जयपुर. राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कृषि, उद्यानिकी एवं कृषि विपणन विभाग की समीक्षा की. जिसमे कटारिया ने अधिकारियों को कहा है कि राज्य में जैविक खेती से जुड़ रहे प्रगतिशील किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी ऐसा प्लेटफाॅर्म विकसित करें. जहां ऑर्गेनिक कृषि उत्पादों को बेचने में आसानी हो. किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके.
कटारिया ने कहा कि विभाग के स्तर पर ही एक नोडल एजेंसी तैयार की जाए जो जैविक कृषि उपज के विपणन में किसानों की सहायता कर सके. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि खेती में रसायनों एवं कीटनाशकों के उपयोग से स्वास्थ्य के बढ़ते खतरे के मद्देनजर जैविक खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना तैयार की जाए. कृषि मंत्री ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खेती के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं.
उन्होंने कहा कि फार्म पौंड तथा डिग्गी निर्माण के क्षेत्र में प्रदेश में बड़ा अच्छा काम हुआ है. पानी के सदुपयोग की यह योजना राज्य के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है और इसके कारण किसान पशुपालन तथा सब्जी उत्पादन की ओर पुनः प्रोत्साहित हुए हैं. ऐसे में अधिक से अधिक किसानों को इनका लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को उन्नत बीज, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई, डिग्गी, फार्म पौंड आदि से लाभान्वित करने के लिए लक्ष्यों की प्राप्ति करना सुनिश्चित करें.
पढ़ें- RTPCR जांच के नाम पर वसूली करते हुए लैब टेक्नीशियन और दलाल गिरफ्तार
कटारिया ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को राज्य में इस साल 50 हजार सोलर पंप सेट लगाने और डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई का लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि खरीफ की बुवाई के समय किसानों को बीज एवं खाद पर्याप्त मात्रा में मिलें. इसके लिए पहले से ही तैयारियां रखी जाएं. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि खाद-बीज विक्रेता अधिक दाम नहीं वसूलें. इसके लिए विभागीय स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि बजट में प्रदेश में जिन नए कृषि महाविद्यालयों की घोषणा की गई है. उन्हें जल्द से जल्द शुरू करने के लिए विभाग योजना बनाकर काम करें. तो कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर सावंत ने विभिन्न बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग की महत्वपूर्ण बजट घोषणा पर आगे बढ़ते हुए राज्य में कृृषि एवं उद्यानिकी विभाग की फार्म पौंड, डिग्गी, पाईपलाइन, जल हौज, कृषि यंत्र, उर्वरकों एवं बीज के गुणवत्ता परीक्षण आदि कार्यों एवं विभिन्न योजनाओं को एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म पर लाया गया है. आवेदन से लेकर भुगतान तक की संपूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है. बैठक में मौजूद कृषि आयुक्त डॉ ओमप्रकाश ने बताया कि आगामी खरीफ सीजन में एक करोड़ 63 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई के लक्ष्य के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज की उपलब्धता है.