जयपुर. सालासर बालाजी धाम के सुजानगढ़ में बने तोरण और रामदरबार की मूर्तियां ध्वस्त करने के मामले में चल रही सियासत के बीच विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि सड़क विस्तार का काम एनएचआई और इससे जुड़े ठेकेदार कर रहे हैं. इस तरह यह केंद्र सरकार से जुड़ा मामला है. सदन में इस विषय पर चर्चा नहीं (CP Joshi not allowed discussion on Salasar gate demolition issue) होगी.
स्पीकर के इनकार के बाद प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्विटर का रुख किया और वास्तविक रिपोर्ट जारी कर दी. इससे स्पष्ट है कि भाजपा फ्रंटफुट पर रहकर मामले को डील करना चाह रही है. सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रदेश सरकार की कथनी और करनी से लोगों को रूबरू कराना चाह रही है.
दरअसल, शून्यकाल में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने स्थगन के जरिए यह मामला लगाया था, लेकिन स्पीकर ने इस विषय पर बोलने की अनुमति नहीं दी. ऐसे में राठौड़ ने आग्रह किया, तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप सदन के काफी सीनियर सदस्य हैं. यह मामला सेंट्रल से जुड़ा हुआ है. इस पर चर्चा नहीं हो सकती.
जोशी ने कहा कि रामदरबार की मूर्तियां ध्वस्त करने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आपकी जो भी भावनाएं हैं, उससे भारत सरकार को अवगत करा दिया जाएगा. कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी इस बारे में बोलना चाहा, लेकिन स्पीकर ने उन्हें भी चुप करा दिया.
गौरतलब है कि भाजपा के प्रदेश से जुड़े सभी प्रमुख नेता लगातार इस मामले को उठा रहे हैं. आलम यह रहा कि आज सदन में इस मामले को उठाने की रणनीति बना ली गई, लेकिन स्पीकर ने सदन में जवाब देकर इस पूरे घटना की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डालते हुए सदन में चर्चा से इंकार कर दिया.
पूनिया और मालवीय ने सरकार पर बोला हल्ला, जारी की वास्तविक रिपोर्ट : सालासर बालाजी के सुजानगढ़ स्थित प्रवेश द्वार और इसमें लगे राम दरबार से जुड़ी मूर्तियों को जेसीबी से गिराने के मामले में चल रही सियासत के बीच अब भाजपा नेताओं ने ट्विटर पर इस पूरे प्रकरण की कथित वास्तविक रिपोर्ट जारी की है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और राष्ट्रीय पदाधिकारी अमित मालवीय ने ट्विटर के जरिए यह रिपोर्ट जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
पूनिया और मालवीय की ओर से ट्विटर पर की गई पोस्ट में जो पत्र लगाया गया है, उसे सालासर बालाजी के प्रवेश द्वार सीताद्वार गिराए जाने की वास्तविक रिपोर्ट दर्शाया गया है. इसमें 15 मार्च को यह प्रवेश द्वार सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा गिराया जाना सहित कुछ अन्य तथ्य दिए गए हैं. इस कथित वास्तविक रिपोर्ट के जरिए यह भी दावा किया गया कि पूर्व में सुजानगढ़ सालासर मार्ग NH65 का हिस्सा था, जिसको भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सालासर नागौर परियोजना के सुजानगढ़ बाइपास निर्माण के बाद साल 2019 में सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान को हैंडओवर कर दिया गया था.
कथित रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्तमान में सुजानगढ़ सालासर सड़क का दो से चार लेन बनाने का कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान द्वारा किया जा रहा है. प्रवेश द्वार दो लेन हाईवे पर बनाया गया था, जिसकी चौड़ाई कम होने के कारण पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क को चार लेन निर्माण के लिए ध्वस्त किया गया.
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि झूठ मत बोलो. वहीं, सतीश पूनिया ने अपने ट्वीट में लिखा कि पहले राम दरबार का अपमान और अब झूठ बोलकर जनता का, झूठ के पांव नहीं होते. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी जनता आपकी सरकार के एजेंडे को जानती है. इस मामले में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने भी एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को गलत तथ्य पेश कर गुमराह करने का काम किया है, जिसके चलते सदन में उन्होंने इस मसले पर चर्चा की अनुमति नहीं दी.