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प्रदेश में राजस्व कर्मचारियों का पेनडाउन हड़ताल, हस्तक्षर के लिए भटके लोग - जयपुर हिंदी न्यूज

राजस्थान में सोमवार को राजस्व कर्मचारियों ने एक दिन का पेनडाउन हड़ताल (revenue employees pendown strike) किया. इस कारण आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ा. राजस्थान पटवार संघ का कहना है कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा.

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राजस्व कर्मचारियों का पेन डाउन हड़ताल
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Published : Sep 27, 2021, 12:59 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 1:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले सोमवार को प्रदेश के राजस्व कर्मचारियों ने 1 दिन की पेनडाउन हड़ताल की. इस दौरान जयपुर जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय में काम के लिए आने वाली जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले अपनी मांग पूरी नहीं होने के कारण राज्य कर्मचारियों ने 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन गांव और प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार का ऐलान भी किया है.

राजस्थान राजस्व परिषद में शामिल पटवारी कानूनगो और तहसीलदार काफी लंबे समय से अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पिछली 3 जुलाई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुए समझौतों को लागू नहीं करने के कारण राजस्व सेवा परिषद के पटवारी, कानूनगों और तहसीलदारों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इन्होंने सरकार की ओर से शुरू किए जाने वाले प्रशासन गांव और प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार का निर्णय भी कर लिया है. राजस्थान पटवार संघ ने साफ कहा है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो इन अभियानों में कोई कर्मचारी काम नहीं करेगा. यह अभियान फेल साबित होंगे.

यह भी पढ़ें. राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने लगाया जाम, वाहन चालक हो रहे परेशान

राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि 3 जुलाई को परिषद के घटक राजस्थान पटवार संघ का सरकार के साथ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समझौता हुआ था, जिसकी पालना आज तक नहीं की गई. उन्होंने कहा कि प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान के तहत आयोजित प्रीकैंप का भी पटवारियों गिरदावर और तहसीलदारों ने बहिष्कार किया. राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष निमिवाल ने बताया कि राजस्व कर्मचारी 28 सितंबर को राजस्व मंडल अजमेर का घेराव भी किया जाएगा. इसके बावजूद भी मांग पूरी नहीं होने पर 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा.

राजस्व कर्मचारियों का पेन डाउन हड़ताल

राजस्व सेवा परिषद से जुड़े हुए पटवारी कानूनगो और तहसीलदार जनता से सीधे जुड़े हुए हैं. जाति प्रमाण पत्र ईडब्ल्यूएस आदि बनवाने के लिए इनकी रिपोर्ट की जरूरत पड़ती है. पटवारी की रिपोर्ट के बाद ही जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस आदि प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं. जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय लोग बड़ी संख्या में पहुंचे लेकिन पटवारियों ने पेन डाउन हड़ताल का कहकर लोगों को वापस लौटा दिया.

यह भी पढ़ें. कोटा: भारत बंद में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, थम गए ट्रकों के चक्के...बंद का मिलाजुला असर

राजस्थान राजस्व सेवा परिषद ने राजस्थान राज्य राजस्व सेवा परिषद के साथ-साथ समय-समय पर हुए समझौते के अनुसार पटवारी भू अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार के वेतनमान में सुधार करने की मांग की है. 3 जुलाई के समझौते के अनुसार पटवारी को 5 साल की सेवा अवधि पूरा करने पर वरिष्ठ पटवारी वेतन श्रृंखला और 9 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर भूअभिलेख निरीक्षक के पद का वेतनमान देने का आदेश जारी करने की मांग की. राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के पत्र के अनुसार अभियान के दौरान जारी किये जाने वाले पट्टों के पंजीयन का शक्तियां उपपंजीयक के स्थान पर नगरीय निकाय में पदस्थापित आयुक्त और अधिशाषी अधिकारियों को दिए जाने का निर्देश दिया है, जो विसंगतिपूर्ण है और राजस्व विभाग के अधिकारों पर अतिक्रमण है. अतः पंजीयन का अधिकार पूर्व की भांति उपपंजीयक को ही दिया जाए.

नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिसूचित करते हुए 100 प्रतिशत पदोन्नति और तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरा जाए. वर्तमान में तहसीलदार के 68 प्रतिशत, नायब तहसीलदार के 54 प्रतिशत और भू अभिलेख निरीक्षक के 20 प्रतिशत पद रिक्त हैं. जिनको तुरंत नियमित डीपीसी से भरा जाए. साथ ही उनकी मांग है कि परिषद के की सभी घटकों की कैडर स्ट्रेंथ में नवीन पदों का सृजन किया जाए. कोटा संभाग एवं सवाई माधोपुर के राजस्व कर्मियों के आंदोलन के समय के असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में बदला जाए. परिषद के घटक संगठनों के सभी कार्यों के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाए.

जयपुर. राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले सोमवार को प्रदेश के राजस्व कर्मचारियों ने 1 दिन की पेनडाउन हड़ताल की. इस दौरान जयपुर जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय में काम के लिए आने वाली जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले अपनी मांग पूरी नहीं होने के कारण राज्य कर्मचारियों ने 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन गांव और प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार का ऐलान भी किया है.

राजस्थान राजस्व परिषद में शामिल पटवारी कानूनगो और तहसीलदार काफी लंबे समय से अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पिछली 3 जुलाई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुए समझौतों को लागू नहीं करने के कारण राजस्व सेवा परिषद के पटवारी, कानूनगों और तहसीलदारों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इन्होंने सरकार की ओर से शुरू किए जाने वाले प्रशासन गांव और प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार का निर्णय भी कर लिया है. राजस्थान पटवार संघ ने साफ कहा है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो इन अभियानों में कोई कर्मचारी काम नहीं करेगा. यह अभियान फेल साबित होंगे.

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राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि 3 जुलाई को परिषद के घटक राजस्थान पटवार संघ का सरकार के साथ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समझौता हुआ था, जिसकी पालना आज तक नहीं की गई. उन्होंने कहा कि प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान के तहत आयोजित प्रीकैंप का भी पटवारियों गिरदावर और तहसीलदारों ने बहिष्कार किया. राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष निमिवाल ने बताया कि राजस्व कर्मचारी 28 सितंबर को राजस्व मंडल अजमेर का घेराव भी किया जाएगा. इसके बावजूद भी मांग पूरी नहीं होने पर 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा.

राजस्व कर्मचारियों का पेन डाउन हड़ताल

राजस्व सेवा परिषद से जुड़े हुए पटवारी कानूनगो और तहसीलदार जनता से सीधे जुड़े हुए हैं. जाति प्रमाण पत्र ईडब्ल्यूएस आदि बनवाने के लिए इनकी रिपोर्ट की जरूरत पड़ती है. पटवारी की रिपोर्ट के बाद ही जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस आदि प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं. जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय लोग बड़ी संख्या में पहुंचे लेकिन पटवारियों ने पेन डाउन हड़ताल का कहकर लोगों को वापस लौटा दिया.

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राजस्थान राजस्व सेवा परिषद ने राजस्थान राज्य राजस्व सेवा परिषद के साथ-साथ समय-समय पर हुए समझौते के अनुसार पटवारी भू अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार के वेतनमान में सुधार करने की मांग की है. 3 जुलाई के समझौते के अनुसार पटवारी को 5 साल की सेवा अवधि पूरा करने पर वरिष्ठ पटवारी वेतन श्रृंखला और 9 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर भूअभिलेख निरीक्षक के पद का वेतनमान देने का आदेश जारी करने की मांग की. राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के पत्र के अनुसार अभियान के दौरान जारी किये जाने वाले पट्टों के पंजीयन का शक्तियां उपपंजीयक के स्थान पर नगरीय निकाय में पदस्थापित आयुक्त और अधिशाषी अधिकारियों को दिए जाने का निर्देश दिया है, जो विसंगतिपूर्ण है और राजस्व विभाग के अधिकारों पर अतिक्रमण है. अतः पंजीयन का अधिकार पूर्व की भांति उपपंजीयक को ही दिया जाए.

नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिसूचित करते हुए 100 प्रतिशत पदोन्नति और तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरा जाए. वर्तमान में तहसीलदार के 68 प्रतिशत, नायब तहसीलदार के 54 प्रतिशत और भू अभिलेख निरीक्षक के 20 प्रतिशत पद रिक्त हैं. जिनको तुरंत नियमित डीपीसी से भरा जाए. साथ ही उनकी मांग है कि परिषद के की सभी घटकों की कैडर स्ट्रेंथ में नवीन पदों का सृजन किया जाए. कोटा संभाग एवं सवाई माधोपुर के राजस्व कर्मियों के आंदोलन के समय के असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में बदला जाए. परिषद के घटक संगठनों के सभी कार्यों के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाए.

Last Updated : Sep 27, 2021, 1:35 PM IST
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