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स्पेशल स्टोरी : प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में सचिन पायलट के नाम हुआ ये रिकॉर्ड, गहलोत से एक कदम पीछे

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नाम राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में एक रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. वे सबसे लंबे समय तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहने वालों में शुमार परसराम मदेरणा को पछाड़ पहले पायदान पर पहुंच गए हैं. लेकिन अशोक गहलोत से वे एक कदम पीछे हैं.

Longest serving PCC chief, सचिन पायलट, राजस्थान कांग्रेस
Sachin Pilot became the longest serving PCC chief in the history of rajasthan congress
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Published : Jan 9, 2020, 6:46 PM IST

जयपुर. सचिन पायलट अब राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रदेशाध्यक्ष बन गए हैं. इसके साथ ही पायलट का 6 साल का कार्यकाल भी 20 जनवरी को पूरा होने जा रहा है जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड होगा. आज तक इस पद पर लगातार 6 साल तक कोई भी प्रदेशाध्यक्ष नहीं टिक सका है.

सचिन पायलट के नाम हुआ सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड लेकिन अशोक गहलोत से एक कदम पीछे

कहा जाता है सत्ता की चाबी सबसे पहले किसी भी पार्टी के अध्यक्ष के पास ही होती है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते सचिन पायलट इस बार के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी रहे थे, लेकिन अशोक गहलोत के रहते यह संभव नहीं हो सका. संभवत आगे वे इस पद के लिए प्रबल दावेदार जरूर होंगे.

राजस्थान कांग्रेस के इतिहास पर नजर डालें तो 26 जनवरी 1948 से लेकर अबतक के 28 प्रदेश अध्यक्षों में से केवल चार ही ऐसे हैं जो संगठन के मुखिया होने के साथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. इनमें से हीरालाल देवपुरा महज 16 दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाए गए थे.

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ये हैं वो चार प्रदेशाध्यक्ष जो मुख्यमंत्री बन सके

  • जय नारायण व्यास - 26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952 और 1 नवंबर 1952 से 12 नवंबर 1954 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे.
  • हरिदेव जोशी - 11 अगस्त 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक उसके बाद 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक और 4 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990 तक हरिदेव जोशी तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
  • हीरा लाल देवपुरा- 23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985 तक हीरालाल देवपुरा एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हालांकि देवपुरा महज 16 दिन के लिए ही इस पद पर रहे.
  • अशोक गहलोत- 1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003 उसके बाद 12 दिसंबर 2008 से 13 दिसंबर 2013 और 17 दिसंबर 2018 से अब तक तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं.

28 में से तीन प्रदेश अध्यक्ष ऐसे भी जो दो बार बने अध्यक्ष
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में तीन अध्यक्ष ऐसे भी हैं जिन्हें दो बार संगठन की चाबी सौंपी गई. इनमें मथुरादास माथुर, राम किशोर व्यास और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल हैं. वहीं वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का कार्यकाल भले ही आज तक के इतिहास में सबसे लंबा हो लेकिन अब भी अशोक गहलोत से एक बात में पीछे हैं. क्योंकि अशोक गहलोत ने दो बार अध्यक्ष रहते हुए करीब 7 साल का कार्यकाल पूरा किया था. लेकिन वे लगातार अध्यक्ष पद पर नहीं रहे. अशोक गहलोत 18 सितंबर 1985 से 8 जून 1989 और 1 दिसंबर 1995 से 14 अप्रैल 1999 तक दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं.

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खट्टा मीठा रहा अनुभव : सचिन पायलट
अपनी इस खास उपलब्धि पर सचिन पायलट ने कहा कि जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था तब पार्टी केवल 21 सीटों पर थी. भाजपा सरकार को बड़ा बहुमत मिला हुआ था. इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पार्टी को सत्ता में लाने के लिए संघर्ष शुरू किया.

सड़कों पर उतरे, आंदोलन किया, धरने प्रदर्शन किए और गांव गांव में दौरा किया. इस दौरान भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करने पर उन्होंने लाठियां भी खाई. उसी संघर्ष का नतीजा था कि 2018 में विधानसभा में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आई. ऐसे में कार्यकर्ताओं के मिले सहयोग के लिए वह हमेशा उनके आभारी रहेंगे.

जयपुर. सचिन पायलट अब राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रदेशाध्यक्ष बन गए हैं. इसके साथ ही पायलट का 6 साल का कार्यकाल भी 20 जनवरी को पूरा होने जा रहा है जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड होगा. आज तक इस पद पर लगातार 6 साल तक कोई भी प्रदेशाध्यक्ष नहीं टिक सका है.

सचिन पायलट के नाम हुआ सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड लेकिन अशोक गहलोत से एक कदम पीछे

कहा जाता है सत्ता की चाबी सबसे पहले किसी भी पार्टी के अध्यक्ष के पास ही होती है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते सचिन पायलट इस बार के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी रहे थे, लेकिन अशोक गहलोत के रहते यह संभव नहीं हो सका. संभवत आगे वे इस पद के लिए प्रबल दावेदार जरूर होंगे.

राजस्थान कांग्रेस के इतिहास पर नजर डालें तो 26 जनवरी 1948 से लेकर अबतक के 28 प्रदेश अध्यक्षों में से केवल चार ही ऐसे हैं जो संगठन के मुखिया होने के साथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. इनमें से हीरालाल देवपुरा महज 16 दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाए गए थे.

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ये हैं वो चार प्रदेशाध्यक्ष जो मुख्यमंत्री बन सके

  • जय नारायण व्यास - 26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952 और 1 नवंबर 1952 से 12 नवंबर 1954 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे.
  • हरिदेव जोशी - 11 अगस्त 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक उसके बाद 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक और 4 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990 तक हरिदेव जोशी तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
  • हीरा लाल देवपुरा- 23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985 तक हीरालाल देवपुरा एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हालांकि देवपुरा महज 16 दिन के लिए ही इस पद पर रहे.
  • अशोक गहलोत- 1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003 उसके बाद 12 दिसंबर 2008 से 13 दिसंबर 2013 और 17 दिसंबर 2018 से अब तक तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं.

28 में से तीन प्रदेश अध्यक्ष ऐसे भी जो दो बार बने अध्यक्ष
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में तीन अध्यक्ष ऐसे भी हैं जिन्हें दो बार संगठन की चाबी सौंपी गई. इनमें मथुरादास माथुर, राम किशोर व्यास और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल हैं. वहीं वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का कार्यकाल भले ही आज तक के इतिहास में सबसे लंबा हो लेकिन अब भी अशोक गहलोत से एक बात में पीछे हैं. क्योंकि अशोक गहलोत ने दो बार अध्यक्ष रहते हुए करीब 7 साल का कार्यकाल पूरा किया था. लेकिन वे लगातार अध्यक्ष पद पर नहीं रहे. अशोक गहलोत 18 सितंबर 1985 से 8 जून 1989 और 1 दिसंबर 1995 से 14 अप्रैल 1999 तक दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं.

पढे़ंः कैसा ये सिस्टम: 21 महीने से नहीं मिली मृतक कांस्टेबल परिवार को पेंशन, पीड़ा बताते हुए फूट-फूटकर रोने लगा बेटा

खट्टा मीठा रहा अनुभव : सचिन पायलट
अपनी इस खास उपलब्धि पर सचिन पायलट ने कहा कि जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था तब पार्टी केवल 21 सीटों पर थी. भाजपा सरकार को बड़ा बहुमत मिला हुआ था. इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पार्टी को सत्ता में लाने के लिए संघर्ष शुरू किया.

सड़कों पर उतरे, आंदोलन किया, धरने प्रदर्शन किए और गांव गांव में दौरा किया. इस दौरान भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करने पर उन्होंने लाठियां भी खाई. उसी संघर्ष का नतीजा था कि 2018 में विधानसभा में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आई. ऐसे में कार्यकर्ताओं के मिले सहयोग के लिए वह हमेशा उनके आभारी रहेंगे.

Intro:note _ यह स्पेशल खबर है पूरे आंकडों के साथ
सचिन पायलट के नाम हुआ सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड लेकिन अठाईस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों में से चार ही बन सके मुख्यमंत्री उनमें से भी हीरालाल देवपुरा तो बने थे केवल 16 दिन के मुख्यमंत्री


Body:राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट अब प्रदेश कॉन्ग्रेस के एक कार्यकाल में सबसे लंबे तक अध्यक्ष बनने रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। पायलट का 6 साल का कार्यकाल भी 20 जनवरी को पूरा होने जा रहा है जो भी अपने आप में एक नया रिकॉर्ड होगा क्योंकि आज तक लगातार 6 साल तक कोई भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रह सका। कहा जाता है सत्ता की चाबी सबसे पहले किसी भी पार्टी के अध्यक्ष के पास से ही होकर गुजरती है सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे थे और संभवत आगे भी होंगे लेकिन राजस्थान में हकीकत यह है कि 28 में से चार ही अध्यक्ष ऐसे रहे हैं जो संगठन के मुखिया होने के साथ ही सत्ता के भी मुखिया बने राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्षों का इतिहास देखा जाए तो 70 साल के इतिहास में 26 जनवरी 1948 से लेकर आज तक प्रदेश कांग्रेस के 28 अध्यक्ष बने जिनमें से चार प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री बन पाए हैं ऐसे भी हीरालाल देवपुरा तो महज 16 दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाए गए थे।
यह वह चार प्रदेश अध्यक्ष जो बन सके मुख्यमंत्री इनमें से हीरालाल देवपुरा तो महज 16 दिन के लिए बने मुख्यमंत्री

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की बात करें तो अब तक 28 प्रदेश अध्यक्षों में से महज चार ही प्रदेश अध्यक्ष ऐसे रहे जो संगठन के मुखिया के साथी सत्ता की कुर्सी पर भी काबिज हुए हो इनमें जय नारायण व्यास हरिदेव जोशी हीरालाल देवपुरा और अशोक गहलोत शामिल है
1.जय नारायण व्यास -26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952 और 1 नवंबर 1952 से 12 नवंबर 1954 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे
2.हरिदेव जोशी- 11 अगस्त 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक उसके बाद 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक और 4 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990 तक हरिदेव जोशी तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
3. हीरा लाल देवपुरा- 23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985 तक हीरालाल देवपुरा एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हालांकि देवपुरा महज 16 दिन के लिए ही इस पद पर रहे
4.- अशोक गहलोत 1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003 उसके बाद 12 दिसंबर 2008 से 13 दिसंबर 2013 और 17 दिसंबर 2018 से अब तक तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री है

28 में से तीन प्रदेश अध्यक्ष ऐसे भी जो दो बार बने अध्यक्ष

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अब तक 28 अध्यक्ष बन चुके हैं लेकिन इनमें से तीन अध्यक्ष ऐसे भी हैं जिन्हें दो बार राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनने का मौका मिला इनमें मथुरादास माथुर राम किशोर व्यास और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल है वही चाहे एक बार में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का कार्यकाल आज तक के इतिहास में सबसे लंबा हो लेकिन अब भी अशोक गहलोत से पीछे हैं क्योंकि अशोक गहलोत ने दो बार अध्यक्ष रहते हुए करीब 7 साल का कार्यकाल पूरा किया था अशोक गहलोत 18 सितंबर 1985 से 8 जून 1989 और 1 दिसंबर 1995 से 14 अप्रैल 1999 तक दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं जिनमें उनका कार्यकाल करीब 7 साल रहा

सचिन पायलट बोले खट्टा मीठा रहा 6 साल का अनुभव 21 सीट मिली जब अध्यक्ष बना विपरीत परिस्थितियों में कार्यकर्ताओं ने दिया सहयोग सड़कों पर आंदोलन किया लाठियां खाई

राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट एक कार्यकाल में सबसे लंबे अध्यक्ष रहने वाले प्रदेश अध्यक्ष बन चुके हैं पायलट ने कहा कि जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था तब पार्टी 21 सीटों पर थी भाजपा सरकार को बड़ा बहुमत मिला हुआ था इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पार्टी को सत्ता में लाने के लिए संघर्ष शुरू किया और सड़कों पर उतरे आंदोलन किया धरने प्रदर्शन किए और गांव गांव में दौरा किया इस दौरान भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करने पर उन्होंने लाठियां भी खाई उसी संघर्ष का नतीजा था कि 2018 में विधानसभा में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आई ऐसे में कार्यकर्ताओं के मिले सहयोग का वह हमेशा आभारी रहेंगे
वाइट सचिन पायलट अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस राजस्थान


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