जयपुर. प्रदेश में बच्चों की मौत के मामले में सियासत गर्माती जा रही है. मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी की जा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने रविवार को भी अस्पतालों में बच्चों की मौत के मामले में अपना बयान दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निरोगी राजस्थान के स्लोगन को जिंदा रखने की नसीहत देते हुए कर्म करने की नसीहत दी. साथ ही सचिन पायलट के बयान को लोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि धुएं के पीछे आग जरूर है.
सतीश पूनिया ने कहा कि अब सरकार को आंकड़ों पर नहीं जाकर, उपचार पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक महीने में बच्चे तो काल कवलित हुए हैं, लेकिन सरकार भी बीमार हो गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उनके जिम्मेदार मंत्री को वहां जाने में 20 दिन क्यों लग गए. पूनिया ने कहा कि एक आईएएस अधिकारी को वहां भेजा गया और उसने भी वहां लीलापोती कर दी.
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पूनिया ने कहा कि अब कोटा तो पीछे छूट चुका है. बीकानेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, अलवर और बूंदी में इस तरह की घटना यह इंगित करती है कि निरोगी राजस्थान किताबों और दीवारों पर लिखा हुआ स्लोगन है. उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था जितनी दुरुस्त होनी चाहिए उतनी दुरुस्त है नहीं. पूनिया ने कहा कि सरकार यह मानती है कि संक्रमण से बच्चों की मौत हुई है और जांच रिपोर्ट बताती है कि अत्यधिक सर्दी और वॉर्मर के नहीं होने से बच्चों की मौत हुई है.
कांग्रेस आंकड़ों की बात कर सियासत कर रही हैः पूनिया
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वेंटीलेटर का जो अनुपात होना चाहिए वह नहीं है. एक ही बिस्तर पर 3-3 बच्चे लेटे हुए हैं तो संक्रमण क्यों नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने आने वाली बीमारियों का न तो आंकलन किया और ना ही एहतियातन उपाय किए. पूनिया ने कहा कि यहां तक कि मुख्यमंत्री का गृह जिला जोधपुर भी अछूता नहीं रहा. अफसोस की बात है कि कांग्रेस आंकड़ों की बात कर सियासत कर रही है. पूनिया ने मुख्यमंत्री को नसीहत दी कि अपने निरोगी राजस्थान के स्लोगन को जिंदा रखना है तो कर्म करना पड़ेगा.
पूनिया ने डिप्टी सीएम पायलट के बयान का किया पलटवार
वहीं, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के जिम्मेदारी तय करने के बयान को लेकर सतीश पूनिया ने भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट देर से आए लेकिन दुरुस्त आए. पूनिया ने कहा कि जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के नाते लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने अपना बयान दिया है. उन्होंने सचिन पायलट की पिछली सरकार के आंकड़ों से तुलना नहीं करने के बयान को एक परिपक्व बयान बताया.
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सतीश पूनिया ने कहा कि जो पार्टी गुटों में बंटी हुई हो वह सुशासन कैसे देगी, जन घोषणाएं कैसे लागू करेगी और लोग ऐसी सरकार से न्याय की उम्मीद कैसे करेंगे. पूनिया ने कहा कि सचिन पायलट ने बच्चों की मौत के मामले मे अपनी सरकार को घेरा है तो उन्होंने लोकतांत्रिक काम तो किया है लेकिन ऐसा लगता है कि धुंए के पीछे आग जरूर है.