जयपुर. राजस्थान में आरपीएस अधिकारी द्वारा आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चर्चा का विषय बना हुआ है. एसीबी में एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ को एसीबी डीजी ने तीन आईपीएस और एक सीनियर आरपीएस के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार मामले की जांच सौंपी है.
जानकार सूत्रों की मानें तो पुलिस मुख्यालय में पोस्टेड आईपीएस अधिकारियों की जांच एसीबी के आरपीएस अधिकारी को दी गई है, ऐसा पहली बार हुआ है. इस मामले को लेकर एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि पद महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सबूत महत्वपूर्ण होते हैं. जो जिम्मेदारी दी गई है, उसको इमानदारी से निभाऊंगा. आरोपी कोई भी हो, सबूतों के आधार पर जांच की जा रही है. एसीबी में आईपीएस अधिकारी लक्ष्मण गौड़ और मनीष अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही है.
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आईपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ दौसा में हाईवे बनाने वाली कंपनी के मालिक से दलाल नीरज मीणा के माध्यम से रिश्वत राशि मांगे जाने के मामले में जांच की जा रही है. हालांकि, एसीबी ने दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, आईपीएस लक्ष्मण गौड़ भरतपुर रेंज के डीआईजी रहे हैं. आईपीएस लक्ष्मण गौड़ के खिलाफ दलाल प्रमोद शर्मा द्वारा थाना प्रभारी से 5 लाख रुपए रिश्वत राशि लेने के मामले की जांच चल रही है. एक सीनियर आरपीएस के खिलाफ भी भ्रष्टाचार की जांच चल रही है.
सीनियर आरपीएस सत्यपाल मेडा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें आदर्श क्रेडिट मामले में सत्यपाल मिला ने सोसायटी संचालक को मामला रफादफा करने के लिए एक मास्क मैन आईपीएस से मिलवाया था. जिस व्यक्ति से मिलवाया उसको आईपीएस अधिकारी बताया गया, जिसके चेहरे पर मास्क लगा हुआ था. इन मामलों की जांच एसीबी डीजी बीएल सोनी ने पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ को सौंपी है