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Viral वीडियो पर सियासत तेज, सतीश पूनिया ने कहा- सीपी जोशी छोड़ें स्पीकर का पद - state president satish puniya

राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो के वायरल होते ही भाजपा ने स्पीकर पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि सीपी जोशी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार बचाने की चिंता है. यह अनैतिक है, स्पीकर को नैतिकता के आधार पर आगे आकर अपना पद छोड़ देना चाहिए. हालांकि जो वीडियो वायरल हुआ है, ईटीवी भारत उसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

Rajasthan viral video case, राजस्थान वायरल वीडियो मामला
प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया
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Published : Jul 30, 2020, 1:10 PM IST

जयपुर (इंट्रो). प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के आधार पर भाजपा ने स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही जोशी से स्पीकर का पद छोड़ने की मांग भी की है.

सतीश पूनिया ने कहा स्पीकर पद छोड़ें

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहां की वायरल वीडियो में साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तो अपने पुत्र वैभव गहलोत को नेता बनाने की चिंता है और स्पीकर सीपी जोशी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार बचाने की चिंता है जो उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है.

वायरल वीडियो

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पूनिया ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक होता है और वह एक तरह से जज की भूमिका में होते हैं, लेकिन वायरल वीडियो में जिस तरह वह वैभव गहलोत से सियासी चर्चा कर रहे हैं उससे उनकी भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है. उन्होंने कहा कि, आमतौर पर राजनेताओं पर आरोप लगते हैं और उनसे इस्तीफे भी मांगे जाते हैं, लेकिन यह आरोप तो साफ-साफ है और उसका वायरल वीडियो में प्रमाण भी है. उन्होंने कहा जिस प्रकार का प्रश्न स्पीकर की भूमिका पर खड़ा हुआ है उसके बाद खुद सीपी जोशी को नैतिकता के आधार पर आगे आकर अपना पद छोड़ देना चाहिए.

पढ़ेंः सियासी घमासान के बीच स्पीकर सीपी जोशी और वैभव गहलोत के बीच 'गुफ्तगू' का VIDEO वायरल

पूनिया ने कहा कि यह बात तो ठीक है कि स्पीकर पार्टी की धारा से आते हैं और वो एक तरीके से भगवान की भूमिका में होती है. लेकिन पिछले दिनों का उनका आचरण खासतौर पर जो मुझे संयम लोढ़ा ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था वो बिना आधार के स्पीकर ने स्वीकार कर लिया. कांग्रेस पार्टी के विधायकों को भी सरकार के इशारे पर रातों-रात विधानसभा सचिवालय खुलवा कर नोटिस जारी कर दिए गए. इसमें स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है.

पढ़ेंः विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण: संजय जैन के वॉयस सैंपल रिकॉर्ड करेगी एसओजी, कोर्ट से मिली अनुमति

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सभापतियों का पैनल भी होता है. बीजेपी इस मामले में आगे कोई निर्णय ले उससे पहले खुद स्पीकर को इस बारे में आत्म चिंतन करना चाहिए. यहां मतलब साफ है कि भाजपा आने वाले विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर इस मामले को लेकर सवाल खड़ा करेगी और संभवत चाहेगी कि सभापति पैनल में से ही कोई अन्य स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर सदन को संचालित करें.

जयपुर (इंट्रो). प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के आधार पर भाजपा ने स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही जोशी से स्पीकर का पद छोड़ने की मांग भी की है.

सतीश पूनिया ने कहा स्पीकर पद छोड़ें

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहां की वायरल वीडियो में साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तो अपने पुत्र वैभव गहलोत को नेता बनाने की चिंता है और स्पीकर सीपी जोशी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार बचाने की चिंता है जो उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है.

वायरल वीडियो

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पूनिया ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक होता है और वह एक तरह से जज की भूमिका में होते हैं, लेकिन वायरल वीडियो में जिस तरह वह वैभव गहलोत से सियासी चर्चा कर रहे हैं उससे उनकी भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है. उन्होंने कहा कि, आमतौर पर राजनेताओं पर आरोप लगते हैं और उनसे इस्तीफे भी मांगे जाते हैं, लेकिन यह आरोप तो साफ-साफ है और उसका वायरल वीडियो में प्रमाण भी है. उन्होंने कहा जिस प्रकार का प्रश्न स्पीकर की भूमिका पर खड़ा हुआ है उसके बाद खुद सीपी जोशी को नैतिकता के आधार पर आगे आकर अपना पद छोड़ देना चाहिए.

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पूनिया ने कहा कि यह बात तो ठीक है कि स्पीकर पार्टी की धारा से आते हैं और वो एक तरीके से भगवान की भूमिका में होती है. लेकिन पिछले दिनों का उनका आचरण खासतौर पर जो मुझे संयम लोढ़ा ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था वो बिना आधार के स्पीकर ने स्वीकार कर लिया. कांग्रेस पार्टी के विधायकों को भी सरकार के इशारे पर रातों-रात विधानसभा सचिवालय खुलवा कर नोटिस जारी कर दिए गए. इसमें स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है.

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सभापतियों का पैनल भी होता है. बीजेपी इस मामले में आगे कोई निर्णय ले उससे पहले खुद स्पीकर को इस बारे में आत्म चिंतन करना चाहिए. यहां मतलब साफ है कि भाजपा आने वाले विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर इस मामले को लेकर सवाल खड़ा करेगी और संभवत चाहेगी कि सभापति पैनल में से ही कोई अन्य स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर सदन को संचालित करें.

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