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MP के उपचुनाव में सिंधिया की काट के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं पायलट...

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कैबिनेट विस्तार और संगठन में राजनीतिक नियुक्तियों को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. संगठन में अपने समर्थकों को स्थान दिलवाले को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं. इसी बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट भी अजय माकन से मिले. इसके साथ ही पायलट मध्य प्रदेश उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विकल्प के तौर पर प्रचार कर सकते हैं.

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मध्य प्रदेश के उपचुनाव में पायलट करेंगें प्रचार
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Published : Sep 18, 2020, 3:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पंचायत चुनाव और राजनीतिक गतिरोध के शांत होने तक आगे खिसक चुका है. अब पहले राजस्थान में संगठन का पुनर्गठन होगा, जिसके लिए न केवल नेता जो पद चाहते हैं, बल्कि बड़े नेता भी अपने समर्थकों को स्थान दिलवाने के काम में जुट गए हैं.

मध्य प्रदेश के उपचुनाव में पायलट कर सकते हैं प्रचार

बता दें कि इसमें भी हर किसी की नजर इस बात पर है कि पायलट कैंप के नेताओं को संगठन में कितनी तवज्जो मिलेगी. यही कारण है कि सचिन पायलट अजय माकन से एक लंबी चर्चा संगठन के पुनर्गठन में अपने नेताओं को शामिल करने को लेकर कर चुके हैं. माकन से हुई मुलाकात में सचिन पायलट संगठन के पदों पर शामिल करने के लिए अपने नेताओं के नाम भी सौंप आए हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में सचिन पायलट प्रचार करने भी जाएंगे.

दरअसल, मध्य प्रदेश में आए सियासी भूचाल के बाद वहां की कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा ने सरकार बना ली. अब मध्य प्रदेश में सरकार किसकी रहेगी इसका फैसला वहां अक्टूबर-नवंबर में होने वाले 27 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर निर्भर करेगा.

ये पढ़ें: सचिन पायलट और कर्नल बैंसला को गुर्जर नेता हिम्मत सिंह की खरी-खरी, गहलोत से की ये मांग

यहां 27 में से 9 सीटें ऐसी हैं जो गुर्जर बाहुल्य हैं तो वहीं पायलट का युवा वोटरों पर भी खासा असर है. एकमात्र सचिन पायलट ही ऐसे युवा नेता हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवाओं के बीच आकर्षण में मुकाबला दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश चुनाव में पायलट को ज्योतिरादित्य सिंधिया की काट के तौर पर भी कांग्रेस देख रही है. हालांकि, अभी मध्य प्रदेश के उपचुनाव की तारिखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इन सभी बातों को लेकर चर्चा सचिन पायलट ने माकन से कर ली है.

जयपुर. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पंचायत चुनाव और राजनीतिक गतिरोध के शांत होने तक आगे खिसक चुका है. अब पहले राजस्थान में संगठन का पुनर्गठन होगा, जिसके लिए न केवल नेता जो पद चाहते हैं, बल्कि बड़े नेता भी अपने समर्थकों को स्थान दिलवाने के काम में जुट गए हैं.

मध्य प्रदेश के उपचुनाव में पायलट कर सकते हैं प्रचार

बता दें कि इसमें भी हर किसी की नजर इस बात पर है कि पायलट कैंप के नेताओं को संगठन में कितनी तवज्जो मिलेगी. यही कारण है कि सचिन पायलट अजय माकन से एक लंबी चर्चा संगठन के पुनर्गठन में अपने नेताओं को शामिल करने को लेकर कर चुके हैं. माकन से हुई मुलाकात में सचिन पायलट संगठन के पदों पर शामिल करने के लिए अपने नेताओं के नाम भी सौंप आए हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में सचिन पायलट प्रचार करने भी जाएंगे.

दरअसल, मध्य प्रदेश में आए सियासी भूचाल के बाद वहां की कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा ने सरकार बना ली. अब मध्य प्रदेश में सरकार किसकी रहेगी इसका फैसला वहां अक्टूबर-नवंबर में होने वाले 27 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर निर्भर करेगा.

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यहां 27 में से 9 सीटें ऐसी हैं जो गुर्जर बाहुल्य हैं तो वहीं पायलट का युवा वोटरों पर भी खासा असर है. एकमात्र सचिन पायलट ही ऐसे युवा नेता हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवाओं के बीच आकर्षण में मुकाबला दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश चुनाव में पायलट को ज्योतिरादित्य सिंधिया की काट के तौर पर भी कांग्रेस देख रही है. हालांकि, अभी मध्य प्रदेश के उपचुनाव की तारिखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इन सभी बातों को लेकर चर्चा सचिन पायलट ने माकन से कर ली है.

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