जयपुर. कमिश्नर का डर (Scared Greater Nagar Nigam Commissioner) अब मुद्दे की शक्ल लेने लगा है. उनके खौफ पर महापौर ने उन्हें 'जनप्रतिनिधि के सम्मान' का सबक सिखाया है. सौम्या गुर्जर ने कहा (Soumya gurjar on Greater Nagar Nigam Commissioner) कि जनप्रतिनिधियों से किसी को खतरा नहीं होता. गुर्जर ने सलाह दी है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान करोगे तो असुरक्षित कभी महसूस ही नहीं होगे. फिर भी अगर उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है और वो असुरक्षित हैं तो सरकार को उन्हें सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए. मेयर ने इसके साथ ये भी कहा कि उन्हें तो कोई खतरा नहीं महसूस होता.
कमिश्नर का खत: सारी कहानी उस एक खत से शुरू होती है जो ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर की ओर से गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखा गया (Greater Nagar Nigam Commissioner Letter To Government) है. इसमें उन्होंने सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है. पत्र में 4 जून 2021 को हुई बैठक के दौरान पार्षदों की ओर से की गई धक्का-मुक्की और कमरे से बाहर न निकलने दिए जाने का जिक्र किया गया है. आयुक्त ने 31 जनवरी 2022 को कुछ पार्षदों की ओर से प्रदर्शन करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी करने का भी हवाला दिया है.
ये बात तब की!: जिस वक्त ये पत्र लिखा गया उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महापौर सौम्या गुर्जर के पक्ष में फैसला सुनाया था. पत्र में इस निर्णय का जिक्र करते हुए पार्षद या किन्हीं अन्य व्यक्तियों की ओर से उनके घर, कार्यालय या आने जाने के दौरान अप्रिय घटना करने, या फिर कोई धरना-प्रदर्शन करने की बात लिखी गई है.
उप महापौर के मुताबिक जनता, निगम आएगी भी और काम नहीं होने पर नाराजगी भी व्यक्त करेगी, जनप्रतिनिधि भी नाराजगी जाहिर करेंगे. लेकिन किसी को असुरक्षा का भाव लाने की जरूरत नहीं है. यदि कोई असुरक्षित हो तो उनसे बात कर लें असुरक्षा दूर हो जाएगी.
ये खत जनवरी 2022 में लिखा गया था. 2 फरवरी 2022 को महापौर सौम्या गुर्जर ने नगर निगम में वापसी की थी. फिलहाल गृह विभाग ने डीजी इंटेलिजेंस से आयुक्त के खतरे का आंकलन कर रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट के आने के बाद ही ये तय हो पाएगा कि यज्ञमित्र सिंह देव को सुरक्षा मिलेगी या नहीं.