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सरिस्का के शिकारी को 3 साल का कारावास, कोर्ट ने आर्थिक दंड भी दिया - 16 हजार जुर्मान

सीबीआई मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत ने सरिस्का में एक साल की अवधि में टाइगर और बघेरा सहित अन्य वन्यजीवों का शिकार करने वाले अभियुक्त शिकारी हनुमान बावरिया को तीन साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

District Sessions Court, जिला सेशन न्यायालय
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Published : Aug 3, 2019, 11:06 PM IST

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत ने सरिस्का में एक साल की अवधि में टाइगर और बघेरा सहित अन्य वन्यजीवों का शिकार करने वाले अभियुक्त शिकारी हनुमान बावरिया को तीन साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि, इस मामले में सह आरोपी संसारचन्द सहित अन्य की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य के मामले में पूर्व में फैसला हो चुका है.

बता दें, इस मामले में सह आरोपी संसारचन्द सहित अन्य की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य के मामले में पूर्व में फैसला हो चुका है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि थानागाजी वनपाल ने 11 मार्च 2005 को मामला दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया कि अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 मार्च 2004 से 7 मार्च 2005 की अवधि में सरिस्का में कालाकुंड के पास टाइगर, बघेरा और हिरण जैसे वन्यजीवों का शिकार किया और उनकी खालों सहित अन्य अंगों को कब्जे में रखा.

यह भी पढ़ेंः 27 से 29 सितंबर तक डिजिटल मीडिया पर उदयपुर में होगा मंथन, 10 देशों के पत्रकार लेंगे हिस्सा

वहीं, विभाग की ओर से प्रकरण को जांच के लिए सीबीआई में भेजा गया. अभियुक्त ने सीबीआई को पूछताछ में बताया कि वह अपने साथियों के साथ चार साल में करीब पन्द्रह बघेरों का शिकार कर चुका है.

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत ने सरिस्का में एक साल की अवधि में टाइगर और बघेरा सहित अन्य वन्यजीवों का शिकार करने वाले अभियुक्त शिकारी हनुमान बावरिया को तीन साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि, इस मामले में सह आरोपी संसारचन्द सहित अन्य की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य के मामले में पूर्व में फैसला हो चुका है.

बता दें, इस मामले में सह आरोपी संसारचन्द सहित अन्य की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य के मामले में पूर्व में फैसला हो चुका है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि थानागाजी वनपाल ने 11 मार्च 2005 को मामला दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया कि अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 मार्च 2004 से 7 मार्च 2005 की अवधि में सरिस्का में कालाकुंड के पास टाइगर, बघेरा और हिरण जैसे वन्यजीवों का शिकार किया और उनकी खालों सहित अन्य अंगों को कब्जे में रखा.

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वहीं, विभाग की ओर से प्रकरण को जांच के लिए सीबीआई में भेजा गया. अभियुक्त ने सीबीआई को पूछताछ में बताया कि वह अपने साथियों के साथ चार साल में करीब पन्द्रह बघेरों का शिकार कर चुका है.

Intro:जयपुर। सीबीआई मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत ने सरिस्का में एक साल की अवधि में टाइगर और बघेरा सहित अन्य वन्यजीवों का शिकार करने वाले अभियुक्त शिकारी हनुमान बावरिया को तीन साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।Body:प्रकरण में सह आरोपी संसारचन्द सहित अन्य की मौत हो चुकी है। जबकि दो अन्य के मामले में पूर्व में फैसला हो चुका है। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि थानागाजी वनपाल ने 11 मार्च 2005 को प्रकरण कर किया था। जिसमें कहा गया कि अभियुक्त ने अपने साथियों से मिलकर 8 मार्च 2004 से सात मार्च 2005 की अवधि में सरिस्का में कालाकुंड के पास टाइगर, बघेरा और हिरण आदि वन्यजीवों का शिकार किया और उनकी खालों सहित अन्य अंगों को कब्जे में रखा। वहीं विभाग की ओर से प्रकरण को जांच के लिए सीबीआई में भेजा गया। अभियुक्त ने सीबीआई को पूछताछ में बताया कि वह अपने साथियों के साथ चार साल में करीब पन्द्रह बघेरों का शिकार कर चुका है। Conclusion:null
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