जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज राजस्थान विनियोग विधेयक और राजस्थान वित्त विधेयक 2022 पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि आज कहा जाता है कि कलियुग है. लेकिन मुझे लगता है कि यह कला का युग है. यही कारण है कि चाय वाले प्रधानमंत्री, मठ वाले मुख्यमंत्री बन गए और लाफ्टर चैलेंज में सबको हंसाने का काम करने वाले भी मुख्यमंत्री बन गए.
संयम लोढ़ा ने कहा कि देश के हालात यह हैं कि 'ना पढ़ेगा इंडिया, ना बढ़ेगा इंडिया, हिंदू-मुस्लिम पर केवल लड़ेगा इंडिया'. उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज धर्म के नाम पर वोट मिल रहे हैं, तो फिर कोई विकास का काम क्यों करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोढ़ा के कमेंट पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ खड़े हुए और बोले (Rajendra Rathore replied to Sanyam Lodha) कि क्या आप गरीबों के खिलाफ हैं. 'हम तीन और हमारे तीन' की मानसिकता के हो, जो देश के प्रधानमंत्री का नाम लेकर कह रहे हो कि चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया. हमें गर्व है कि 56 इंच के सीने वाला दुनिया का सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री है.
केंद्र के बाद घेरा राज्य के हेल्थ ओर शिक्षा विभाग को : नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ पर सवाल खड़े करने के बाद लोढ़ा ने राज्य सरकार के हेल्थ और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने हेल्थ पर बोलते हुए कहा कि आप को आरपीएससी ने पद नहीं दिए. आपको अधिकारियों के चक्कर में नहीं आकर ध्यान इस पर देना चाहिए कि हॉस्पिटल में सफाईकर्मी डिलीवरी करा रहा है और एंबुलेंस ड्राइवर टांका लगा रहा है. आपकी कितनी पीएचसी ऐसी हैं जिनमें डॉक्टर हैं. लेकिन एक भी डिलीवरी नहीं होती है. इस पर सरकार का ध्यान होना चाहिए कि इस कमी को कैसे दूर करें. बजाय इसके कि पदोन्नति को लेकर हम नया फार्मूला लाकर नया पचरा खड़ा कर दें.
उन्होंने कहा कि शिक्षा इतना ओवरलोडेड डिपार्टमेंट है कि मंत्री तक बात पहुंची ही नहीं. उन्होंने शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या आपकी जानकारी में है कि जिन स्कूलों में जीरो नामांकन है, उसमें टीचर लगे हुए हैं. क्या कोई ऐसा प्रयास हुआ कि वहां से टीचर हटाकर पिछले जिलों में लगाया जाए. 50 स्कूल ऐसे हैं जहां सिंगल टीचर हैं. अगर टीचर छुट्टी पर गया या बीमार हुआ, तो बच्चे कहां पढ़ने जाएंगे.
क्या भाजपा को नहीं पता कि किस विभाग ने तोड़ी मूर्ति: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक बलवान पूनिया ने जितेंद्र मेघवाल की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि एक दलित को इसलिए मार दिया जाता है क्योंकि उसकी मूछों पर वह ताव देता था. उसे मारने के लिए हत्यारे साढ़े 700 किलोमीटर मोटरसाइकिल से आते हैं. उन्होंने कहा कि मैं सरकार का केवल इस घटना की तरफ ही ध्यान आकर्षित नहीं करता बल्कि यह जो घृणा, जातीय विद्वेष, कौन फैला रहे हैं. इनको चिन्हित करने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और सरकार को बताना चाहिए कि ऐसे कौन लोग हैं, जो घृणा फैलाते हैं. इनकी वाहवाही भी होती है. उन्होंने सालासर मंदिर विवाद (Balwan Poonia on Salasar Temple ) को लेकर कहा कि सालासर में मूर्ति तोड़ी गई. मैं उस घटना की निंदा करता हूं. किसी भी मूर्ति को खंडित नहीं कर सकते. उसका अपमान नहीं कर सकते. ऐसी गड़बड़ किसने की, इसका भी पता होना चाहिए. गलतफहमी में सदन में कुछ लोग स्थगन प्रस्ताव लगा गए. लेकिन उनको पता नहीं कि यह काम एनएचआई कर रही थी. ऐसी ही घटनाओं का परिणाम है कि दंगे हो जाते हैं और समाज में विद्वेष फैलता है. फेसबुक, सोशल मीडिया के युग में ऐसी घटनाओं को लेकर सरकार को गंभीरता से काम करना होगा.