जयपुर. गलता तीर्थ के पास आमागढ़ पहाड़ी किले पर लगे भगवा ध्वज को हटाने का मामला तूल पकड़ने के बाद अब गंगापुर सिटी से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है कि आरएसएस के लोगों ने अनधिकृत रूप से वहां झंडा लगाया था, जिसे उन्हीं लोगों को बुलाकर उतरवाया गया है. हमने ध्वज को अपमानित करने का काम नहीं किया है.
रामकेश मीणा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आमागढ़ किला गलता तीर्थ के बिल्कुल बगल में है और इसी किले में मीणा समाज की कुलदेवी अंबामाता का मंदिर है. जहां आज भी मीणा समाज के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते-जाते रहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि RSS से जुड़े कुछ लोगों ने इस किले में प्रवेश कर मूर्तियां तोड़कर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की और जब उसमें सफल नहीं हुए तो नई मूर्तियां लगवा दी और एक लंबा पोल खड़ा करके उस पर बड़ा सा झंडा लगवा दिया.
मीणा ने कहा कि मैं यह पूछना चाहता हूं कि ये किसकी इजाजत से किले में गए, किसकी इजाजत से वहां पोल खड़ा कर झंडा लगाया, नई मूर्तियां लगाने की अनुमति कहां से मिली और कैसे मीणा समाज की इस धरोहर से छेड़छाड़ करने की इन लोगों ने हिमाकत की. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने ही ऐतिहासिक मूर्तियों का तोड़ने का काम किया है. इनके खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज करवाया जाएगा.
रामकेश मीणा ने कहा कि वहां पर जो झंडा लगा था और जिन लोगों ने वहां यह झंडा लगाया था, राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन ये माने नहीं. वहां हमारे समाज का जो आदमी पूजा-अर्चना करता है, उसे भी डरा धमकाकर इन लोगों ने वहां से निकाल दिया.
झंडा फाड़ने संबंधी आरोपों पर उनका कहना है कि उस ध्वज को किसने लगाया और क्यों लगाया, जब वो किला वन विभाग के अधीन है. हमने तो जिन लोगों ने झंडा लगाया उन्हीं को बुलाकर उनसे झंडा हटवाने का काम किया है. जब वे झंडा उतारने की कोशिश कर रहे थे, उसी दौरान यह झंडा टूट गया. हमने किसी भी तरीके से ध्वज को अपमानित करने का काम नहीं किया है.
वहीं, इस मामले को लेकर कई संगठन विधायक रामकेश मीणा के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. एक हिंदू संगठन की ओर से शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर रामकेश मीणा के खिलाफ नारेबाजी की गई. उन्होंने मुख्यमंत्री से रामकेश मीणा की सदस्यता रद्द करने की मांग की.