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डूंगरपुर एसपी के नाम पर रिश्वत लेने का मामला: एसीबी को मिले मंथली लेनदेन के दस्तावेज, एसपी और आईजी की भूमिका भी संदिग्ध

डूंगरपुर एसपी के नाम पर रिश्वत लेने के मामले (Case of taking bribe in name of Dungarpur SP) में एसीबी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पूछताछ में अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. साथ ही एसीबी को मंथली लेनदेन के दस्तावेज भी मिले हैं.

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Published : Jun 18, 2022, 9:19 AM IST

जयपुर. एसीबी ने 16 जून को डूंगरपुर एसपी के नाम से रिश्वत लेते हुए दो थाना अधिकारियों सहित चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. मामले में एसीबी अधिकारियों से लगातार पूछताछ कर ही है. एसीबी की ओर से की जा रही पड़ताल (Case of taking bribe in name of Dungarpur SP) में अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि आरोपियों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि घूस ऊपर तक के अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही थी. किन अधिकारियों तक मंथली पहुंचाई जा रही थी इसके संबंध में कई दस्तावेज एसीबी के हाथ लगे हैं.

बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी को जो मंथली लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. अब एसीबी की जांच के दायरे में डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी के साथ ही आईजी हिंगलाजदान भी आ गए हैं. एसीबी कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया एक एसएचओ उदयपुर रेंज आईजी हिंगलाजदान का काफी करीबी बताया जा रहा है.

पढ़ें- एसीबी ने रिश्वत के आरोपियों को किया कोर्ट में पेश, एक दिन के रिमांड पर भेजा

अफसरों ने बनाया मंथली बढ़ाने का दबाव- एसीबी की ओर से की जा रही पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि डूंगरपुर जिले में अफसरों ने थानाधिकारियों पर मंथली बढ़ाने का काफी दबाव बनाया. अफसरों ने थाना अधिकारियों से ली जाने वाली 10 हजार रुपए की मंथली को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया और ठेकेदारों से ली जाने वाली मंथली 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 साल में 10 लाख रुपए कर दी. वहीं एसीपी सुधीर जोशी को यह भी डर था कि कहीं उन्हें एसीबी पकड़ न ले, इसलिए वह उनसे मिलने आने वाले हर व्यक्ति की केबिन में आने से पहले तलाशी करवाते. वहीं, आईजी हिंगलाजदान पूर्व में भी विवादित रह चुके हैं और अब एक और विवाद में उनका नाम जुड़ गया है.

पुलिस मुख्यालय ने एसपी से मांगी थी रिपोर्ट- एसीबी की ओर से की जा रही जांच में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि करीब डेढ़ महीने पहले डूंगरपुर के शराब ठेकेदारों ने पुलिस मुख्यालय में थाना अधिकारियों द्वारा 10 लाख रुपए की मंथली मांगने को लेकर शिकायत की थी. साथ ही यह शिकायत भी दी गई थी कि मंथली का विरोध करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. जिसके चलते कई शराब ठेकेदार हाई कोर्ट तक पहुंचे थे.

पढ़ें- Alwar Bribe Case : एसीबी ने आईएएस नन्नूमल और आरएएस सांखला के खिलाफ पेश की 4500 पन्नों की चार्जशीट

पुलिस मुख्यालय में शराब ठेकेदारों की ओर से की गई शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने संबंधित एसएचओ और जांच अधिकारी को पुलिस मुख्यालय तलब किया था और उनसे पूछताछ भी की थी. साथ ही पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस मुख्यालय ने एसपी सुधीर जोशी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी और रिपोर्ट को लेकर अनेक बार रिमाइंडर भी भेजे लेकिन एसपी ने आज तक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजी. वहीं अब इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस शाखा भी डूंगरपुर के पुलिस अधिकारियों और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर जांच करेगी.

जयपुर. एसीबी ने 16 जून को डूंगरपुर एसपी के नाम से रिश्वत लेते हुए दो थाना अधिकारियों सहित चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. मामले में एसीबी अधिकारियों से लगातार पूछताछ कर ही है. एसीबी की ओर से की जा रही पड़ताल (Case of taking bribe in name of Dungarpur SP) में अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि आरोपियों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि घूस ऊपर तक के अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही थी. किन अधिकारियों तक मंथली पहुंचाई जा रही थी इसके संबंध में कई दस्तावेज एसीबी के हाथ लगे हैं.

बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी को जो मंथली लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. अब एसीबी की जांच के दायरे में डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी के साथ ही आईजी हिंगलाजदान भी आ गए हैं. एसीबी कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया एक एसएचओ उदयपुर रेंज आईजी हिंगलाजदान का काफी करीबी बताया जा रहा है.

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अफसरों ने बनाया मंथली बढ़ाने का दबाव- एसीबी की ओर से की जा रही पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि डूंगरपुर जिले में अफसरों ने थानाधिकारियों पर मंथली बढ़ाने का काफी दबाव बनाया. अफसरों ने थाना अधिकारियों से ली जाने वाली 10 हजार रुपए की मंथली को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया और ठेकेदारों से ली जाने वाली मंथली 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 साल में 10 लाख रुपए कर दी. वहीं एसीपी सुधीर जोशी को यह भी डर था कि कहीं उन्हें एसीबी पकड़ न ले, इसलिए वह उनसे मिलने आने वाले हर व्यक्ति की केबिन में आने से पहले तलाशी करवाते. वहीं, आईजी हिंगलाजदान पूर्व में भी विवादित रह चुके हैं और अब एक और विवाद में उनका नाम जुड़ गया है.

पुलिस मुख्यालय ने एसपी से मांगी थी रिपोर्ट- एसीबी की ओर से की जा रही जांच में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि करीब डेढ़ महीने पहले डूंगरपुर के शराब ठेकेदारों ने पुलिस मुख्यालय में थाना अधिकारियों द्वारा 10 लाख रुपए की मंथली मांगने को लेकर शिकायत की थी. साथ ही यह शिकायत भी दी गई थी कि मंथली का विरोध करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. जिसके चलते कई शराब ठेकेदार हाई कोर्ट तक पहुंचे थे.

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पुलिस मुख्यालय में शराब ठेकेदारों की ओर से की गई शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने संबंधित एसएचओ और जांच अधिकारी को पुलिस मुख्यालय तलब किया था और उनसे पूछताछ भी की थी. साथ ही पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस मुख्यालय ने एसपी सुधीर जोशी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी और रिपोर्ट को लेकर अनेक बार रिमाइंडर भी भेजे लेकिन एसपी ने आज तक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजी. वहीं अब इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस शाखा भी डूंगरपुर के पुलिस अधिकारियों और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर जांच करेगी.

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