जयपुर. शिक्षक भर्ती-2018 में खाली रहे 1167 अनारक्षित पद पर अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों की भर्ती की मांग को लेकर डूंगरपुर-उदयपुर हिंसक हुए. अभ्यर्थियों के आंदोलन के मामले में सियासत जारी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में सरकार की गुप्तचर और कानून व्यवस्था की पोल खुल गई है क्योंकि अब खुद प्रशासनिक अधिकारी भी स्वीकार करने लगे हैं कि झारखंड और आसपास के बाहरी क्षेत्र के लोगों ने यहां आकर उपद्रव भड़काने का काम किया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक बयान जारी कर कहा कि तीन-चार दिनों से जो घटना हुई है वह इस बात का सबूत है क्योंकि प्रशासन इस बात को स्वीकार कर रहा है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि यदि कानून व्यवस्था और सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश हुई तो सरकार और प्रशासन को उस समय इसकी खबर क्यों नहीं हुई.
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पूनिया ने कहा कि किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार लोगों की जान माल की सुरक्षा की गारंटी देती है और उनको भरोसा भी देती है. लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार को कानून व्यवस्था की कोई चिंता नहीं है क्योंकि जो आंदोलन चल रहा है या तो सरकार को इसकी जानकारी नहीं थी या फिर संवाद स्थापित ही नहीं किया गया, जिसके कारण आंदोलन भड़का.
सतीश पूनिया ने कहा कि यदि बाहरी लोग आकर राजस्थान में इस प्रकार का सद्भावना बिगड़ने का काम करते हैं तो यह प्रदेश के लिए चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण भी है और सरकार को इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस प्रयास करना चाहिए.
कृषि किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के साथ वर्चुअल संवाद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरषोत्तम रुपाला और राजस्थान गुजरात के सांसदों के साथ कृषि विधायक व अन्य कार्यक्रमों के संबंध में वर्चुअल संवाद भी किया. इस दौरान कृषि सुधार कानून को लेकर राजस्थान भाजपा की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई. रविवार को ही सतीश पूनिया ने अपने निवास पर तो वहीं प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों ने जयपुर शहर भाजपा कार्यालय पर शहर पदाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम सुना.