जयपुर. प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच रेजिडेंट डॉक्टर्स आंदोलन की राह पर उतर आए हैं. अपनी कुछ मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स बीते 2 दिनों से काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. हाल ही में अपनी मांगों से जुड़ा एक मांग पत्र सवाईमान सिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपा गया था, जिसमें कुछ मांगें रेजिडेंट चिकित्सकों द्वारा की गई हैं.
जिसके तहत रेजिडेंट चिकित्सकों ने पॉजिटिव आने पर SMS अस्पताल में अलग से कॉटेज रूम रिजर्व करने की मांग रखी गई है. साथ ही चिकित्सकों की ओर से मांग की गई है कि 50% वेंटिलेटेड ICU रेजिडेंट के लिए रिजर्व रखे जाएं, एडमिट रेजिडेंट के लिए नर्सिंग कर्मचारी वार्ड बॉय और खाने-पीने की सभी व्यवस्थाएं की जाए, रेजिडेंट डॉक्टर के लिए सैंपल कलेक्शन की अलग से व्यवस्था की जाए.
साथ ही वर्क लोड बढ़ने पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, कोविड-19 पॉजिटिव ड्यूटी के दौरान आने पर रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए क्वॉरेंटाइन को लेकर एक गाइडलाइन जारी की जाए और ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्यकर्मी को सरकारी आदेशानुसार कोविड ड्यूटी इंसेंटिव दिया जाए. इन्हीं मांगों को लेकर एक ज्ञापन सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी को सौंपा गया था.
पढ़ें: 6 नवसृजित नगर निगमों के चुनाव कराने की अवधि बढ़ाने की हाइकोर्ट से मांग
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा से भी रेजिडेंट डॉक्टर्स की वार्ता हुई थी, लेकिन अभी भी रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगे पूरी नहीं हो पाई है. जिसके बाद सोमवार को सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया है. साथ ही रेजिडेंट चिकित्सकों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो सभी रेजिडेंट चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इससे पहले 19 और 20 सितंबर को समस्त रेजिडेंट ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया था.