जयपुर. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी संबंधित विभागाध्यक्ष तथा जिला कलेक्टर योजना बनाकर सभी मुद्दों को सूचीबद्ध कर उनकी अनुपालना सुनिश्चित कराएं और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बने.
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप सोमवार को शासन सचिवालय सें वर्चुअल विडियो क्रॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करते हुए विभागों के अधिकारियों और विभिन्न जिला कलेक्टर के साथ राष्ट्रीय हरित अधिकरण के तहत जिलों में किए गये कामोंं में मामलों की समीक्षा बैठक ले रहे थे.
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पर्यावरण के प्रति हमें बेहद सवेंदनशील होना पड़ेगा. उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे एनजीटी के आदेशों को ध्यान में रखते हुए लम्बित मुद्दों हैं उन्हें सूची बनाकर पूरी जिम्मेदारी के साथ अक्टूबर माह के अंत तक पूर्ण कराए.
यह भी पढ़ेंः शर्मनाक ! पिता ने नाबालिग बेटी को बेचा, आरोपी दो महीने तक करता रहा दुष्कर्म फिर 4 लाख में कर दिया सौदा
उन्होंने निर्देश दिए एनजीटी ने सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, प्रदूषण, बायोमेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए है उनका कड़ाई से पालन हो. उन्होंने सभी जिला कलेक्ट्रर्स को निर्देश दिए कि वे 30 नवम्बर, 2020 तक अपने-अपने जिले की ‘‘जिला पर्यावरण योजना’’ बनाकर केन्द्रीय प्रदूषण नियत्रंण मंडल को प्रस्तुत करें और केन्द्र सरकार के '100 दिन के आर्द्रभूमि कार्यक्रम' के तहत अपने जिले में एक आद्र्रभूमि क्षेत्र की पहचान करे. मुख्य सचिव ने कहा कि जिला कलेक्टर सुनिश्चित कराएं कि किसी भी औद्योगिक और अन्य अपशिष्ट को औद्योगिक क्षेत्र के बाहर नहीं जलाया जाएं. बैठक में पर्यावरण सरक्षंण से जुडें अन्य मुद्दाें पर वन एवं पर्यावरण सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने प्रस्तुतीकरण देकर विस्तृत जानकारी दी. इस