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राजस्थान सरकार के बजट से असंतुष्ट नजर आए रोडवेज कर्मचारी, कहा- दूसरे बजट में भी सरकार ने पूरे नहीं किए वादे

राजस्थान की ओर से पेश किए गए बजट से रोडवेज कर्मचारी असंतुष्ट नजर आए. कर्मचारियों ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किए गए वादे दूसरे बजट में भी पूरे नहीं हुए.

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Published : Feb 20, 2020, 10:58 PM IST

जयपुर की खबर, jaipur news
राजस्थान सरकार के बजट से असंतुष्ट नजर आए रोडवेज कर्मचारी

जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार की ओर से गुरुवार को दूसरा बजट पेश किया गया. इस बजट में कई अच्छी घोषणाएं की गई, लेकिन पूरे राजस्थान के सभी वर्गों को राहत नहीं मिल पाई. इस बजट से रोडवेज कर्मचारी असंतुष्ट नजर आए. रोडवेज कर्मचारियों ने बजट को लेकर कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किए गए वादे दूसरे बजट में भी पूरे नहीं हुए.

रोडवेज यूनियन एटक के प्रदेश अध्यक्ष एमएल यादव ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सरकार का दूसरा बजट है. इस बजट को लेकर रोडवेज कर्मचारियों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन पूरी नहीं हुई. सरकार ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, वह भी पूरे नहीं हो पाए. चुनाव से पहले सरकार के बड़े नेताओं ने वादे किए थे कि कांग्रेस सरकार आने के बाद कर्मचारियों की मांगे पूरी होगी.

राजस्थान सरकार के बजट से असंतुष्ट नजर आए रोडवेज कर्मचारी

एमएल यादव ने बताया कि जन घोषणा पत्र में जो बातें कही गई थी, उनको भी बजट में पूरा नहीं किया गया. कर्मचारियों को 7वां वेतनमान अभी तक नहीं मिला. 7वां वेतनमान मिलने की सभी कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद थी, लेकिन दूसरे बजट में भी पूरी नहीं हुई.

पढ़ें- मौजूदा 'बजट' कट कॉपी पेस्ट के सिवाय और कुछ नहीं : सतीश पूनिया

यादव ने कहा कि इसी तरह से रोडवेज में नई बसों की भी उम्मीद की जा रही थी, जिसको लेकर भी घोषणा भी नहीं की गई. साथ ही कहा कि रोडवेज कर्मचारियों के अलावा आम श्रमिकों को भी कोई राहत नहीं दी गई. दूसरे बजट में भी न्यूनतम वेतन को बढ़ाने की घोषणा नहीं की गई. सरकार ने मजदूर वर्ग की ओर ध्यान नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कहते है कि 876 नई रोडवेज बसें खरीदी गई है, लेकिन जो नई बसें रोडवेज में आई है. उनके लिए सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया है. रोडवेज ने ही बैंकों से लोन लेकर 876 बसें खरीदी है और यह लोन भी रोडवेज को ही चुकाना पड़ेगा, जिसका भार रोडवेज पर ही पड़ गया. लेकिन सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं हुई.

साथ ही कहा कि सरकार ने हजार नई बसें देने का जो वादा किया था, वह भी पूरा नहीं हुआ. 10 हजार से भी ज्यादा कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं, उन्हें भरने के लिए भी कोई घोषणा नहीं हुई. रोडवेज में कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने से कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.

पढ़ें- दिशाहीन और आधारहीन है प्रदेश का बजट : कटारिया

उन्होंने कहा कि करीब साढे 3 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके. हर महीने 100 कर्मचारी सेवानिर्वत हो रहे हैं. रिटायर्ड कर्मचारियों का बकाया वेतन भुगतान भी नहीं किया गया, जिसके लिए रिटायर्ड कर्मचारियों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. इससे सरकार के प्रति रोडवेज कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. इसके विरोध में रोडवेज के 6 संगठनों का संयुक्त मोर्चा 4 मार्च को विशाल रैली का आयोजन करेगा.

जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार की ओर से गुरुवार को दूसरा बजट पेश किया गया. इस बजट में कई अच्छी घोषणाएं की गई, लेकिन पूरे राजस्थान के सभी वर्गों को राहत नहीं मिल पाई. इस बजट से रोडवेज कर्मचारी असंतुष्ट नजर आए. रोडवेज कर्मचारियों ने बजट को लेकर कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किए गए वादे दूसरे बजट में भी पूरे नहीं हुए.

रोडवेज यूनियन एटक के प्रदेश अध्यक्ष एमएल यादव ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सरकार का दूसरा बजट है. इस बजट को लेकर रोडवेज कर्मचारियों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन पूरी नहीं हुई. सरकार ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, वह भी पूरे नहीं हो पाए. चुनाव से पहले सरकार के बड़े नेताओं ने वादे किए थे कि कांग्रेस सरकार आने के बाद कर्मचारियों की मांगे पूरी होगी.

राजस्थान सरकार के बजट से असंतुष्ट नजर आए रोडवेज कर्मचारी

एमएल यादव ने बताया कि जन घोषणा पत्र में जो बातें कही गई थी, उनको भी बजट में पूरा नहीं किया गया. कर्मचारियों को 7वां वेतनमान अभी तक नहीं मिला. 7वां वेतनमान मिलने की सभी कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद थी, लेकिन दूसरे बजट में भी पूरी नहीं हुई.

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यादव ने कहा कि इसी तरह से रोडवेज में नई बसों की भी उम्मीद की जा रही थी, जिसको लेकर भी घोषणा भी नहीं की गई. साथ ही कहा कि रोडवेज कर्मचारियों के अलावा आम श्रमिकों को भी कोई राहत नहीं दी गई. दूसरे बजट में भी न्यूनतम वेतन को बढ़ाने की घोषणा नहीं की गई. सरकार ने मजदूर वर्ग की ओर ध्यान नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कहते है कि 876 नई रोडवेज बसें खरीदी गई है, लेकिन जो नई बसें रोडवेज में आई है. उनके लिए सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया है. रोडवेज ने ही बैंकों से लोन लेकर 876 बसें खरीदी है और यह लोन भी रोडवेज को ही चुकाना पड़ेगा, जिसका भार रोडवेज पर ही पड़ गया. लेकिन सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं हुई.

साथ ही कहा कि सरकार ने हजार नई बसें देने का जो वादा किया था, वह भी पूरा नहीं हुआ. 10 हजार से भी ज्यादा कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं, उन्हें भरने के लिए भी कोई घोषणा नहीं हुई. रोडवेज में कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने से कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि करीब साढे 3 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके. हर महीने 100 कर्मचारी सेवानिर्वत हो रहे हैं. रिटायर्ड कर्मचारियों का बकाया वेतन भुगतान भी नहीं किया गया, जिसके लिए रिटायर्ड कर्मचारियों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. इससे सरकार के प्रति रोडवेज कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. इसके विरोध में रोडवेज के 6 संगठनों का संयुक्त मोर्चा 4 मार्च को विशाल रैली का आयोजन करेगा.

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