जयपुर. ऑल इंडिया बैंक रिटायरीज फेडरेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रांतीय अधिवेशन रविवार को जयपुर में आयोजित हुआ. इस बैठक में अधिकारियों ने पेंशन अपग्रेडेशन, चिकित्सा सुविधा आदि मुद्दों को लेकर गहन मंथन किया और सेवानिवृत्त कर्मचारियों से स्वास्थ्य बीमा पर लिए जाने वाले जीएसटी को लेकर नाराजगी भी जताई.
एआईबीआरएफ फैमिली पेंशन में सुधार को लेकर भी मंथन किया गया. कर्मचारियों ने कहा कि फैमिली पेंशन 15 फीसदी मिलती है जो लगभग 7500 या 8000 रुपये तक है. जबकि सरकारी क्षेत्र और रिजर्व बैंक में यह 30 फीसदी है. देश मे करीब 72 हजार फैमिली पेंशनर्स है. जिनमें से 90 फीसदी महिलाएं हैं और आज के समय में उन महिलाओं के लिए घर खर्च चलाना असंभव है. अधिकारियों ने फैमिली पेंशन को रिजर्व बैंक के अनुरूप करने की मांग की.
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बैंक में लागू पेंशन रिजर्व बैंक की पेंशन योजना जैसी ही है. पिछले 24 सालों में पेंशन का कोई पुनरीक्षण नहीं हुआ जबकि लगातार प्रत्येक 5 साल में बैंक कर्मी के लिए वेतन वृद्धि समझौते हो रहे हैं. इस कारण से साल 2000 के समय सेवानिवृत्त लोगों को आज के मुकाबले बहुत ही कम पेंशन मिल रही है. बढ़ती उम्र में वांछित चिकित्सा सुविधा और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं के लिए पेंशन बहुत कम है. हाल ही में मार्च माह में सरकार ने रिजर्व बैंक में पेंशन में वृद्धि कर इसे 3.63 गुना बढ़ा दिया है. फेडरेशन ने मांग की, कि भारत सरकार पेंशनर्स की पेंशन रिजर्व बैंक के फार्मूले के अनुरूप ही बढ़ाएं.
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इस प्रांतीय अधिवेशन में 2015 में इंडियन बैंक एसोसिएशन ने बैंक रिटायरीज के लिए ग्रुप स्वास्थ्य बीमा योजना बैंक में कार्यरत कर्मियों के साथ शुरू की, परंतु रिटायरीज को स्वयं उसका प्रीमियम भरना पड़ता है. पिछले 4 सालों में प्रीमियम की राशि में लगभग 5 गुना वृद्धि कर यह 7500 रुपये से बढ़कर लगभग 34000 पहुंच चुका है. इसके कारण 60 फीसदी से ज्यादा लोगों को बीमा छोड़ने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वह अपनी थोड़ी पेंशन में बीमा रकम भरने में असमर्थ है. विशेष तौर से फैमिली पेंशनर्स इस योजना से बाहर हो गए हैं.
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भारत सरकार ने आयुष्मान भारत योजना में 5 लाख तक के चिकित्सा व्यय को मुफ्त कर दिया है. रिटायर बैंककर्मी इससे लाभान्वित नहीं हो पाए हैं. बीमा प्रिमियम पर 18 फीसदी जीएसटी भी चार्ज किया जा रहा है और अस्पताल बिल में भी इतनी ही रकम चार्ज की जा रही है. इसलिए उन्होंने मांग की कि जीएसटी वरिष्ठ नागरिकों से न लिया जाए और बैंक प्रबधन इसमें सब्सिडी भी दे. इसके अलावा पलंबित मुद्दों को आपस में वार्तालाप से सुलझाने की मांग की. साथ ही कहा कि एआईबीआरएफ बैंकों के विलय का विरोध करती है और विभिन्न कर्मचारी संगठनों की तरफ से किए जा रहे आंदोलनों का भी समर्थन करते हैं.
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इस अधिवेशन में ऑल इंडिया बैंक रिटायरीज फेडरेशन की राजस्थान यूनिट का गठन किया गया जिसमें पीसी पारीक को अध्यक्ष और जीके सिंघानिया को महासचिव बनाया गया है. साथ ही बैंक ऑफ इंडिया सेवानिवृत्त स्टाफ एसोसिएशन राजस्थान यूनिट का भी गठन किया गया जिसमें गोकुल चंद छावल को अध्यक्ष, ओमप्रकाश गुप्ता को उपाध्यक्ष और गजेंद्र कुमार सिंघानिया को महासचिव बनाया गया है.