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Lockdown से पहले प्रवासियों को घर नहीं भेजने के फैसले को गहलोत के मंत्री ने बताया ऐतिहासिक भूल

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Published : Jun 1, 2020, 3:45 PM IST

राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने लॉकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों को घर नहीं भेजने के फैसले को ऐतिहासिक भूल बताया है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी शहरी क्षेत्रों में थे, जहां जनसंख्या घनत्व के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो सकी और प्रवासियों में संक्रमण फैल गया.

Harish Chaudhary's statement, Lockdown in Rajasthan
लॉकडाउन से पहले प्रवासियों को घर नहीं भेजने के फैसले को हरीश चौधरी ने बताया ऐतिहासिक भूल

जयपुर. प्रदेश में लगातार प्रवासी श्रमिक अपने गृह जिलों में पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही अब कोरोना संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसे लेकर प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन से पहले प्रवासी श्रमिकों को वापस उनके घर नहीं भेजने का फैसला एक ऐतिहासिक भूल रहेगी.

लॉकडाउन से पहले प्रवासियों को घर नहीं भेजने के फैसले को हरीश चौधरी ने बताया ऐतिहासिक भूल

चौधरी ने कहा कि ज्यादातर प्रवासी शहरी क्षेत्रों में थे, जहां जनसंख्या घनत्व के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो सकी और प्रवासियों में संक्रमण फैल गया. अब यही प्रवासी जब अपने घरों को लौट रहे हैं तो वहां भी संक्रमण फैल रहा है, लेकिन अगर प्रवासी अपने गांव और घर नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे. ये उनका मौलिक अधिकार था और सरकार की गलती के चलते इन्हें परमिशन नहीं दी गई.

पढ़ें- खान आवंटन महाघूसकांड मामलाः पूर्व IAS अशोक सिंघवी ने कोर्ट में किया Surrender

अब जब संक्रमण ज्यादा फैल रहा है तो भी सरकार को इन्हें परमिशन देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि प्रवासियों से संक्रमण आगे ना फैले, इसका एकमात्र उपाय है और वह होम क्वॉरेंटाइन है. अगर प्रवासी आते ही होम क्वॉरेंटाइन के नियमों को अनुशासित होकर पालन करेंगे तो वो अपने परिवार, अपने गांव और अपने क्षेत्र को संक्रमण से बचाने में अपना योगदान देंगे.

जयपुर. प्रदेश में लगातार प्रवासी श्रमिक अपने गृह जिलों में पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही अब कोरोना संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसे लेकर प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन से पहले प्रवासी श्रमिकों को वापस उनके घर नहीं भेजने का फैसला एक ऐतिहासिक भूल रहेगी.

लॉकडाउन से पहले प्रवासियों को घर नहीं भेजने के फैसले को हरीश चौधरी ने बताया ऐतिहासिक भूल

चौधरी ने कहा कि ज्यादातर प्रवासी शहरी क्षेत्रों में थे, जहां जनसंख्या घनत्व के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो सकी और प्रवासियों में संक्रमण फैल गया. अब यही प्रवासी जब अपने घरों को लौट रहे हैं तो वहां भी संक्रमण फैल रहा है, लेकिन अगर प्रवासी अपने गांव और घर नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे. ये उनका मौलिक अधिकार था और सरकार की गलती के चलते इन्हें परमिशन नहीं दी गई.

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अब जब संक्रमण ज्यादा फैल रहा है तो भी सरकार को इन्हें परमिशन देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि प्रवासियों से संक्रमण आगे ना फैले, इसका एकमात्र उपाय है और वह होम क्वॉरेंटाइन है. अगर प्रवासी आते ही होम क्वॉरेंटाइन के नियमों को अनुशासित होकर पालन करेंगे तो वो अपने परिवार, अपने गांव और अपने क्षेत्र को संक्रमण से बचाने में अपना योगदान देंगे.

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