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RIICO ने कपड़ा छपाई फैक्ट्रियों के लिए आरक्षित भूमि को बेचने की हाईकोर्ट से मांगी अनुमति

राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) की ओर से सांगानेर कपड़ा छपाई और डाई फैक्ट्रियों को यहां से हटाकर बगरू के छीतरोली औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आरक्षित रखने के मामले में प्रार्थना पत्र पेश किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि छीतरोली की इस जमीन में फैक्ट्री मालिक शिफ्ट नहीं होना चाहते. ऐसे में क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को दूसरे उद्यमियों को आवंटित करने की अनुमति दी जाए.

राजस्थान हाईकोर्ट न्यूज, Rajasthan High Court News
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jan 15, 2020, 7:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) की ओर से सांगानेर कपड़ा छपाई और डाई फैक्ट्रियों को यहां से हटाकर बगरू के छीतरोली औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आरक्षित रखने के मामले में प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि छीतरोली की इस जमीन में फैक्ट्री मालिक शिफ्ट नहीं होना चाहते. ऐसे में क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को दूसरे उद्यमियों को आवंटित करने की अनुमति दी जाए. रीको के प्रार्थना पत्र पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को एक महीने में अपना जवाब देने को कहा है.

पढ़ें- आरसीए नियुक्त कर सकेगा लोकपाल, हाईकोर्ट ने आदेशों पर रोक हटाई

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि हाईकोर्ट के 7 मार्च 2003 और 18 अगस्त 2003 के आदेश की पालना में सांगानेर से इन फैक्ट्रियों को हटाकर छीतरोली में आवंटन के लिए करीब 190 एकड़ जमीन अवाप्त की गई. जिसकी वर्तमान में कुल कीमत करीब 25 करोड़ रुपए हैं. सांगानेर के फैक्ट्री संचालकों से जमीन आवंटन के लिए आवेदन भी मांगे गए, लेकिन किसी भी संचालक ने वहां जाने के लिए अपनी इच्छा जाहिर नहीं की. इसके अलावा कैबिनेट सब कमेटी सांगानेर में फैक्ट्रियों के दूषित पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की सिफारिश भी कर चुकी है.

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती-2018 में निजी विवि की डिग्री नहीं मानने पर मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट भी 30 अप्रैल 2009 को सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन को लेकर अपना आदेश दे चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2003 में दिए आदेश को संशोधित करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को डी-रिजर्व करने के आदेश दिए जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) की ओर से सांगानेर कपड़ा छपाई और डाई फैक्ट्रियों को यहां से हटाकर बगरू के छीतरोली औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आरक्षित रखने के मामले में प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि छीतरोली की इस जमीन में फैक्ट्री मालिक शिफ्ट नहीं होना चाहते. ऐसे में क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को दूसरे उद्यमियों को आवंटित करने की अनुमति दी जाए. रीको के प्रार्थना पत्र पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को एक महीने में अपना जवाब देने को कहा है.

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प्रार्थना पत्र में कहा गया कि हाईकोर्ट के 7 मार्च 2003 और 18 अगस्त 2003 के आदेश की पालना में सांगानेर से इन फैक्ट्रियों को हटाकर छीतरोली में आवंटन के लिए करीब 190 एकड़ जमीन अवाप्त की गई. जिसकी वर्तमान में कुल कीमत करीब 25 करोड़ रुपए हैं. सांगानेर के फैक्ट्री संचालकों से जमीन आवंटन के लिए आवेदन भी मांगे गए, लेकिन किसी भी संचालक ने वहां जाने के लिए अपनी इच्छा जाहिर नहीं की. इसके अलावा कैबिनेट सब कमेटी सांगानेर में फैक्ट्रियों के दूषित पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की सिफारिश भी कर चुकी है.

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सुप्रीम कोर्ट भी 30 अप्रैल 2009 को सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन को लेकर अपना आदेश दे चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2003 में दिए आदेश को संशोधित करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को डी-रिजर्व करने के आदेश दिए जाए.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में रीको की ओर से सांगानेर कपडा छपाई और डाई फैक्ट्रियों को यहां से हटाकर बगरू के छीतरोली औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आरक्षित रखने के मामले में प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि छीतरोली की इस जमीन में फैक्ट्री मालिक शिफ्ट नहीं होना चाहते। ऐसे में क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को दूसरे उद्यमियों को आवंटित करने की अनुमति दी जाए। रीको के प्रार्थना पत्र पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को एक माह में अपना जवाब देने को कहा है।Body:प्रार्थना पत्र में कहा गया कि हाईकोर्ट के 7 मार्च 2003 और 18 अगस्त 2003 के आदेश की पालना में सांगानेर से इन फैक्ट्रियों को हटाकर छीतरोली में आवंटन के लिए करीब 190 एकड जमीन अवाप्त की गई। जिसकी वर्तमान में कुल कीमत करीब 25 करोड रुपए है। सांगानेर के फैक्ट्री संचालकों से जमीन आवंटन के लिए आवेदन भी मांगे गए, लेकिन किसी भी संचालक ने वहां जाने के लिए अपनी इच्छा जाहिर नहीं की। इसके अलावा कैबिनेट सब कमेटी सांगानेर में फैक्ट्रियों के दूषित पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की सिफारिश भी कर चुकी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी 30 अप्रैल 2009 को सांगानेर कपडा रंगाई छपाई एसोसिएशन को लेकर अपना आदेश दे चुका है। ऐसे में हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2003 में दिए आदेश को संशोधित करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए जमीन को डी-रिजर्व करने के आदेश दिए जाए।Conclusion:
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