जयपुर. संस्कृत कॉलेज शिक्षा में कर्मचारियों के सेवा नियमों को लेकर जल्द गजट नोटिफिकेशन जारी होंगे. संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने इस ओर इशारा किया. मौका था संस्कृत दिवस पर जयपुर में राज्य स्तरीय समारोह का. जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला मौजूद रहे, तो वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता निम्बार्क पीठाधीश्वर श्याम शरण देवाचार्य ने की.
कार्यक्रम में संस्कृत में अपने योगदान के लिए 16 विद्वानों का सम्मानित किया गया. समारोह का सर्वोच्च सम्मान- संस्कृत साधना शिखर सम्मान डॉ. बनवारी लाल गौड़ को दिया गया. गौड़ को एक लाख रुपये का चेक और प्रशस्ति पत्र व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया. वहीं मंच से मंत्री बीडी कल्ला ने सेवा नियमों के अलावा सहायक प्रोफेसर के नवीन पदों पर भर्ती और प्रवेशिका से वरिष्ठ उपाध्याय में विद्यालयों को क्रमोन्नत किए जाने की बात कही.
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में डॉ. ताराशंकर शर्मा पाण्डेय और डॉ. रामदेव साहू को संस्कृत साधना सम्मान दिया गया. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, पं. छाजूराम त्रिवेदी, नमामी शंकर बिस्सा, शारदा जांगिड़, डॉ. सीताराम दोतोलिया और डॉ. उमेश प्रसाद को संस्कृत विद्वत्सम्मान से सम्मानित किया गया. तो वहीं गायत्री प्रसाद शर्मा, कमलेश कुमार शर्मा, डॉ. जयनारायण शुल्क, अश्विनी चतुर्वेदी और डॉ. गटुलाल पाटीदार को संस्कृत युवप्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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इस अवसर पर शिक्षा विभाग के विकास के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाले दो भामाशाह और विभागीय कार्य संपादन में श्रेष्ठ उपलब्धि प्राप्त करने वाले मंत्रालयिक वर्ग के दो कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. समारोह संस्कृत की परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त छात्र-छात्राओं, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की अजमेर की वरिष्ठ उपाध्याय और प्रवेशिका परीक्षाओं के प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की वरिष्ठ उपाध्याय, प्रवेशिका परीक्षाओं में परिणामगत सर्वोच्च अंक प्राप्त संस्थाओं, शैक्षणिक सत्र 2021-22 में सर्वाधिक नामांकन और सर्वाधिक नवीन प्रवेश वाली संस्थानों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए.
इस दौरान संस्कृत शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि संस्कृत दिवस के मौके पर कार्यक्रम में विद्वानों का सम्मान किया गया है. इन लोगों ने संस्कृत के विकास में बहुत योगदान दिया है. संस्कृत हर भाषा की जननी है और इसका विकास निरंतर जारी है. आज भी अगर संस्कृत भाषा को फिर से अपनाना शुरू किया जाता है, तो निश्चित रूप से देश फिर से विश्व गुरु बन सकता है. वहीं कल्ला ने संस्कृत कॉलेज शिक्षा में कर्मचारियों के सेवा नियमों को लेकर जल्द गजट नोटिफिकेशन जारी होने, सहायक प्रोफेसर के नवीन पदों पर भर्ती और प्रवेशिका से वरिष्ठ उपाध्याय में विद्यालयों को क्रमोन्नत किए जाने की बात कही. इसके साथ ही संस्कृत शिक्षकों का पे स्केल और शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती किए जाने की बात कही.