूशन फीस के रूप में दर्शा रखा है, जो फीस एक्ट 2016 के विपरीत है. इस एक्ट के प्रावधानों के तहत विद्यालय फीस कमेटी का गठन और उसमें स्कूल द्वारा फीस के तहत विभिन्न मदों के स्पष्ट अंकन किए जाने के भी निर्देश दिए. ऐसे में ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हाईकोर्ट के आदेशों की पालना को सुनिश्चित करवाने के संबंध में पत्र लिखा, जिससे प्रभावित पक्ष को कोविड-19 कुप्रभाव में राहत मिले। साथ ही दोनों पक्षों में समाधान का विधिक मार्ग प्रशस्त हो.
वहीं, सोमवार से 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर स्कूल खोले जा रहे हैं. ऐसे में ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र के स्कूलों को फायर ब्रिगेड से सैनिटाइजर भी कराया गया, ताकि छात्र स्कूल आने में खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.