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आमेर के टाटियावास में बाल संरक्षण आयोग की कार्रवाई अवैधानिक, सरकार बच्चों के साथ न्याय करेः सतीश पूनिया

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने आमेर के टाटियावास गांव में संचालित भारतीय विद्या निकेतन संस्थान के विद्यार्थियों को बाल संरक्षण आयोग की ओर से अवैधानिक कार्रवाई करते हुए अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने से उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए राजस्थान विधानसभा में मुखरता से आवाज उठाई.

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Published : Mar 19, 2021, 7:43 PM IST

सतीश पूनिया, Rajasthan Legislative Assembly Proceedings
सतीश पूनिया

जयपुर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने आमेर के टाटियावास गांव में संचालित भारतीय विद्या निकेतन संस्थान के विद्यार्थियों को बाल संरक्षण आयोग की ओर से अवैधानिक कार्यवाही करते हुए अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने से उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए राजस्थान विधानसभा में मुखरता से आवाज उठाई.

सदन में बोले सतीश पूनिया

पूनिया ने कहा कि भारतीय विद्या निकेतन संस्थान को 1991 से स्कूल की मान्यता मिल गई, 2017 से संस्थान ने छात्रावास के लिए समाज कल्याण, शिक्षा विभाग, बाल संरक्षण आयोग में प्रार्थना पत्र दिया और 01 मार्च, 2021 को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, बाल विकास समिति के लोग और एक चाइल्ड हेल्पलाइन के लोग आये और रात को इस छात्रावास पर छापा मारा और 27 बच्चों को अनाधिकृत तरीके से जबरन कस्टडी में ले गये, गांव और समिति के लोगों ने उनको रोकने के लिए निवेदन किया, लेकिन नहीं माने.

यह भी पढ़ेंः स्पीकर ने शिक्षा मंत्री को लताड़ा, कहा- आपको आफरा आ रहा है तो कहीं और निकाल लीजिएगा, सवालों का सीधा जवाब दें

डाॅ. पूनिया ने कहा कि ये सभी विद्यार्थी गरीब परिवारों से हैं, उनके अभिभावकों की ओर से सहमति देने पर संस्थान ने इन बच्चों को रखा. उन्होंने कहा कि मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि समाज कल्याण एवं बाल संरक्षण आयोग इन बच्चों को इस छात्रावास को वापस सुपुर्द करें, क्योंकि ये सारी व्यवस्था गांव के लोग करते हैं. इन गरीब बच्चों पर इस तरीके से अन्याय को रोकने के लिए सरकार को गम्भीरता से ध्यान देना चाहिए.

जयपुर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने आमेर के टाटियावास गांव में संचालित भारतीय विद्या निकेतन संस्थान के विद्यार्थियों को बाल संरक्षण आयोग की ओर से अवैधानिक कार्यवाही करते हुए अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने से उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए राजस्थान विधानसभा में मुखरता से आवाज उठाई.

सदन में बोले सतीश पूनिया

पूनिया ने कहा कि भारतीय विद्या निकेतन संस्थान को 1991 से स्कूल की मान्यता मिल गई, 2017 से संस्थान ने छात्रावास के लिए समाज कल्याण, शिक्षा विभाग, बाल संरक्षण आयोग में प्रार्थना पत्र दिया और 01 मार्च, 2021 को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, बाल विकास समिति के लोग और एक चाइल्ड हेल्पलाइन के लोग आये और रात को इस छात्रावास पर छापा मारा और 27 बच्चों को अनाधिकृत तरीके से जबरन कस्टडी में ले गये, गांव और समिति के लोगों ने उनको रोकने के लिए निवेदन किया, लेकिन नहीं माने.

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डाॅ. पूनिया ने कहा कि ये सभी विद्यार्थी गरीब परिवारों से हैं, उनके अभिभावकों की ओर से सहमति देने पर संस्थान ने इन बच्चों को रखा. उन्होंने कहा कि मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि समाज कल्याण एवं बाल संरक्षण आयोग इन बच्चों को इस छात्रावास को वापस सुपुर्द करें, क्योंकि ये सारी व्यवस्था गांव के लोग करते हैं. इन गरीब बच्चों पर इस तरीके से अन्याय को रोकने के लिए सरकार को गम्भीरता से ध्यान देना चाहिए.

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