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दलित और आदिवासी युवाओं के लिए उद्यम प्रोत्साहन योजना के प्रारूप को मंजूरी, जानिए क्या मिलेगा फायदा - Scheme for Dalit and tribal entrepreneurs

प्रदेश की गहलोत सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के प्रारूप को मंजूरी दे दी है. इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2022-23 में की थी. इस प्रोत्साहन योजना से दलित और आदिवासी युवा उद्यमियों को फायदा (Scheme for dalit and tribal youths) मिलेगा.

Scheme for Dalit and tribal entrepreneurs approved by CM Gehlot, Know benefits under the scheme
दलित और आदिवासियों युवाओं के लिए उद्यम प्रोत्साहन योजना के प्रारूप को मंजूरी, जानिए क्या मिलेगा फायदा
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Published : Sep 1, 2022, 7:07 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के दलित और आदिवासी युवाओं और उद्यमियों के लिए अहम फैसला लिया है. सीएम गहलोत ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022 के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया (Scheme for dalit and tribal youths) है. इससे इन वर्गों के युवाओं के लिए आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलेंगे और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे. गहलोत ने बजट 2022-23 में यह योजना लागू करने की घोषणा की थी.

इन्क्यूबेशन सेंटर में मिलेगा प्रशिक्षण: योजना के अंतर्गत दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) सहित अन्य के सहयोग से एमएसएमई सेक्टर के विभिन्न ट्रेड/उत्पादों के संबंध में पूर्णकालिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना होगी. सेंटर में प्रशिक्षणार्थियों को उद्यम स्थापना से पूर्व सभी आवश्यक जानकारी, प्रोजेक्ट का चयन, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना, उद्यम स्थापित करने के लिए आधुनिक मशीनों पर प्रायोगिक प्रशिक्षण, तकनीकी और दक्षता संवर्द्धन, उद्यम के संचालन, उत्पादों की मार्केटिंग, वित्तीय लेन-देन के स्वरूप के साथ प्रक्रिया, लेखा संधारण आदि का आवासीय प्रशिक्षण मिलेगा.

पढ़ें: खादी कामगार आर्थिक प्रोत्साहन योजना के प्रारूप को सीएम की मंजूरी, मिली 9 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति

निवेश के लिए बनाया जाएगा सक्षम: दलित और आदिवासी वर्ग के लोगों को निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए अभिनव पहल की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत स्थापित किए जा रहे चयनित उद्योगों में रीको/राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड की 10 प्रतिशत भागीदारी, अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति इकाई किए जाने के विकल्प का प्रावधान होगा. इस तरह की साझेदारी से युवा उद्यमियों को तकनीकी और विभिन्न स्वीकृतियां लेने में सहयोग मिलेगा.

भूखंड आरक्षण, किश्तों पर ब्याज, स्टाम्प ड्यूटी में राहत: इस योजना के लागू होने पर रीको औद्योगिक क्षेत्रों में दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होने वाले भूखंडों की निर्धारित सीमा 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4000 वर्गमीटर की जाएगी. साथ ही, उद्यमियों को वर्तमान में भूखंड आवंटन में देय आरक्षण की सीमा को भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत किया जाएगा. भूमि आवंटन की देय राशि की किश्तों पर ब्याज में पूर्ण छूट तथा भूमि रूपान्तरण शुल्क में 100 प्रतिशत रियायत का भी प्रावधान होगा. जमीन खरीद, लीज और ऋण दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी में भी योजना के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट मिलेगी.

पढ़ें: CM गहलोत ने उद्यमों की सुगम स्थापना और निवेश प्रोत्साहन के लिए रिप्स-2019 और रिप्स-2014 में संशोधन को दी मंजूरी

7 साल के लिए 100 प्रतिशत एसजीएसटी पुनर्भरण: योजना के तहत दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों की ओर से लगाई जाने वाली इकाइयों के राज्य वस्तु और सेवा कर (एसजीएसटी) का 7 वर्ष तक के लिए 100 प्रतिशत पुनर्भरण किया जाएगा. साथ ही, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान और 25 प्रतिशत (अधिकतम 25 लाख रुपए) तक मार्जिन मनी अनुदान दिया जाएगा.

पढ़ें: उद्योग मंत्री ने किया दावा, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना से स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

राज्य सरकार पर 525 करोड़ रुपए का वित्तीय भार: राज्य सरकार पर योजना के अंतर्गत मार्जिन मनी, सीजीएसटी, ब्याज आदि अनुदानों से आगामी 5 वित्तीय वर्षों में कुल 525 करोड़ रुपए का भार आएगा. इस महत्वाकांक्षी योजना से दलित और आदिवासी वर्ग के युवा उद्यमियों को आर्थिक संबल मिल सकेगा. उन्हें उचित प्रशिक्षण मिलने के साथ ही उद्यम स्थापित करने से पहले तथा बाद में आने वाली विभिन्न समस्याओं के निस्तारण में सहायता मिलेगी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के दलित और आदिवासी युवाओं और उद्यमियों के लिए अहम फैसला लिया है. सीएम गहलोत ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022 के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया (Scheme for dalit and tribal youths) है. इससे इन वर्गों के युवाओं के लिए आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलेंगे और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे. गहलोत ने बजट 2022-23 में यह योजना लागू करने की घोषणा की थी.

इन्क्यूबेशन सेंटर में मिलेगा प्रशिक्षण: योजना के अंतर्गत दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) सहित अन्य के सहयोग से एमएसएमई सेक्टर के विभिन्न ट्रेड/उत्पादों के संबंध में पूर्णकालिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना होगी. सेंटर में प्रशिक्षणार्थियों को उद्यम स्थापना से पूर्व सभी आवश्यक जानकारी, प्रोजेक्ट का चयन, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना, उद्यम स्थापित करने के लिए आधुनिक मशीनों पर प्रायोगिक प्रशिक्षण, तकनीकी और दक्षता संवर्द्धन, उद्यम के संचालन, उत्पादों की मार्केटिंग, वित्तीय लेन-देन के स्वरूप के साथ प्रक्रिया, लेखा संधारण आदि का आवासीय प्रशिक्षण मिलेगा.

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निवेश के लिए बनाया जाएगा सक्षम: दलित और आदिवासी वर्ग के लोगों को निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए अभिनव पहल की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत स्थापित किए जा रहे चयनित उद्योगों में रीको/राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड की 10 प्रतिशत भागीदारी, अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति इकाई किए जाने के विकल्प का प्रावधान होगा. इस तरह की साझेदारी से युवा उद्यमियों को तकनीकी और विभिन्न स्वीकृतियां लेने में सहयोग मिलेगा.

भूखंड आरक्षण, किश्तों पर ब्याज, स्टाम्प ड्यूटी में राहत: इस योजना के लागू होने पर रीको औद्योगिक क्षेत्रों में दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होने वाले भूखंडों की निर्धारित सीमा 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4000 वर्गमीटर की जाएगी. साथ ही, उद्यमियों को वर्तमान में भूखंड आवंटन में देय आरक्षण की सीमा को भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत किया जाएगा. भूमि आवंटन की देय राशि की किश्तों पर ब्याज में पूर्ण छूट तथा भूमि रूपान्तरण शुल्क में 100 प्रतिशत रियायत का भी प्रावधान होगा. जमीन खरीद, लीज और ऋण दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी में भी योजना के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट मिलेगी.

पढ़ें: CM गहलोत ने उद्यमों की सुगम स्थापना और निवेश प्रोत्साहन के लिए रिप्स-2019 और रिप्स-2014 में संशोधन को दी मंजूरी

7 साल के लिए 100 प्रतिशत एसजीएसटी पुनर्भरण: योजना के तहत दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों की ओर से लगाई जाने वाली इकाइयों के राज्य वस्तु और सेवा कर (एसजीएसटी) का 7 वर्ष तक के लिए 100 प्रतिशत पुनर्भरण किया जाएगा. साथ ही, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान और 25 प्रतिशत (अधिकतम 25 लाख रुपए) तक मार्जिन मनी अनुदान दिया जाएगा.

पढ़ें: उद्योग मंत्री ने किया दावा, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना से स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

राज्य सरकार पर 525 करोड़ रुपए का वित्तीय भार: राज्य सरकार पर योजना के अंतर्गत मार्जिन मनी, सीजीएसटी, ब्याज आदि अनुदानों से आगामी 5 वित्तीय वर्षों में कुल 525 करोड़ रुपए का भार आएगा. इस महत्वाकांक्षी योजना से दलित और आदिवासी वर्ग के युवा उद्यमियों को आर्थिक संबल मिल सकेगा. उन्हें उचित प्रशिक्षण मिलने के साथ ही उद्यम स्थापित करने से पहले तथा बाद में आने वाली विभिन्न समस्याओं के निस्तारण में सहायता मिलेगी.

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