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जयपुरः 876 ग्राम पंचायतों में लागू होगा 1189 करोड़ रुपये का ‘वाटर सिक्योरिटी प्लान

भू-जल एवं जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को झालाना स्थित भूजल विभाग के कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित हुई. इस दौरान प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने कहा कि भूजल विभाग के अधिकारी राज्य में चिन्हित 17 जिलों की 876 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार कर विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करें.

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Published : May 16, 2020, 11:10 AM IST

वाटर सिक्योरिटी प्लान, Rajasthan News
वाटर सिक्योरिटी प्लान के लिए हुई समीक्षा बैठक

जयपुर. विश्व बैंक एवं जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पोषित अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश की चिन्हित 876 ग्राम पंचायतों का ‘वाटर सिक्योरिटी प्लान‘ तैयार किया जाएगा. राजस्थान सहित देश के 7 राज्यों में 1 अप्रैल 2020 से लागू इस योजना के तहत प्रदेश में होने वाले कार्यों के संबंध में शुक्रवार को भू-जल एवं जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में झालाना स्थित भूजल विभाग के कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित हुई.

प्रमुख शासन सचिव यादव ने बैठक में इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए भूजल विभाग और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भूजल विभाग के अधिकारी राज्य में चिन्हित 17 जिलों की 876 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार कर विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करें और भूजल संसाधनों के समुचित प्रबंधन के लिए डिमांड और सप्लाई को ध्यान में रखते हुए कार्य करें, जिससे राज्य में गिरते भूजल स्तर को रोकने की दिशा में सकारात्मक परिणाम मिल सके.

पढ़ें: गंगा की स्वच्छता के पीछे नमामि गंगा मिशन का बड़ा योगदानः शेखावत

साथ ही बैठक में बताया गया कि 7 राज्यों के लिए लागू इस योजना की समयावधि 5 वर्ष है. इसमें कुल 6 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. इसमें से राजस्थान के लिए 1189 करोड़ रुपये की राशि है, जो राज्य को ग्रांट के रूप में मिलेगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभाग का सुदृढ़ीकरण और क्षमता संवर्द्धन की मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही गिरते हुए भूजल स्तर को रोकने और प्रबंधन के लिए उचित तरीके लागू करना है.

योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य भूजल विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा. साथ ही पंचायती राज विभाग, जल ग्रहण एवं भू-संरक्षण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग और कृषि विभाग सहयोगी विभाग के रूप में कार्य करेंगे. प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा भूजल संसाधनों के प्रबंधन पर चल रही विभिन्न ऑन-गोइंग स्कीमों पर परिणाम प्राप्ति (प्रोग्राम फॉर रिजल्ट) के आधार पर इन्सेन्टिव के रूप में राशि दिये जाने का प्रावधान रखा गया है.

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बैठक में भूजल विभाग के मुख्य अभियन्ता सूरजभान सिंह, केंद्र भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक एसके जैन और विश्व बैंक के प्रतिनिधि एमके गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

जयपुर. विश्व बैंक एवं जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पोषित अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश की चिन्हित 876 ग्राम पंचायतों का ‘वाटर सिक्योरिटी प्लान‘ तैयार किया जाएगा. राजस्थान सहित देश के 7 राज्यों में 1 अप्रैल 2020 से लागू इस योजना के तहत प्रदेश में होने वाले कार्यों के संबंध में शुक्रवार को भू-जल एवं जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में झालाना स्थित भूजल विभाग के कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित हुई.

प्रमुख शासन सचिव यादव ने बैठक में इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए भूजल विभाग और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भूजल विभाग के अधिकारी राज्य में चिन्हित 17 जिलों की 876 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार कर विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करें और भूजल संसाधनों के समुचित प्रबंधन के लिए डिमांड और सप्लाई को ध्यान में रखते हुए कार्य करें, जिससे राज्य में गिरते भूजल स्तर को रोकने की दिशा में सकारात्मक परिणाम मिल सके.

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साथ ही बैठक में बताया गया कि 7 राज्यों के लिए लागू इस योजना की समयावधि 5 वर्ष है. इसमें कुल 6 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. इसमें से राजस्थान के लिए 1189 करोड़ रुपये की राशि है, जो राज्य को ग्रांट के रूप में मिलेगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभाग का सुदृढ़ीकरण और क्षमता संवर्द्धन की मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही गिरते हुए भूजल स्तर को रोकने और प्रबंधन के लिए उचित तरीके लागू करना है.

योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य भूजल विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा. साथ ही पंचायती राज विभाग, जल ग्रहण एवं भू-संरक्षण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग और कृषि विभाग सहयोगी विभाग के रूप में कार्य करेंगे. प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा भूजल संसाधनों के प्रबंधन पर चल रही विभिन्न ऑन-गोइंग स्कीमों पर परिणाम प्राप्ति (प्रोग्राम फॉर रिजल्ट) के आधार पर इन्सेन्टिव के रूप में राशि दिये जाने का प्रावधान रखा गया है.

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बैठक में भूजल विभाग के मुख्य अभियन्ता सूरजभान सिंह, केंद्र भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक एसके जैन और विश्व बैंक के प्रतिनिधि एमके गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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