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जल परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करें : सीएम गहलोत

सीएम गहलोत ने शासन सचिवालय में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए निर्देश जारी किया कि प्रदेश में जल परियोजनाओं को तय समय पर पूरा करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और पानी की कम उपलब्धता को देखते हुए विभिन्न दीर्घकालीन जल परियोजनाओं का समय पर पूरा होना आवश्यक है.

rajasthan news, जयपुर में गहलोत की समीक्षा बैठक
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Published : Aug 27, 2019, 11:29 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं के काम को गति देते हुए इन्हें तय टाइमलाइन में पूरा किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके. गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग की विभिन्न दीर्घकालीन परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.

जयपुर में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक

उन्होंने वर्तमान में चल रही परियोजनाओं और नई परियोजनाओं के प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा की और इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर वर्षा की कमी के कारण प्रदेश में पानी की किल्लत बनी रहती है. ऐसे में दीर्घकालीन जल परियोजनाएं ही इस समस्या का स्थायी समाधान हैं.

पढ़ें: अफीम तस्करी का नेटवर्क चलाने का आरोपी सुधीर का ACB कोटा में सरेंडर, 4 महीने से चल रहा था फरार

सीएम ने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय आवश्यकता के अनुसार तैयार किए जाएं और उनकी क्रियान्विति की सघन मॉनिटरिंग की जानी चाहिए. बैठक में नाबार्ड, जाईका तथा एनडीबी जैसी वित्तीय संस्थाओं द्वारा पोषित तथा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बांध, नहरी एवं लघु सिंचाई जल परियोजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) निरंजन आर्य और शासन सचिव जल संसाधन नवीन महाजन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं के काम को गति देते हुए इन्हें तय टाइमलाइन में पूरा किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके. गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग की विभिन्न दीर्घकालीन परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.

जयपुर में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक

उन्होंने वर्तमान में चल रही परियोजनाओं और नई परियोजनाओं के प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा की और इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर वर्षा की कमी के कारण प्रदेश में पानी की किल्लत बनी रहती है. ऐसे में दीर्घकालीन जल परियोजनाएं ही इस समस्या का स्थायी समाधान हैं.

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सीएम ने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय आवश्यकता के अनुसार तैयार किए जाएं और उनकी क्रियान्विति की सघन मॉनिटरिंग की जानी चाहिए. बैठक में नाबार्ड, जाईका तथा एनडीबी जैसी वित्तीय संस्थाओं द्वारा पोषित तथा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बांध, नहरी एवं लघु सिंचाई जल परियोजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) निरंजन आर्य और शासन सचिव जल संसाधन नवीन महाजन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

Intro:जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक
जल परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करें- मुख्यमंत्री

एंकर:- जल परियोजनाओं का समय पर पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिए , सीएम गहलोत ने शासन सचिवालय में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए ये दिशा निर्देश जारी किए , मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और पानी की कम उपलब्धता को देखते हुए विभिन्न दीर्घकालीन जल परियोजनाओं का समय पर पूरा होना आवश्यक है। Body:VO:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं के काम को गति देते हुए इन्हें तय टाइमलाइन में पूरा किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग की विभिन्न दीर्घकालीन परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वर्तमान में चल रही परियोजनाओं और नई परियोजनाओं के प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा की और इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर वर्षा की कमी के कारण प्रदेश में पानी की किल्लत बनी रहती है। ऎसे में दीर्घकालीन जल परियोजनाएं ही इस समस्या का स्थायी समाधान है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय आवश्यकता के अनुसार तैयार किए जाए और उनकी क्रियान्विति की सघन मॉनिटरिंग की जानी चाहिए। बैठक में नाबार्ड, जाईका तथा एनडीबी जैसी वित्तीय संस्थाओं द्वारा पोषित तथा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बांध, नहरी एवं लघु सिंचाई जल परियोजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) निरंजन आर्य और शासन सचिव जल संसाधन नवीन महाजन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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