जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को कोरोना महामारी को लेकर चर्चा चल रही है. इस चर्चा में भाग लेते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कोरोना से लड़ाई प्रशासन के लिए भी नई थी और आम जनता के लिए भी. ऐसे में नियम कायदे भी आम जनता से टूटे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है.
लेकिन जिन लोगों के खिलाफ ऐसे मुकदमे हैं जिनमें 3 साल से कम की सजा का प्रावधान है. ऐसे मुकदमों को राज्य सरकार तुरंत वापस ले. संयम लोढ़ा ने कहा कि कोरोना वायरस को यह पता नहीं कि वह मुख्यमंत्री का कार्यालय है या राजभवन. विधायक लोढ़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दो मंत्रियों का इससे निधन हो चुका है.
वहीं, संयम लोढ़ा ने भाजपा पर राजस्थान की सरकार को डिस्टर्ब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मार्च में सदन को स्थगित कर के हम कोरोना से लड़ाई करने के लिए गए थे. लेकिन भाजपा को कोरोना से मतलब नहीं था. वह पूरी तल्लीनता, तन्मयता के साथ अपनी जिम्मेदारी का काम कर रहे मुख्यमंत्री को डिस्टर्ब करने का काम कर रही थी.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को फेयरमाउंट से लेकर जैसलमेर तक पहुंचाया और लेकिन उसका नतीजा यह हुआ कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खरीद-फरोख्त से लड़ने वाले, काले धन से लड़ने वाले योद्धा के रूप में सामने आए. भाजपा जिस आर्थिक पैकेज की बात कर रही है उसमें अगर एक भी गरीब आदमी के खाते में सीधा 5 हजार पहुंचा हो तो वह इसके बारे में बता दें. उन्होंने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा को देरी तक चालू रख कर केंद्र सरकार ने देश के स्वास्थ्य के साथ बड़ा समझौता किया है.