जयपुर. भाजपा नेता इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं. पत्र के जरिए प्रदेश के विभिन्न वर्गों की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीते 2 दिनों में 4 पत्र मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं. शुक्रवार को भी सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन सहित विभिन्न लंबित भर्तियां शीघ्र पूरी करने और दिहाड़ी मजदूरों से लेकर डेयरी बूथ संचालकों को वरीयता से कोरोना वैक्सीनेशन करने की मांग की.
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पहले पत्र में पूनिया ने सीएम गहलोत को लिखा कि कोविड-19 की पहली लहर में पिछले साल राजस्थान सरकार ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के जरिए सहायक रेडियोग्राफर एवं लैब टेक्नीशियन की भर्ती निकाली थी. 45 दिन में उक्त भर्ती पूरी की जानी थी, लेकिन 11 महीने बीत जाने के बाद भी यह भर्ती पूरी नहीं हुई है.
वर्तमान समय में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, इसमें जांच (चेक-अप, टेस्ट इत्यादि) का बड़ा महत्व है. अगर यह भर्ती समय पर हो जाती तो ना केवल बेरोजगारों को रोजगार मिलता बल्कि कोरोना की जांच में भी आसानी रहती. इसी तरह से ईसीजी टेक्नीशियन भर्ती और आयुर्वेद चिकित्सकों की भर्ती भी अटकी हुई है. ईसीजी टेक्नीशियन भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम अभी तक जारी नहीं किया गया है और आयुर्वेद चिकित्सकों की भर्ती भी अभी तक नहीं हो सकी है.
पूनिया ने सीएम गहलोत से आग्रह किया कि वर्तमान समय में कोरोना जांच के लिए लैब टेक्नीशियन की जरूरत है. साथ ही कोरोना की दूसरी लहर में सीटी स्कैन और एक्स-रे की आवश्यकता पड़ रही है. इसलिए आमजन हित में लैब टेक्नीशियन, सहायक रेडियोग्राफर, ईसीजी टेक्नीशियन एवं आयुर्वेद चिकित्सकों की लंबित भर्तियों को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण किया जाए.
पूनिया ने सीएम गहलोत को दूसरे पत्र में लिखा कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में एवं कंस्ट्रक्शन साइट्स पर कार्यरत श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, फल-सब्जी ठेला संचालकों व डेयरी बूथ संचालकों को कोरोना टीकाकरण में प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है. उक्त वर्ग के लोगों का टीकाकरण आवश्यक है, बिना वैक्सीनेशन के इनके संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है.
सतीश पूनिया ने सीएम अशोक गहलोत से आग्रह किया कि कोई कार्ययोजना बनाकर कार्यरत श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, फल-सब्जी ठेला संचालकों और डेयरी बूथ संचालकों को कोरोना टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए, जिससे इन्हें कोरोना के इस घातक संक्रमण से बचाया जा सके.