जयपुर. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पश्चिमी राजस्थान में टिड्डी दलों के आने पर चिंता व्यक्त की है. हरीश चौधरी ने बताया कि वे राज्य और केंद्र के कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण विभाग के अधिकारियों, यूनाइटेड नेशन्स के खाद्य और कृषि संगठन के साथ लगातार संपर्क में हैं और वे जल्दी ही क्षेत्र का दौरा करेंगे.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में आ रहे टिड्डी दलों से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. टिड्डी दल फसलों के साथ ही मवेशियों के लिए जमा जमा किए हुए और खेतों में उत्पादित हो रहे हरे चारे को पूरी तरह नष्ट कर किसानों पर दोहरी मार कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहल की मांग
राजस्व मंत्री ने बताया कि वे लगातार प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को टिड्डी नियंत्रण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहल करने के लिए मांग करते आ रहे हैं और कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने प्रधानमंत्री को टिड्डी दलों की आवक के वर्तमान हालातों से अवगत करवाया था.
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चौधरी ने बताया कि पिछले वर्ष टिड्डी प्रकोप की स्थिति में बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में किसानों ने स्वयं के संसाधनों का उपयोग कर प्रशासन के साथ मिलकर टिड्डी नियंत्रण का कार्य अपने स्वयं के सिस्टम और तरीकों से किया था, उस समय वो स्वयं भी काफी दिन किसानों के साथ रहे थे.
कोरोना के बीच किसानों पर दोहरी मार
राजस्व मंत्री चौधरी ने कहा है कि इस बार जो टिड्डी आ रही है वह ऐसे समय में आ रही है जब किसान की कमर पहले से ही कोरोना महामारी ने तोड़ दी है. किसान इस स्थिति में नहीं है कि वह टिड्डी प्रकोप का सामना कर सके.
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इसलिए केंद्र सरकार को जल्द ही योजना बनाकर टिड्डी नियंत्रण के लिए कारगर कार्य करना होगा. इसके लिए सबसे पहले तो सीमावर्ती जिलों में आए टिड्डी दलों को नियंत्रित करना होगा.
साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करके टिड्डी दलों के प्रजनन स्थल पर ही उन्हें नष्ट करने की योजना पर कार्य करना होगा, जब तक यह कार्य नहीं होगा तब तक इन टिड्डी दलों का आना ऐसे ही जारी रहेगा.