जयपुर. बाल संप्रेक्षण गृह में शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में चल रहे सरकारी और निजी आश्रय गृह, बाल संप्रेक्षण गृह और बालिका गृह व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. इसी बीच बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal, Chairperson of Child Protection Commission) से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने भी यह बात स्वीकार किया कि प्रदेश में निजी आश्रय गृह जो कि बाल आयोग के अधीन आते हैं, वहां कुछ जगह पर गड़बड़ झाला है. लिहाजा, सरकार के स्तर पर इन बाल गृह की ऑडिट की जाएगी.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) द्वारा ऑडिट रिपोर्ट में 40 फीसदी आश्रय गृह में बच्चों के शारीरिक और यौन शोषण को रोकने के उपाय नहीं पाए गए. राजस्थान में भी अलग-अलग बाल सुधार गृह, बाल संप्रेक्षण गृह, किशोर गृह, बालिका गृह की स्थितियों पर नजर डालें तो ज्यादा अच्छे हालात यहां पर भी नहीं है.
निजी बाल गृह को ऑडिट की जरूरत...
हाल ही में भरतपुर बाल संप्रेक्षण गृह (State Child Care Home Bharatpur) में शराब पार्टी का वीडियो वायरल (Bharatpur Child Care Home Viral Video) होने के बाद ना केवल भरतपुर की, बल्कि राज्य के सभी आश्रय गृह की सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों शारीरिक और यौन शोषण रोकने के उपाय पर भी सवाल उठने लगे हैं.
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बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भी यह मानती हैं कि राजस्थान में निजी हाथों में चल रहे बाल गृह के ऑडिट की जरूरत है.
निजी आश्रय गृहों में पाई गई गड़बड़ी...
संगीता बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि अध्यक्ष बनने के बाद करीब एक दर्जन सरकारी और निजी आश्रय गृह गृहों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सरकारी आश्रय गृहों की तो स्थिति कमोबेश ठीक नजर आई, लेकिन कुछ निजी आश्रय गृहों की तो हालात पूरी तरीके से गड़बड़झाले पाए गए थे.
औचक निरीक्षण में चौंकान वाले खुलासे...
उन्होंने बताया कि भरतपुर के एक आश्रय गृह में तो बच्चे नहीं थे और कागजों में बच्चों की संख्या दिखाकर फर्जी तरीके से अनुदान लिया जा रहा था. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि अध्यक्ष बनने के उन्होंने करीब एक दर्जन से अधिक आश्रय गृहों औचक निरीक्षण किया है. कुछ जगह कमियां मिली हैं. जिनके खिलाफ करवाई की जा रही है.
अब होगी सख्त कार्रवाई...
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष का कहना है कि कोरोना की वजह से सभी आश्रय गृहों का निरीक्षण नहीं हो पाया है लेकिन अब कोरोना से बचाव के साथ ही, जहां पर भी शिकायत रहेगी खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही एक बार सभी आश्रय गृहों की ऑडिट के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. जिससे जो भी संस्था फर्जी तरीके से काम कर रही है, उसके खिलाफ करवाई हो सके.