जयपुर. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पंचायत चुनाव और राजनीतिक गतिरोध के शांत होने तक आगे खिसक चुका है. अब पहले राजस्थान में संगठन का पुनर्गठन होगा, जिसके लिए न केवल नेता जो पद चाहते हैं, बल्कि बड़े नेता भी अपने समर्थकों को स्थान दिलवाने के काम में जुट गए हैं.
बता दें कि इसमें भी हर किसी की नजर इस बात पर है कि पायलट कैंप के नेताओं को संगठन में कितनी तवज्जो मिलेगी. यही कारण है कि सचिन पायलट अजय माकन से एक लंबी चर्चा संगठन के पुनर्गठन में अपने नेताओं को शामिल करने को लेकर कर चुके हैं. माकन से हुई मुलाकात में सचिन पायलट संगठन के पदों पर शामिल करने के लिए अपने नेताओं के नाम भी सौंप आए हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में सचिन पायलट प्रचार करने भी जाएंगे.
दरअसल, मध्य प्रदेश में आए सियासी भूचाल के बाद वहां की कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा ने सरकार बना ली. अब मध्य प्रदेश में सरकार किसकी रहेगी इसका फैसला वहां अक्टूबर-नवंबर में होने वाले 27 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर निर्भर करेगा.
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यहां 27 में से 9 सीटें ऐसी हैं जो गुर्जर बाहुल्य हैं तो वहीं पायलट का युवा वोटरों पर भी खासा असर है. एकमात्र सचिन पायलट ही ऐसे युवा नेता हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवाओं के बीच आकर्षण में मुकाबला दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश चुनाव में पायलट को ज्योतिरादित्य सिंधिया की काट के तौर पर भी कांग्रेस देख रही है. हालांकि, अभी मध्य प्रदेश के उपचुनाव की तारिखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इन सभी बातों को लेकर चर्चा सचिन पायलट ने माकन से कर ली है.