जयपुर. शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स जिसने देश ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी लोकप्रियता के झंडे गाड़े हैं. उस पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है. जहां शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स के शुरुआती सत्र के सात फेरों को रद्द कर दिया गया था. वहीं अब एक बार फिर पैलेस ऑन व्हील्स को लेकर बुरी खबर सामने आ रही है.
बताया जा रहा है कि अब पैलेस ऑन व्हील्स को पूरे 1 सत्र के लिए बंद किया जा सकता है. पैलेस ऑन व्हील्स के सत्र निस्तारण की फाइल पर मंगलवार को एक बड़ा फैसला भी सामने आएगा. बता दें कि शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स का सत्र 1 सितंबर को पर्यटन सत्र के साथ शुरू होना था, लेकिन कोरोना के कारण सभी एडवांस बुकिंग रद्द हो गई थी.
रेलवे में भी लॉकडाउन के चलते इसका मेंटेनेंस नहीं हो पाया था. जिसके कारण शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स पर एक बार फिर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. पर्यटन निगम के 600 कर्मचारियों की रोजी-रोटी शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स के भरोसे ही चलती है. हर वर्ष करीब 10 करोड़ का राजस्व शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स पर्यटन निगम को देती है.
सात फेरे में 553 पर्यटक की बुकिंग की थी रद्द...
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बीच शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स के साथ फेरों को रद्द कर दिया गया था. जिसके अंतर्गत शाही ट्रेन में करीब 553 पर्यटक को की बुकिंग भी रद्द कर दी गई थी. जिससे पर्यटन निगम को करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान हुआ है. जिसको देखते हुए पर्यटन निगम के सीएमडी ने रेलवे बोर्ड को एक पत्र भी लिखा.
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जिसके अंतर्गत लॉकडाउन के चलते हुए नुकसान की जानकारी भी रेलवे बोर्ड को दी गई. बता दें रेलवे से 56 फीसदी हिस्सा राशि नहीं लेने का आग्रह भी उस पत्र के अंतर्गत किया गया है. पैलेस ऑन व्हील्स के राजस्व में रेलवे और आरटीडीसी का 56. 44 फीसदी की हिस्सेदारी है. जिसको देखते हुए पर्यटन निगम ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है.