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RSRTC संविदाकर्मियों को हटाने के बाद कर्मचारियों में आक्रोश, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन - Jaipur RSRTC opposes

आरएसआरटीसी की ओर से संविदाकर्मी चालकों को रातों-रात हटाने के आदेश के बाद कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. जिसके चलते कर्मचारियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर संविदाकर्मियों की दोबारा  नियुक्ति को लेकर ज्ञापन सौंपा.

जयपुर आरएसआरटीसी का विरोध , Jaipur RSRTC opposes
आरएसआरटीसी संविदाकर्मियों ने किया विरोध-प्रदर्शन
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Published : Dec 12, 2019, 11:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों को हटाने के विरोध में गुरुवार को कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. जिसके चलते कर्मचारियों ने सिंधी कैंप बस स्टैंड से लेकर सिविल लाइन फाटक तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया. वहीं कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिला. जहां सीएम गहलोत को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की.

आरएसआरटीसी संविदाकर्मियों ने किया विरोध-प्रदर्शन

अन्ना हजारे आंदोलन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजीव शर्मा के नेतृत्व में रैली के रूप में कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास पहुंच रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सिविल लाइन फाटक पर रोक दिया. जहां कर्मचारियों ने परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और रोडवेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

पढ़ेंः राजस्थान में संगठन के लोगों की मेहनत से ही प्रदेश में सरकार बनी है, यही लोग 'भारत बचाओ रैली' को सफल बनाएंगेः पायलट

मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में बताया गया है, कि रोडवेज प्रशासन की बसों में चालक संविदा कर्मी के रूप में 10 से 15 साल से सेवाएं दे रहे थे. इन संविदा कर्मियों को बिना सूचना के हटा दिया गया. जिससे इन संविदा कर्मियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. इनके परिवार का भरण-पोषण करना भी कठिन हो गया.

ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संविदाकर्मियों को उचित एक्शन लेने का आश्वासन दिया. जिसके बाद एक उम्मीद लिए कर्मचारी घर लौटे. ऐसे में यदि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों को दोबारा नियुक्तियां मिलने पर सभी ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

जयपुर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों को हटाने के विरोध में गुरुवार को कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. जिसके चलते कर्मचारियों ने सिंधी कैंप बस स्टैंड से लेकर सिविल लाइन फाटक तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया. वहीं कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिला. जहां सीएम गहलोत को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की.

आरएसआरटीसी संविदाकर्मियों ने किया विरोध-प्रदर्शन

अन्ना हजारे आंदोलन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजीव शर्मा के नेतृत्व में रैली के रूप में कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास पहुंच रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सिविल लाइन फाटक पर रोक दिया. जहां कर्मचारियों ने परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और रोडवेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में बताया गया है, कि रोडवेज प्रशासन की बसों में चालक संविदा कर्मी के रूप में 10 से 15 साल से सेवाएं दे रहे थे. इन संविदा कर्मियों को बिना सूचना के हटा दिया गया. जिससे इन संविदा कर्मियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. इनके परिवार का भरण-पोषण करना भी कठिन हो गया.

ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संविदाकर्मियों को उचित एक्शन लेने का आश्वासन दिया. जिसके बाद एक उम्मीद लिए कर्मचारी घर लौटे. ऐसे में यदि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों को दोबारा नियुक्तियां मिलने पर सभी ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

Intro:RSRTC द्वारा संविदाकर्मी चालको को रातों रात हटाने ल आदेश के बाद कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. जिसके चलते कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. सीएम अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपकर संविदाकर्मियों को पुनः नियुक्ति दिलवाने की अपील की.


Body:जयपुर : राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों को हटाने के विरोध में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. जिसके चलते कर्मचारियों ने सिंधी कैंप बस स्टैंड से लेकर सिविल लाइन फाटक तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया. वहीं कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिला. जहां सीएम गहलोत को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की.

अन्ना हजारे आंदोलन राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजीव शर्मा के नेतृत्व में रैली के रूप में कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास पहुंच रहे थे. लेकिन पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सिविल लाइन फाटक पर रोक दिया. जहां कर्मचारियों ने परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और रोडवेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में बताया गया है, कि रोडवेज प्रशासन की बसों में चालक संविदा कर्मी के रूप में 10 से 15 साल से सेवाएं दे रहे थे. इन संविदा कर्मियों को बिना सूचना के हटा दिया गया. जिससे इन संविदा कर्मियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. इनके परिवार का भरण-पोषण करना भी कठिन हो गया.

ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संविदाकर्मियों को उचित एक्शन लेने का आश्वासन दिया. जिसके बाद एक उम्मीद लिए कर्मचारी घर लौटे. ऐसे में यदि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों को पुनः नियुक्तियां मिलने पर सभी ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

बाइट- राजीव शर्मा, सदस्य, अन्ना हजारे आंदोलन


Conclusion:....
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