जयपुर. कोरोना माहामारी के दौर में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. वर्क फ्रॉम होम से लेकर ऑनलाइन शिक्षा तक आम से लेकर खास तक की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. यही नहीं इंटरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग ने लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है. लेकिन इसके साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ गए हैं. वर्ल्ड सेफर इंटरनेट डे (Safer Internet Day 2022) पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए इस पर पेश है ये खास रिपोर्ट.
आज इंटरनेट हर किसी की अहम जरूरत बन गया है. किसी भी जानकारी को हासिल करना हो, रुपयों की ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सब इंटरनेट से आसानी से हो जाता है. इंटरनेट के इस बढ़ते चलन के साथ ही इसके दुरुपयोग के मामलों में भी बेतहाशा इजाफा हुआ है. साथ ही साइबर अपराध के मामले भी बढ़े हैं. दरअसल, इस आधुनिक युग में वर्तमान पीढ़ी लगभग हर चीज के लिए इंटरनेट पर निर्भर है और इस वजह से साइबर क्राइम भी बढ़ा है. कोरोना संकट के दौरान वर्क फ्रॉम होम के कारण साइबर हमलों में भी इजाफा हुआ. एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार महामारी की वजह से भारतीयों के इंटरनेट उपयोग में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है और इसके कारण 61 फीसदी भारतीय घरों में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है.
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इस धोखाधड़ी से बचने और अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित कैसे रखा जा सकता हैं, ईटीवी भारत ने इस संबंध में बैंकिंग एक्सपर्ट अंकित सुनेजा से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज दुनिया में कुछ भी फ्री नहीं मिल रहा है. ऐसे में लोग भ्रामक विज्ञापनों से बचें और अननोन सोर्स से कोई एप्लीकेशन, मेल या मैसेज को एक्सेस न करें. पासवर्ड को सुरक्षित रखें, अपने कंप्यूटर को अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर और ईमेल क्लाइंट के लिए लेटेस्ट सुरक्षा अपडेट करें. एंटी-वायरस, एंटी स्पाईवेयर और पर्सनल फायरवॉल का इस्तेमाल करें.
वहीं, नेटबैंकिंग को लेकर कहा कि अपनी कस्टमर आईडी और पिन को सुरक्षित रखें और किसी व्यक्ति से साझा नहीं करें. नेटबैंकिंग अकाउंट में लॉग इन करने के बाद पिन को जितना जल्दी संभव हो, बदल लें. पिन को याद रखें और उसे किसी भी जगह नहीं लिखें. शेयर्ड कंप्यूटर नेटवर्क जैसे साइबर कैफे या पब्लिक वाईफाई नेटवर्क जैसे होटल/ एयरपोर्ट आदि से इंटरनेट बैंकिंग को एक्सेस करने से बचें. ई-मेल और दूसरे वेबसाइट पर दिए लिंक को क्लिक नहीं करें.
सेफर इंटरनेट को लेकर आईटी एक्सपर्ट डेविड दीवान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि सुरक्षित इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस सॉफ्टवेयर, एंटीवायरस और सुरक्षित वेब ब्राउजर का इस्तेमाल करें. यही नहीं मोबाइल में यूपीआई ट्रांजैक्शन और इंटरनेट बैंकिंग के लिए भी सिक्योर एप्लीकेशन का ही इस्तेमाल करें. अलग-अलग वेबसाइट के जरिए क्लिक करते समय ध्यान रखें. किसी फर्जी लिंक पर क्लिक नहीं करें, जिससे आपके कंप्यूटर पर गलत कोड या सॉफ्टवेयर या वायरस डाउनलोड हो सकता है. अप्रमाणित वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से कंप्यूटर में वायरस आ सकता है.
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दीवान ने बताया कि अपनी निजी जानकारी जैसे नाम और ईमेल आईडी को शेयर करने से पहले वेबसाइट की प्राइवेसी पॉलिसी जरूर पढ़ लें. मोबाइल सिक्योरिटी को लेकर कहा कि पासवर्ड मोबाइल फोन को सुरक्षित रखता है, गलत पासवर्ड सबमिट करने की लिमिट को तीन से ज्यादा नहीं रखें. अपने अकाउंट और डेटा को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत पासवर्ड रखें. किसी अनाधिकृत ट्रांजैक्शन को चेक करने के लिए अपने अकाउंट स्टेटमेंट को बार-बार रिव्यू करें. पिन को नियमित तौर पर बदलना चाहिए. साथ ही फोन के खोने या चोरी होने पर तुरंत पुलिस और टेलिकॉम कंपनी को सूचित करें.
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बहरहाल, आज दुनियाभर में सेफर इंटरनेट डे मनाया जा रहा है. ये सभी के लिए ऑनलाइन सुरक्षित रहने के महत्व और जागरूकता फैलाने के साथ ही लोगों को साइबर हमलों का सामना करने के लिए शिक्षित करने का दिन है ताकि आपकी मेहनत की जमा पूंजी गलत हाथों में न जाए और आप इसका सही और सुरक्षित इस्तेमाल कर सकें.